नुआपड़ा में बीजेडी नेता मनोज मिश्रा के ठिकानों पर आयकर का छापा, राजनीतिक हलचल तेज
ओडिशा के नुआपड़ा जिले में आयकर विभाग ने बीजेडी नेता मनोज मिश्रा के ठिकानों पर छापेमारी की, जिससे राजनीतिक हलचल तेज हो गई। यह कार्रवाई नुआपड़ा उपचुनाव से पहले हुई है, जिसे लेकर बीजेडी और बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। आयकर विभाग की जांच जारी है और आगे की कार्रवाई का इंतजार है।
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बीजेडी नेता मनोज मिश्रा के ठिकानों पर छापेमारी करती आयकर विभाग की टीम। (जागरण)
जागरण संवाददाता, अनुगुल। ओडिशा के नुआपड़ा जिले में सुबह तड़के आयकर विभाग की टीम ने बीजेडी (बीजू जनता दल) के वरिष्ठ नेता मनोज मिश्रा के आवास और उनसे जुड़े ठिकानों पर छापेमारी की। बताया जा रहा है कि यह कार्रवाई सुबह करीब 6 बजे शुरू हुई, जो कई घंटे तक जारी रही।
छापे की खबर फैलते ही इलाके में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई। सूत्रों के अनुसार, विभाग की टीम ने मिश्रा के घर से जुड़े बैंक खातों, संपत्ति दस्तावेजों और डिजिटल उपकरणों की जांच की। हालांकि, अभी तक विभाग की ओर से यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि छापे में क्या बरामद हुआ।
उपचुनाव से पहले बढ़ा तनाव
यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब नुआपड़ा विधानसभा सीट पर 11 नवंबर को उपचुनाव होना है। बीजेडी के भीतर मनोज मिश्रा को इस सीट के संभावित उम्मीदवार के तौर पर देखा जा रहा था, हालांकि पार्टी ने बाद में पूर्व विधायक स्नेहांगिनी छुरिया को उम्मीदवार बनाया।

बीजेडी के वरिष्ठ नेता मनोज मिश्रा।
छापे के तुरंत बाद बीजेडी नेताओं ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया। पार्टी प्रवक्ताओं ने आरोप लगाया कि भाजपा की सह पर यह कार्रवाई की गई है ताकि उपचुनाव से पहले बीजेडी की छवि को नुकसान पहुंचाया जा सके।
भाजपा का जवाब
वहीं, भाजपा नेताओं ने बीजेडी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि आयकर विभाग एक स्वतंत्र एजेंसी है और वह कानून के तहत कार्रवाई कर रहा है। पार्टी ने कहा कि यदि सब कुछ पारदर्शी है, तो डरने की जरूरत नहीं।
स्थानीय स्तर पर हलचल
मिश्रा के घर के बाहर भारी पुलिस बल तैनात किया गया ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके। स्थानीय लोगों के मुताबिक, आयकर विभाग की टीम ने देर शाम तक तलाशी जारी रखी। छापे के दौरान मिश्रा घर पर ही मौजूद थे और उन्होंने अधिकारियों के साथ सहयोग किया।
राजनीतिक विश्लेषकों की राय
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि यह छापा नुआपड़ा उपचुनाव के राजनीतिक समीकरण को प्रभावित कर सकता है। बीजेडी इसे सत्ताधारी केंद्र सरकार की “राजनीतिक चाल” बता रही है, जबकि भाजपा इसे “कानूनी प्रक्रिया” कह रही है।
आगे की कार्रवाई
फिलहाल आयकर विभाग की ओर से आधिकारिक बयान का इंतजार है। विभाग द्वारा जब्त किए गए दस्तावेजों और सामग्रियों की जांच के बाद ही आगे की दिशा तय होगी।

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