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    अब दुनिया देखेगी भारत का दम! DRDO की हाइपरसोनिक मिसाइल चीन और पाकिस्तान के लिए बनी खतरा, पढ़ें खासियतें

    Updated: Sun, 17 Nov 2024 12:45 PM (IST)

    भारतीय डीआरडीओ ने ओडिशा के अब्दुल कलाम द्वीप से हाइपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया है जिसकी मारक क्षमता 1500 किलोमीटर से अधिक है। यह मिसाइल आवाज की रफ्तार से कम से कम 5 गुना तेजी से उड़ान भर सकती है जिसकी न्यूनतम रफ्तार 6174 किलोमीटर प्रति घंटा होती है। इसके अलावा यह मिसाइल क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइल दोनों के फीचर से लैस होती है।

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    DRDO की हाइपरसोनिक मिसाइल चीन और पाकिस्तान के लिए बनी खतरा

    लावा पांडे, बालेश्वर। भारतीय डीआरडीओ ने शनिवार को ओडिशा के तट पर स्थित अब्दुल कलाम द्वीप से लंबी दूरी तक प्रहार करने वाले हाइपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। यह परीक्षण देश के लिए रक्षा क्षेत्र में बड़ा योगदान साबित होगा।

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    हाइपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण ओडिशा के तटीय इलाके पर स्थित एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से शनिवार रात को किया गया।

    इस हाइपरसोनिक मिसाइल को हैदराबाद स्थित डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम मिसाइल कंपलेक्स लैबोरेट्री और डीआरडीओ के उद्यम से जुड़े अन्य साझेदारी के साथ मिलकर तैयार किया गया है।

    इसकी मारक क्षमता 1500 किलोमीटर से ज्यादा बताई गई है तथा अलग-अलग पेलोड से हमला करने के लिए बनाया गया है।  इसे सभी सशस्त्र बलों के इस्तेमाल के लिहाज से तैयार किया गया है। 

    मिसाइल के परीक्षण के दौरान डीआरडीओ के वैज्ञानिक और सशस्त्र बल के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर मौजूद थे। अलग-अलग रेंज सिस्टम से इसे ट्रैक किया गया, इसके बाद मिसाइल की उड़ान को लेकर, जो आंकड़े सामने आए उससे इसके प्रभाव और अचूक निशाने की बात को तय किया गया।

    क्या है हाइपरसोनिक मिसाइल

    हाइपरसोनिक मिसाइल आवाज की रफ्तार (1235 किलोमीटर प्रति घंटा) से कम से कम 5 गुना तेजी से उड़ान भर सकती है। यानी इसकी न्यूनतम रफ्तार 6174 किलोमीटर प्रति घंटा होती है। हाइपरसोनिक मिसाइल क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइल दोनों के फीचर से लैस होती है।

    यह मिसाइल लॉन्च के बाद पृथ्वी की कक्षा से बाहर चली जाती है। इसके बाद यह जमीन या हवा में मौजूद टारगेट को अपना निशाना बनाती है।  इन्हें रोकना काफी मुश्किल होता है। साथ ही तेज रफ्तार की वजह से रडार भी इन्हें नहीं पकड़ पाते हैं।

    दुनिया में इस वक्त हाइपरसोनिक मिसाइल की क्षमता सिर्फ पांच देशों अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस और भारत के पास है। कई देश इसकी तकनीक विकसित करने में लगे हैं। इसके परीक्षण को देखते हुए भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तथा डीआरडीओ के अध्यक्ष समीर वी कामत ने पूरी टीम को बधाई दी है।

    भक्तों के लिए फिर खुले पुरी जगन्नाथ मंदिर के चारों द्वार

    उधर, कार्तिक मास समाप्त होने के साथ ही श्रद्धालुओं की भीड़ कम हो गई है। इसके बाद पुरी जगन्नाथ मंदिर के चारों द्वारों को पुन: खोल दिया गया है। यह जानकारी श्रीमंदिर प्रशासन की तरफ से दी गई है।

    उन्होंने कहा है कि चारों द्वारों से भक्त प्रवेश करेंगे। तीन द्वारों से बाहर निकलने की व्यवस्था की गई है। मंदिर प्रशासन के अनुसार, नाट्यमंडप में भक्तों के लिए विशेष दर्शन की व्यवस्था विचाराधीन है। मंदिर की प्रबंधन समिति की सलाह और मंजूरी मिलने के बाद इसे लागू किया जाएगा।

    कार्तिक मास के बाद की व्यवस्थाओं को लेकर मंदिर के मुख्य प्रशासक की अध्यक्षता में अहम बैठक हुई। बैठक में जिलाधीश, पुलिस अधीक्षक, मंदिर और पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार शनिवार को श्रद्धालुओं ने चारों द्वारों से मंदिर में प्रवेश किया।

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