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ओडिशा में पहली बार किसी पुलिसकर्मी ने की मंत्री की गोली मारकर हत्या, ASI ने मात्र 4 फुट की दूरी से मारी गोली

Naba Kisor Das Shot Dead नवीन सरकार के एक प्रभावशाली मंत्री को एक निचले स्तर के पुलिस कर्मचारी एएसआई गोपाल दास द्वारा अपनी सर्विस रिवाल्वर से गोली मारने की घटना ने पूरे ओडिशा में सनसनी फैला दी। वह भी उस पुलिसकर्मी द्वारा जो खुद मंत्री की सुरक्षा में तैनात था।

By Sheshnath RaiEdited By: Ashish PandeyPublished: Mon, 30 Jan 2023 11:00 AM (IST)Updated: Mon, 30 Jan 2023 11:00 AM (IST)
ओडिशा में पहली बार किसी पुलिसकर्मी ने की मंत्री की गोली मारकर हत्या, ASI ने मात्र 4 फुट की दूरी से मारी गोली
ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री नव किशोर दास की ASI गोपाल दास ने सीने में गोली मारकर की हत्या

शेषनाथ राय, भुवनेश्वर: देश एवं विदेशों में मंत्री, प्रधानमंत्री एवं राष्ट्रपति को उनके सुरक्षा कर्मचारियों द्वारा हत्या करने या हत्या का प्रयास करने के कई उदाहरण हैं, मगर ओडिशा में हुई यह घटना पूरी तरह से नई है। आजाद ओडिशा के इतिहास में पहली बार सुरक्षा दायित्व में तैनात एक पुलिस कर्मचारी द्वारा एक मंत्री की गोली मार कर हत्या की गई है। स्वास्थ्य मंत्री नव किशोर दास को गोली मारने की घटना अब एक दुर्भाग्यपूर्ण उदाहरण बन गई है।

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नवीन सरकार के एक प्रभावशाली मंत्री को एक निचले स्तर के पुलिस कर्मचारी एएसआई गोपाल दास द्वारा अपनी सर्विस रिवाल्वर से गोली मारने की घटना ने पूरे ओडिशा में सनसनी फैला दी है। वह भी उस पुलिस कर्मचारी द्वारा जो खुद मंत्री की सुरक्षा में तैनात था। एएसआई ने मंत्री को मात्र 4 फुट की दूरी से गोली मारी। मंत्री को कुल तीन गोलियां मारी गईं, इनमें से एक गोली मंत्री के सीने में लगी, जबकि एक गोली अन्य व्यक्ति को लगी और एक गोली ब्लैंक फायर हुई। इस घटना ने सभी को विस्मित कर दिया है।

एक मंत्री की पुलिस कर्मचारी द्वारा हत्या करने की घटना ओडिशा में अपनी तरह का पहला मामला है। एक लोकप्रिय सरकार के मंत्री को इस तरह से दिन-दहाड़े सैकड़ों लोगों की मौजूदगी में गोली मारने की घटना भी पहली बार हुई है। पश्चिम ओडिशा में एक ताकतवार नेता के रूप में पहचान रखने वाले मंत्री नव किशोर दास इस अप्रत्याशित हमले का शिकार हुए और भुवनेश्वर के अपोलो अस्पताल में जिंदगी एवं मौत से संघर्ष करते हुए ये अंतिम जंग हार गए।

राजनीतिक विश्लेषक संपद महापात्र का कहना है कि अतीत में मंत्रियों को पीटे जाने या उन्हें प्रताड़ित करने के कई उदाहरण सामने आए हैं। राजनीतिक दुश्मनी के चलते हमलों की घटनाएं होती रही हैं, लेकिन सुरक्षा में तैनात किसी पुलिसकर्मी द्वारा मंत्री की गोली मारकर हत्या करने की घटना कभी नहीं हुई।

21 फरवरी, 2014 को पुरी के विधायक महेश्वर महांती, जो राज्य सरकार में कानून मंत्री थे, को गोली मारी गई थी। हालांकि, बाद में पता चला कि पिछली रंजिश के चलते बदमाशों ने उन्हें गोली मारी थी। इस घटना में वर्ष 2017 में तीन दोषियों को पांच साल जेल की सजा सुनाई गई थी। इस घटना से उस समय दहशत फैल गई थी, लेकिन महेश्वर महांति बाल-बाल बच गए थे, क्योंकि उनके हाथ और कंधे पर ही गोलियां लगी थीं। हालांकि, यह स्पष्ट था कि हमले में पेशेवर अपराधी शामिल थे।

एएसआई स्तर के पुलिसकर्मी द्वारा राज्य के एक प्रभावशाली मंत्री की गोली मारकर हत्या करना निश्चित रूप से दुर्लभ है। आगे की जांच से पता चलेगा कि किन परिस्थितियों में ब्रजराजनगर गांधी चौक पुलिस चौकी के एएसआई गोपाल दास ने इस तरह के कृत्य को अंजाम देने की हिम्मत की है। उधर, इस घटना ने राज्य में पुलिस प्रशासन के अनुशासन और प्रबंधन पर सवाल खड़े कर दिए हैं।


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