भारत की मिसाइल शक्ति को मिली नई ऊंचाई, ओडिशा में हुआ शॉर्ट-रेंज Prithvi-II और Agni-I का सफल परीक्षण
भारत ने ओडिशा के चांदीपुर में एकीकृत परीक्षण रेंज से पृथ्वी-II और अग्नि-I (Agni-I missile test) कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों का सफल परीक्षण किया। 17 जुलाई को हुए इन प्रक्षेपणों ने सभी परिचालन और तकनीकी मानकों को प्रमाणित किया। सामरिक बल कमान के तत्वावधान में यह परीक्षण किया गया।

लावा पांडेय, बालेश्वर (ओडिशा)। भारत ने अपनी सामरिक शक्ति में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करते हुए गुरुवार की शाम 6:40 बजे ओडिशा के अब्दुल कलाम द्वीप के लांच पैड से अग्नि-1 मिसाइल का सफल परीक्षण किया। यह परीक्षण रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा किया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य मिसाइल के अपग्रेडेशन, मारक क्षमता और भार क्षमता में वृद्धि करना था।
अग्नि-1 भारत की पहली कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल है, जो परमाणु और पारंपरिक दोनों प्रकार के हथियार ले जाने में सक्षम है। यह ठोस ईंधन पर आधारित एकल चरणीय मिसाइल 700 से 1200 किलोमीटर की मारक क्षमता रखती है।
इसे सड़क और रेल आधारित प्लेटफॉर्म से लॉन्च किया जा सकता है और यह अत्याधुनिक नेविगेशन प्रणाली से लैस है, जो इसे सटीक निशाना साधने में सक्षम बनाती है। अग्नि-1 का पहला सफल परीक्षण 2003 में हुआ था और इसे 2007 में भारतीय सशस्त्र बलों में शामिल किया गया।
इसका नियमित परीक्षण सामरिक बल कमान द्वारा किया जाता है। इसके अलावा, चांदीपुर से डीआरडीओ द्वारा विकसित पृथ्वी-2 मिसाइल का भी परीक्षण किया गया। यह सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल 350 से 500 किलोमीटर की दूरी तक एक टन वारहेड पहुंचाने में सक्षम है।
प्रारंभ में वायुसेना के लिए विकसित की गई यह मिसाइल अब थल सेना में भी शामिल है और दो दर्जन से अधिक सफल परीक्षणों में अपनी दक्षता सिद्ध कर चुकी है। इसका उपयोग परमाणु हथियार ले जाने के लिए भी किया जा सकता है।
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