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    NIT राउरकेला ने विकसित किया इंटेलिजेंट हाइब्रिड माइक्रोग्रिड, बिजली आपूर्ति को बनाएगा भरोसेमंद

    By Kamal Kumar BiswasEdited By: Shashank Baranwal
    Updated: Fri, 24 Oct 2025 03:06 PM (IST)

    एनआईटी राउरकेला के शोधकर्ताओं ने ग्रामीण इलाकों के लिए इंटेलिजेंट हाइब्रिड माइक्रोग्रिड विकसित किया है। यह सौर, पवन, बायोमास और पिको हाइड्रो जैसे स्रोतों से बिजली पैदा करता है। सिस्टम स्वचालित रूप से ऊर्जा स्रोत का चयन करता है, जिससे बिजली की आपूर्ति स्थिर रहती है। यह तकनीक दूरदराज के गांवों में जीवन स्तर सुधारने और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने में मदद करेगी।

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     प्रो. कृष्णा रॉय और प्रो. अर्नब घोष, NIT राउरकेला (बाएं से दाएं)। फोटो जागरण

    जागरण संवाददाता, राउरकेला। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) राउरकेला के शोधकर्ताओं ने ग्रामीण और ऑफ-ग्रिड इलाकों में स्वच्छ, सस्ती और निरंतर बिजली आपूर्ति के लिए एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने एक इंटेलिजेंट हाइब्रिड माइक्रोग्रिड विकसित किया है। 

    जो सौर, पवन, बायोमास और पिको हाइड्रो जैसे कई नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को बैटरी सिस्टम के साथ जोड़कर बिजली की आपूर्ति को स्थिर और भरोसेमंद बनाता है। 

    इस प्रणाली की खास बात यह है कि यह अपने आप तय करती है कि किस समय कौन-सा ऊर्जा स्रोत इस्तेमाल होगा। सुबह सौर ऊर्जा का इस्तेमाल होता है, फिर दिन में पवन, बायोमास गैसिफायर या पिको हाइड्रो पावर को ऑटोमैटिक स्विच कर दिया जाता है। 

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    इससे बिजली की आपूर्ति कभी नहीं टूटती, भले ही मौसम बदल जाए। एक गतिशील पावर मैनेजमेंट सिस्टम (पीएमएस) के जरिए बैटरी को सही तरीके से चार्ज और डिस्चार्ज किया जाता है। 

    इससे बैटरी की उम्र बढ़ती है, खर्च कम आता है और ऊर्जा भंडारण की क्षमता भी बेहतर होती है। यह प्रणाली लगभग 10 केडब्ल्यूएच तक विश्वसनीय बिजली पैदा कर सकती है। जो चार परिवारों की जरूरत पूरी करने के लिए काफी है। 

    यह दूर-दराज के गांवों में जीवन स्तर सुधारने, रोजगार के मौके बढ़ाने और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने में मदद करेगी। इस शोध को आईईईई ट्रांजेक्शन्स ऑन इंडस्ट्री एप्लीकेशन्स जैसे प्रतिष्ठित जर्नल में प्रकाशित किया गया है।  

    इस तकनीक का इस्तेमाल सिर्फ माइक्रोग्रिड में ही नहीं, बल्कि इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन और स्वतंत्र सोलर प्लांट में भी किया जा सकता है। 

    एनआईटी राउरकेला का लक्ष्य है कि हर घर तक हरित ऊर्जा पहुंचे, और यह तकनीक उसी दिशा में एक बड़ा कदम है। इसे सहायक प्रोफेसर डॉ. अर्नब घोष, डॉ. कृष्णा रॉय और शोध छात्रा अनन्या प्रीतिलग्ना बिस्वाल ने मिलकर तैयार किया।