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    Bhubaneswar: अघोषित संपत्ति मामले में पूर्व वन संरक्षक अमरेश कुमार जायसवाल दोषी करार, दो साल की कैद

    Updated: Tue, 12 Aug 2025 12:16 PM (IST)

    भुवनेश्वर के अरण्य भवन के पूर्व वन संरक्षक अमरेश कुमार जायसवाल को विशेष सतर्कता न्यायालय ने अघोषित संपत्ति मामले में दोषी पाया। उन्हें दो साल की कैद और 50000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। सतर्कता विभाग जायसवाल की पेंशन रोकने की अनुमति मांगेगा। इससे पहले गोपीनाथपुर के एक पूर्व प्रधानाध्यापक हिमांशु बेहरा को रिश्वतखोरी के मामले में दोषी ठहराया गया था ।

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    पूर्व वन संरक्षक अमरेश कुमार जायसवाल को दो साल की कैद की सजा सुनाई गई। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। प्रधान मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) कार्यालय, अरण्य भवन, भुवनेश्वर के पूर्व वन संरक्षक (सेवानिवृत्त) अमरेश कुमार जायसवाल को कटक स्थित विशेष सतर्कता न्यायालय के विशेष न्यायाधीश ने अघोषित संपत्ति रखने के एक मामले में दोषी ठहराया है।

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    अदालत ने उन्हें दो साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है और 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

    ओडिशा सतर्कता विभाग ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 13(2) सहपठित 13(1)(ई) के तहत जायसवाल के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। दोषसिद्धि के बाद, सतर्कता विभाग अब उनकी पेंशन रोकने के लिए सक्षम प्राधिकारी से अनुमति मांगेगा।

    मामले की जाँच संबलपुर संभाग के पूर्व डीएसपी, सतर्कता, स्वरूप कुमार परिदा ने की, जबकि विशेष लोक अभियोजक राकेश साहू और ज्योति प्रकाश महापात्र ने अभियोजन पक्ष का प्रतिनिधित्व किया।

    उल्लेखनीय है कि इससे पहले 31 जुलाई को कटक जिले के गोपीनाथपुर स्थित कृपा सिंधु हाई स्कूल के पूर्व प्रभारी प्रधानाध्यापक हिमांशु बेहरा को रिश्वतखोरी के एक मामले में दोषी ठहराया गया था।

    बेहरा पर ओडिशा सतर्कता विभाग ने एक शिकायतकर्ता से उपस्थिति रजिस्टर पर हस्ताक्षर करने और उसके वेतन बिल को निकासी के लिए कोषागार में भेजने की अनुमति देने के लिए रिश्वत मांगने और स्वीकार करने के आरोप में धारा 13(2) r/w 13(1)(D)/7 पीसी अधिनियम, 1988 के तहत आरोप पत्र दायर किया था।

    अब सेवानिवृत्त हो चुके हिमांशु बेहरा को कटक के विशेष न्यायाधीश, सतर्कता विभाग ने दोषी ठहराया और चार साल के कठोर कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई।