GST परिषद ने बैठक में केंदू पत्तों पर कर छूट की ओड़िशा की मांग को किया खारिज
केंद्रीय वित्त-मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में शनिवार को नई दिल्ली में हुई जीएसटी परिषद की बैठक में केंदू के पत्ते पर कर से छूट की ओडिशा की मांग को खारिज कर दिया गया। राज्य के वित्तमंत्री के मुताबिक दोहरा कराधान केंदू पत्ता बीनने वालों को प्रभावित कर रहा है।

अनुगुल , संतोष कुमार पांडेय। केंद्रीय वित्त-मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में शनिवार को नई दिल्ली में हुई जीएसटी परिषद की बैठक में केंदू के पत्ते पर कर से छूट की ओडिशा की मांग को खारिज कर दिया गया। ओडिशा द्वारा केंदू पत्ते को छूट वाली वस्तुओं के तहत सूचीबद्ध करने की मांग करते हुए तर्क दिया गया है कि जीएसटी कर लाखों आदिवासियों की आजीविका पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है, जो परंपरागत रूप से केंदू के पत्तों को तोड़ने में लगे हुए हैं।
बीड़ी पर 28 प्रतिशत है कर
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने ओडिशा के हरे सोने के रूप में जाने जाने वाले केंदू के पत्तों के संग्रह पर जीएसटी को पूरी तरह से वापस लेने की मांग करते हुए सीतारमण को पत्र भी लिखा था। बैठक में केंदू के पत्ते पर 18 प्रतिशत जीएसटी के तत्काल रोलबैक की मांग उठाते हुए, राज्य के वित्त मंत्री निरंजन पुजारी ने तर्क दिया कि केंदू के पत्ते के तैयार उत्पाद बीड़ी पर 28 प्रतिशत कर पहले ही लगाया जा चुका है।
उन्होंने कहा कि दोहरा कराधान केंदू पत्ता बीनने वालों को प्रभावित कर रहा है, जिनमें से 90 प्रतिशत से अधिक आदिवासी हैं । इसके अलावा बाइंडर्स और मौसमी श्रमिक भी हैं। 18 प्रतिशत जीएसटी वन अधिकार अधिनियम, 2006 और पेसा अधिनियम, 1996 के खिलाफ है। हालांकि, आंध्र प्रदेश ने मांग का समर्थन किया, लेकिन फिटमेंट कमेटी के सुझावों के अनुसार जीएसटी परिषद, केंद्र और राज्यों के राजस्व अधिकारियों के एक पैनल ने 18 प्रतिशत की यथास्थिति बनाए रखने का फैसला किया है।
श्रमिकों के लिए वित्तीय रीढ़ है केंदू पत्ता
केंदू पत्ता, एक लघु वनोपज, राज्य के लगभग आठ लाख पत्ते तोड़ने वालों, बांधने वालों और मौसमी श्रमिकों की वित्तीय रीढ़ है। वे ज्यादातर आदिवासी समुदाय और समाज के सबसे गरीब लोगों से संबंधित हैं। पिछले साल नवंबर में मुख्यमंत्री ने केंदू पत्ता चुनने वालों और अन्य कर्मचारियों के कल्याण के लिए विशेष पैकेज की घोषणा की थी। विशेष पैकेज में प्रत्येक केंदू पत्ता तोड़ने वाले के लिए 1,000 रुपये और प्रत्येक मौसमी कर्मचारी और बाइंडर के लिए 1,500 रुपये के अलावा केंदू पत्ता तोड़ने वालों और अन्य कर्मचारियों की संतानों के लिए वजीफा शामिल था।
बीजू स्वास्थ्य कल्याण योजना स्वास्थ्य योजना के तहत सभी केंदू पत्ते तोड़ने वालों और कर्मचारियों को कवर किया गया था। केंदु पत्ता तोड़ने वालों को बोनस देने वाला ओडिशा देश का पहला राज्य भी है। परिषद ने जून 2022 के लिए 23 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को 16,982 करोड़ रुपये के लंबित जीएसटी मुआवजे को मंजूरी दे दी, जिसमें से ओडिशा को 529 करोड़ रुपये मिलेंगे।
चूंकि जीएसटी मुआवजा कोष में कोई राशि नहीं है, इसलिए केंद्र के अपने संसाधनों से राशि जारी करने का निर्णय लिया गया और इसे भविष्य के मुआवजा उपकर संग्रह से वसूल किया जाएगा। परिषद ने पान मसाला, गुटखा और चबाने वाले तंबाकू जैसी वस्तुओं के लिए क्षमता-आधारित कराधान पर पुजारी की अगुवाई वाले मंत्रियों के समूह (जीओएम) की सिफारिशों को भी स्वीकार कर लिया।
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