Fani: ओडिशा में आज के ही दिन तबाही लेकर आया था 'फानी' तूफान, 20 हजार 367 गांव तबाह; 9,336 करोड़ का हुआ नुकसान
Cyclone in Odisha ओडिशा में चक्रवाती तूफान को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। ओडिशा में चार साल पहले भी फानी चक्रवात आया था। जिसने भारी तबाही मचाई थी। इस चक्रवाती तूफान ने 1.6 करोड़ लोगों को प्रभावित किया था।

भुवनेश्वर, शेषनाथ राय। ओडिशा को हर साल प्राकृतिक आपदा और चक्रवाती तूफान से जूझना पड़ता है। इससे लाखों लोगों का जीवन और आजीविका दोनों प्रभावित होता है। अब मई में एक और चक्रवाती तूफान आने की चेतावनी जारी कई है। इससे पहले 3 मई 2019 को फानी नाम के भीषण तूफान ने तबाही मचाई थी।
3 मई, 2019 को करीब 200 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से फनी ने ओडिशा के पुरी तट पर लगभग आठ बजे दस्तक दी थी। इस चक्रवाती तूफान ने राज्य में भारी तबाही मचाई थी। 1999 में आने वाले सुपर साइक्लोन में 10 हजार लोग मारे गए थे। सुपर साइक्लोन के बाद फनी सबसे भीषण चक्रवात था।
आईएमडी के वैज्ञानिक उमाशंकर दास ने ट्विटर पर चार साल पहले आई उष्णकटिबंधीय चक्रवात से हुई तबाही को याद किया। उन्होंने लिखा है कि 4 साल पहले आज ही के दिन 3 मई को सबसे तीव्र चक्रवात आया था। इसने राजधानी भुवनेश्वर सहित कई तटीय जिलों में तबाही मचाई थी।
फानी से 1.6 करोड़ हुए थे प्रभावित
राज्य सरकार के आंकड़ों के अनुसार, चक्रवात फानी ने राज्य में अनुमानित 9,336.26 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया था। चक्रवाती तूफान ने ओडिशा के 14 तटीय जिलों के 20,367 गांवों को तबाह कर दिया। इसके अलावा, चक्रवात ने 1.6 करोड़ लोगों को प्रभावित किया और 1.88 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि को नुकसान पहुंचाया था।
चक्रवात में कुल 5,56,761 घर या तो पूरी तरह से ध्वस्त हो गए थे या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। जबकि 64 लोगों की जान चली गई थी। तत्कालीन विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) बीपी सेठी ने अंतिम क्षति आकलन रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा था कि 12 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। इस चक्रवात में 2,650 बड़े जानवरों, 3,631 छोटे जानवरों और 53,26,905 पोल्ट्री पक्षियों की जान चली गई।
)फानी तूफान की तबाही का एक मंजर)
अब, फिर से दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी में चक्रवात बनने की संभावना है। इसको लेकर ओडिशा सरकार ने किसी भी आपातकालीन स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए जिला प्रशासन को अलर्ट किया है।
नवीनतम पूर्वानुमान के अनुसार, 6 मई के आसपास दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी पर एक चक्रवाती परिसंचरण विकसित होने की संभावना है। इसके प्रभाव में, बाद में 48 घंटों के दौरान एक कम दबाव प्रणाली बनने की संभावना है। हालांकि, एक स्पष्ट तस्वीर अभी तक सामने नहीं आई है कि यह प्रणाली चक्रवात में तब्दील होगी या नहीं।
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