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    Jagannath Dham में बनकर तैयार भव्य 'परिक्रमा कॉरिडोर', 17 जनवरी को होगा शुभारंभ; मेहमानों को निमंत्रण देने की प्रक्रिया शुरू

    By Sheshnath Rai Edited By: Shashank Shekhar
    Updated: Tue, 26 Dec 2023 01:55 PM (IST)

    पुरी जगन्नाथ धाम दुनिया के चारों धाम से एक है। यहां हर दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। मंदिर के चारों ओर 75 मीटर की दूरी पर रहने वाले मठ-मंदिर एवं घरों को खाली करा एक कॉरिडर का निर्माण किया गया है। इसके गलियारे की चौड़ाई 75 मीटर है। पार्क पूजा-मंडप शौचालय बैठने के लिए बेंच मोबाइल चार्जिंग स्टैंड जूता-स्टैंड आदि की व्यवस्था की गई है।

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    Jagannath Dham में बनकर तैयार भव्य 'परिक्रमा कॉरिडोर', 17 जनवरी को होगा शुभारंभ;

    शेषनाथ राय, भुवनेश्वर। पुरी जगन्नाथ धाम दुनिया के चारों धाम से एक धाम है। यहां हर दिन हजारों की संख्या में प्रदेश के अलावा देश के कोने-कोने से श्रद्धालु आते हैं। ऐसे में मंदिर के चारों तरफ 75 मीटर की दूरी में रहने वाले तमाम मठ-मंदिर एवं घरों को खाली कराकर एक कॉरिडर का निर्माण किया गया है।

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    चारों ओर इसके गलियारे की चौड़ाई 75 मीटर है, जिसमें पार्क, पूजा मंडप, शौचालय, बैठने के लिए बेंच, मोबाइल चार्जिंग स्टैंड, जूता स्टैंड आदि की व्यवस्था की गई है। कॉरिडोर को भव्य तरीके से रंग-बिरंगे फुलों से सजाया-संवारा गया है। भक्तों के मंदिर परिक्रमा के लिए परिक्रमा मार्ग बनाया गया है। इस परिक्रमा मार्ग की परिधि 1 किलोमीटर 300 मीटर है। 330 करोड़ रुपये की लागत से बने पुरी जगन्नाथ मंदिर के इस परिक्रमा परियोजना का शुभारंभ 17 जनवरी को है।

    ऐसे में परिक्रमा परियोजना के शुभारंभ से पहले देश के तमाम धर्मपीठ एवं देवालय एवं धर्माचार्यों के साथ नेपाल नरेश को निमंत्रण देने की प्रक्रिया मंगलवार से शुरू हुई है। इसी क्रम में पुरी जगन्नाथ मंदिर से भुवनेश्वर पहुंचे सेवकों ने सबसे पहले भुवनेश्वर में लिंगराज महाप्रभु को परिक्रमा परियोजना के शुभारंभ समारोह में भाग लेने को निमंत्रित किया।

    इसके बाद नवीन निवास जाकर मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को निमंत्रण पत्र दिया है। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने एक मुट्ठी चावल और एक गुआ जगन्नाथ महाप्रभु के उद्देश्य से सेवकों दिया है।

    मेहमानों को निमंत्रण देने की प्रक्रिया शुरू

    परियोजना के शुभारंभ समारोह में भाग लेने के लिए सर्वप्रथम महाप्रभु जगन्नाथ जी को निमंत्रित करने के बाद मंगलवार को सबसे पहले भुवनेश्वर में लिंगराज महाप्रभु को निमंत्रित किया गया। इसके बाद मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को सेवकों ने नवीन निवास जाकर निमंत्रण पत्र दिया है। इसके अलावा ओडिशा के साथ देश में मौजूद विभिन्न धर्मपीठ, देवी-देवता व धर्म गुरुओं को निमंत्रण देने का कार्य आज से शुरू हुआ है। मंदिर के सेवादार और अधिकारी देश के विभिन्न मंदिरों, 4 धामों और 12 ज्योतिर्लिंगों को निमंत्रण पत्र देने के लिए आज रवाना हुए हैं।

    निमंत्रण लेकर भुवनेश्वर पहुंचे भगवान जगन्नाथ के सेवकों का भव्य स्वागत

    निमंत्रण पत्र लेकर पुरी से आयी सेवादार टीम का भुवनेश्वर पहुंचने के बाद भव्य स्वागत किया गया। गाजे बाजे के साथ जगन्नाथ महाप्रभु के जयकारे के साथ लोगों ने सेवादार टीम का स्वागत किया। सेवादार टीम को पुरी सर्किट हाउस में विश्राम करने की व्यवस्था पहले से ही की गई थी, जहां कुछ समय के विश्राम के बाद सेवादार टीम प्रदेश एवं देश के विभिन्न हिस्सों में सूचीवद्ध स्थलों पर निमंत्रण देने को रवाना हुए।

    सेवादारों ने कहा- परिक्रमा मार्ग बनाकर मुख्यमंत्री ने रचा इतिहास

    मुख्यमंत्री को निमंत्रण पत्र देने के बाद पुरी जगन्नाथ मंदिर के सेवकों ने कहा कि नवीन पटनायक ने परिक्रमा मार्ग बनाकर एक इतिहास रचा है। इसके लिए नवीन पटनायक का नाम आगामी दिनों में इतिहास के स्वर्ण अक्षरों में दर्ज होगा। मुख्यमंत्री जगन्नाथ जी के परमभक्त हैं। जगन्नाथ महाप्रभु के आशीर्वाद के बिना परिक्रमा प्रोजेक्ट बनना सम्भव नहीं था।

    यह सबके सहयोग से सफल हुआ है। मंदिर के 75 मीटर रेडियस को खाली करना और उसे विकसित करना आसान कार्य नहीं था। महाप्रभु के आशीर्वाद से यह सब संभव हुआ है। अब हम इस समारोह में भाग लेने वाले अतिथियों को आमंत्रित करने के निकले हैं।

    जानकारी के मुताबिक आज सुबह 8.30 बजे 30 सदस्य प्रतिनिधि दल प्रदेश और देश के विभिन्न प्रमुख मंदिरों के प्रमुख स्थानों पर निमंत्रण पत्र लेकर रवाना हुए। राज्य के भीतर निमंत्रण पत्र वितरित करने के लिए 13 टीम बनाई गई है जबकि राज्य के बाहर निमंत्रण कार्ड वितरित करने के लिए 17 टीम का गठन किया गया है। यह टीम देश के विभिन्न देव पीठ और धर्म गुरुओं को आमंत्रित करेगी। पहला निमंत्रण पत्र खुद महाप्रभु जगन्नाथ जी को दिया गया था।

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