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    मिसाल: एक साल तक सहेली को पीठ पर लादकर गई पढ़ने, अब तिपहिया साइकिल पर बिठाकर धक्का लगाते पहुंचती है स्कूल

    Mangri-Jessica Friendship जेसिका बाड़ा और मंगरी बाड़ा ने दोस्ती की अनोखी मिसाल पेश की है। जेसिका दोनों पैर से दिव्यांग है और चलने में असमर्थ है। लेकिन उसकी पढ़ने की इच्छा पूरी कर रही है मंगरी जो अपनी सहेली को रोज पीठ पर बैठाकर स्कूल ले जाती है।

    By Kamal Kumar BiswasEdited By: Ashish PandeyUpdated: Mon, 30 Jan 2023 12:22 PM (IST)
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    दिव्यांग सहेली जेसिका बाड़ा को पीठ पर लेकर स्कूल पहुंची मंगरी बाड़ा l फोटो- जागरण

    कमल विश्वास, राउरकेला/भुवनेश्वर: जागरण विशेष- सुंदरगढ़ जिले के कोइड़ा ब्लाक के कुसमुंडी गांव निवासी जेसिका बाड़ा और मंगरी बाड़ा ने दोस्ती की अनोखी मिसाल पेश की है। यह दोनों बाल सखियां जो कर रही हैं, वह बड़े भी नहीं कर सकते हैं। जेसिका बाड़ा दोनों पैर से दिव्यांग है और चलने में असमर्थ है, लेकिन उसे पढ़ने की तीव्र इच्छा है। और अपनी सहेली की यह इच्छा पूरी कर रही है मंगरी बाड़ा, जो अपनी सहेली को रोज पीठ पर बैठाकर स्कूल ले जाती है।

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    दिव्यांग जेसिका की पढ़ने की इच्छा पूरी कर रही मंगरी

    कुसमुंडी गांव निवासी जेसिका व मंगरी बाड़ा बचपन से ही एक साथ खेलते-कूदते बड़ी हो रही हैं। अब जेसिका की उम्र आठ वर्ष और मंगरी की उम्र 10 वर्ष से अधिक है। जब मंगरी का स्कूल जाना शुरू हुआ तो जेसिका के साथ नहीं होने से उसे अच्छा नहीं लगता था। उधर जेसिका ने भी पढ़ने की इच्छा प्रकट की। जेसिका की इच्छा देखकर मंगरी ने भी हिम्मत कर उसे स्कूल ले जाने की ठान ली। इसके बाद रोज मंगरी उसे अपनी पीठ पर लाद कर स्कूल ले जाने लगी। धीरे-धीरे यह उसकी आदत बन गई। दोनों एक साथ स्कूल जाने के लिए तैयार होतीं और पोशाक पहनकर निकल पड़तीं। हालांकि, अब जेसिका को एक तिपहिया साइकिल मिली है, जिसमें जेसिका को बैठाकर मंगरी ढकेलकर उसे स्कूल तक ले जाती है।

    बाल सखियां जो कर रहीं, वह बड़ों के लिए नजीर

    बाल सखी मंगरी के मनोबल के कारण ही जेसिका स्कूल तक पहुंच सकी। हर दिन दोनों स्कूल पहुंचकर पढ़ाई करती हैं। दोनों कुसमुंडी परियोजना स्कूल में पढ़ाई कर रही हैं। अब मंगरी पांचवीं कक्षा में पढ़ रही है, जबकि जेसिका पहली कक्षा में है। एक वर्ष से मंगरी जेसिका को पीठ पर लाद कर स्कूल ला रही थी, पर अब तक सरकार की नजर उस पर नहीं पड़ी है। दोनों की यह दोस्ती इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है। अंचल के लोग मंगरी और जेसिका की इस दोस्ती को बड़ों के लिए नजीर बता कर उनके उज्जवल भविष्य की कामना कर रहे हैं।