Odisha Politics: संबलपुर की इस पूर्व विधायक ने राजनीति से लिया सन्यास, BJD पर लगाया ये आरोप
मंगलवार को संबलपुर की पूर्व विधायक डॉ. रासेश्वरी पाणिग्राही ने बीजद के प्राथमिक सदस्यता समेत अन्य सभी दलीय पदों से अपना इस्तीफा दे दिया। उन्होंने इस्तीफे देने के बाद प्रेसवार्ता कर इसकी जानकारी दी और ये इस्तीफा उन्होंने बीजद सुप्रीमो व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को भेजा। इस्तीफा देने के उन्होंने आगे से राजनीति में कदम न रखने की बात कही।
संवाद सहयोगी, संबलपुर। आगामी चुनाव से एक महीने पहले, संबलपुर की पूर्व विधायक डॉ. रासेश्वरी पाणिग्राही ने मंगलवार के दिन बीजद के प्राथमिक सदस्यता समेत अन्य समस्त दलीय पदों से अपना इस्तीफा दे दिया।
उन्होंने अपना इस्तीफा बीजद सुप्रीमो व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को भेजने के बाद यहां प्रेसवार्ता में इसकी जानकारी देते हुए साफ कर दिया की आगे से वह राजनीति में कदम भी नहीं रखेंगी और समाजसेवा के लिए अपनी बाकि जिंदगी समर्पित कर देंगी।
साल 2014 में भाजपा के विधायक जयनारायण मिश्र को किया पराजित
इसी के साथ उन्होंने यह भी घोषणा की है कि वह अपनी सारी संपत्ति अपने ट्रस्ट को दान कर देंगी। गौरतलब है कि पेशे से डॉक्टर होने और सेवानिवृत होने के बाद समाजसेवा में अपनी अलग पहचान बनाने वाली डॉ.रासेश्वरी पाणिग्राही को बीजद ने वर्ष 2014 में संबलपुर विधानसभा के लिए उम्मीदवार बनाया था, जिसमें उन्होंने भाजपा के तीन बार विधायक रह चुके जयनारायण मिश्र को पराजित किया था।
इसके बाद, बीजद ने उन्हें वर्ष 2019 में भी उम्मीदवार बनाया, लेकिन इस चुनाव में भाजपा के जयनारायण की जीत हुई। चुनाव में पराजित होने के बावजूद डॉ.रासेश्वरी राजनीति में सक्रिय रहीं और जिले में बीजद को मजबूत करने की कोशिश में जुटी रहीं, लेकिन इस बार उन्हें उम्मीदवार नहीं बनाए जाने को लेकर उनके समर्थकों में असंतोष देखा गया।
क्यों दिया इस्तीफा
मंगलवार के दिन, अपने इस्तीफे के बाद स्थानीय शांतिनगर में आयोजित प्रेसवार्ता में डॉ.रासेश्वरी ने दो टूक शब्दों में कहा कि संबलपुर के प्रति बीजद के अवहेलना को देख उन्होंने अपना इस्तीफा दिया है।
उन्होंने बताया कि संबलपुर पश्चिम ओडिशा का प्राणकेंद्र है। इसकी अपनी गरिमा, पहचान, स्वाभिमान और अस्मिता है, जिसे बीजद ने अनदेखी किया।
इसलिए राजनीति का सन्यास लेने की लिया निर्णय
बीजद को लगता है कि संबलपुर में कोई योग्य उम्मीदवार नहीं है, इसके लिए बाहरी नेताओं को यहां से उम्मीदवार बनाया गया है। बीजद के इस अवहेलना को देखते हुए उन्होंने इस्तीफा देने समेत राजनीति से सन्यास लेने का निर्णय लिया।
उन्होंने आगे बताया है कि संबलपुर में पिछले 25 वर्षों के दौरान जितना विकास नहीं हुआ, उतना विकास उनके विधायक रहने के दौरान वर्ष 2014 से लेकर 2019 के दौरान हुआ। संबलपुर में बीजद मजबूत हुआ, लेकिन इसे अनदेखा किया गया।
भविष्य में ट्रस्ट के जरिए लोगों की सेवा करने की कही बात
अपने संबलपुर के स्वाभिमान और अस्मिता की खातिर उन्होंने बीजद से इस्तीफा दिया है और भविष्य में किसी भी राजनीतिक दल या राजनीतिक कार्यक्रमों में शामिल नहीं होकर अपने ट्रस्ट के माध्यम से लोगों की सेवा करती रहेंगी।
खबर है कि अपनी नेता डॉ.रासेश्वरी के इस्तीफे के बाद उनके समर्थकों ने भी बीजद से इस्तीफा देना शुरु कर दिया है, जिसे लेकर आगामी चुनाव में इसका असर देखने को मिल सकता है।
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