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    कसादा में हथिनी की मौत: EEHV वायरस का खतरा!

    Updated: Sat, 06 Dec 2025 07:41 PM (IST)

    कसादा गांव में एक मादा हाथी मृत पाई गई है, जिसके EEHV वायरस से संक्रमित होने का संदेह है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कई अंगों में गंभीर नेक्रोसिस पाया गय ...और पढ़ें

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    कसादा गांव में लगभग 10 वर्ष की एक मादा हाथी का पड़ा शव।

    जागरण संवाददाता बड़बिल। ओडिशा के क्योंझर जिले के बीजेपी रेंज स्थित सुआकाटी सेक्शन अंतर्गत कसादा गांव में शुक्रवार देर शाम लगभग 10 वर्ष की एक मादा हाथी का शव मिलने से वन विभाग में हड़कंप मच गया। संवाद सूत्र के अनुसार, हाथी की मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हुई और प्रारंभिक जांच में वायरस संक्रमण की संभावना प्रमुख रूप से सामने आई है। 

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    वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि हाथी का मुंह और जीभ गहरे नीले रंग के पाए गए, जो अचानक मौत और आंतरिक रक्तस्राव के प्रमुख लक्षण माने जाते हैं। शरीर पर किसी प्रकार की बाहरी चोट, जलने के निशान या बिजली के करंट के सबूत नहीं मिले।  करीब एक किलोमीटर के दायरे में बिजलीकरण से

     
    जीभ पर खून बहने के निशान और अचानक गिरने के कारणों के आधार पर वन अधिकारियों ने एलीफेंट एंडोथेलियोट्रोपिक हर्पीस वायरस (EEHV) को संभावित कारण माना है। यह वायरस युवावय हाथियों में तेजी से रक्तस्राव और अचानक मृत्यु का प्रमुख कारण माना जाता है। 

    जिला वन अधिकारी धनराज एचडी ने बताया कि शव में अकड़न मौजूद था और अनुमान है कि हाथी की मौत शनिवार सुबह हुई। शनिवार सुबह ही घटनास्थल पर आरसीसीएफ राउरकेला, बांसपाल प्रखंड पशु चिकित्सा अधिकारी और डब्ल्यूटीआई की विशेषज्ञ टीम डॉ. जोएल, डॉ. ब्रजराज और डॉ. पांडा ने पहुंचकर पोस्टमार्टम किया। 

    प्रारंभिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में किडनी, लीवर और स्प्लीन में गंभीर नेक्रोसिस देखा गया। फेफड़े, आंत और हृदय में भी आंतरिक रक्तस्राव के संकेत मिले, जो EEHV संक्रमण की संभावना को मजबूत करते हैं। 
     
    पोस्टमार्टम के नमूने आगे की पुष्टि के लिए सेंटर फॉर वाइल्डलाइफ हेल्थ, भुवनेश्वर भेज दिए गए हैं। वन विभाग ने बताया कि आसपास के हाथियों के झुंड पर लगातार निगरानी रखी जाएगी। यदि वायरस के कोई लक्षण देखे जाते हैं, तो संक्रमित हाथी को तुरंत अन्य हाथियों से अलग करने की कार्रवाई की जाएगी, ताकि संक्रमण फैलने से रोका जा सके।