जगतसिंहपुर में अवैध रेत खनन पर देर रात बड़ी कार्रवाई, 40 से ज्यादा डंपर और ट्रैक्टर जब्त
भुवनेश्वर के महानदी नदी के किलिपाल रेत घाट पर अवैध खनन के खिलाफ संयुक्त दल ने छापेमारी की। 40 से अधिक रेत से भरे भारी वाहन जब्त किए गए और पांच चालक हिरासत में लिए गए। यह कार्रवाई अवैध रेत खनन की सूचना पर की गई, जिसमें ठेकेदार पर भी नियमों के उल्लंघन का आरोप है। जिला प्रशासन राजस्व नुकसान की जांच कर रहा है।

40 से ज्यादा डंपर और ट्रैक्टर जब्त
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। महानदी नदी के किलिपाल रेत घाट पर अवैध खनन के खिलाफ एक उच्च-स्तरीय संयुक्त दल बल ने देर रात छापेमारी की।इस दौरान अवैध खनन और परिवहन में शामिल 40 से अधिक रेत से भरे भारी वाहन जब्त किए गए।
यह अभियान आधी रात के बाद चलाया गया, जिसकी अगुवाई सेंट्रल रेंज डीआईजी ने की।उनके साथ जगतसिंहपुर के कलेक्टर, जिला पुलिस अधीक्षक और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
निर्धारित सीमा से अधिक रेत
सूत्रों के अनुसार, सरकारी निर्धारित सीमाओं से अधिक रेत उठाने और बड़े पैमाने पर चोरी-छिपे रेत तस्करी की विश्वसनीय सूचनाओं के आधार पर यह कार्रवाई की गई।
अधिकारियों ने बताया कि ट्रकों और ट्रैक्टरों में निर्धारित सीमा से कहीं अधिक रेत लादी जा रही थी, जिससे राजस्व नुकसान और पर्यावरणीय क्षति की आशंका बढ़ गई थी।
अचानक छापा: चालक गिरफ्तार
टीम बिना किसी पूर्व सूचना के मौके पर पहुंची और घाट को चारों ओर से घेर लिया।इस दौरान कई वाहन रेत लोड करते या परिवहन की तैयारी करते पाए गए।40 से अधिक भारी वाहन—डंपर ट्रक और ट्रैक्टर—मौके से जब्त किए गए, जबकि पांच चालकों को हिरासत में लिया गया।
आरोपियों में से एक के पास से एक मोबाइल फोन भी जब्त किया गया, जिसमें अवैध गतिविधियों से जुड़े महत्वपूर्ण संचार रिकॉर्ड होने की आशंका है।
सूत्रों का कहना है कि सरकारी निविदा प्रक्रिया से रेत घाट का ठेका लेने वाला कॉन्ट्रैक्टर भी जांच के दायरे में है, क्योंकि उस पर निर्धारित सीमा से अधिक रेत उठाने की अनुमति देने का संदेह है।
अधिकारियों ने पुष्टि की कि जब्त किए गए वाहन अभी भी पुलिस निगरानी में घाट पर खड़े हैं और रेत भरे वाहनों को लेकर भागने की किसी भी कोशिश को रोकने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया गया है।
घाट कॉन्ट्रैक्टर पर नियम उल्लंघन की शिकायत
प्रारंभिक जांच से पता चला है कि कॉन्ट्रैक्टर ने न केवल खनन की निर्धारित सीमा बल्कि परिवहन नियमों को भी दरकिनार किया हो सकता है।आरोप है कि प्रशासनिक निगरानी से बचने के लिए रेत की ढुलाई रात में की जा रही थी।
जिला प्रशासन यह सत्यापित कर रहा है कि रॉयल्टी भुगतान और अनुमतियां रेत उठाते समय सही तरीके से दर्ज की गई थीं या नहीं।छापेमारी में शामिल अधिकारियों ने बताया कि आगे की जांच में निविदा शर्तों, रॉयल्टी रसीदों और वाहनों के जीपीएस ट्रैकिंग की गहन जांच की जाएगी, ताकि राजस्व नुकसान के पैमाने का पता लगाया जा सके।
साथ ही, गिरफ्तार चालकों के विस्तृत बयान लेकर अवैध रेत व्यापार से जुड़े बड़े नेटवर्क का खुलासा करने की दिशा में कार्रवाई आगे बढ़ाई जाएगी।

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