सरकारी जमीन पर अतिक्रमण का मामला: पूर्व बीजेडी विधायक प्रणव बालाबंतराय को नोटिस
ओडिशा में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण के मामले में पूर्व बीजेडी विधायक प्रणव बालाबंतराय को नोटिस जारी किया गया है। यह मामला भुवनेश्वर का है, जहाँ सरकारी भ ...और पढ़ें

बीजू जनता दल (बीजेडी) के पूर्व विधायक प्रणव बलवंतराय
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। जाजपुर से बीजू जनता दल (बीजेडी) के पूर्व विधायक प्रणव बलवंतराय प्रशासनिक जांच के दायरे में आ गए हैं।स्थानीय तहसील कार्यालय ने उन्हें जाजपुर जिले के धर्मशाला तहसील अंतर्गत गड़मधुपुर मौजा में एक फार्महाउस के निर्माण से जुड़े सरकारी जमीन अतिक्रमण के मामले में नोटिस जारी किया है।
सूत्रों के अनुसार, यह नोटिस तलगड़ा सर्किल के राजस्व निरीक्षक (आरआई) द्वारा प्रस्तुत एक फील्ड रिपोर्ट के आधार पर जारी किया गया है, जिसमें फार्महाउस से जुड़ी सरकारी भूमि पर अनधिकृत कब्जे की पहचान किए जाने की बात कही गई है।
रिपोर्ट के बाद, धर्मशाला तहसील कार्यालय ने प्रणव बलवंतराय को व्यक्तिगत रूप से या अपने अधिकृत प्रतिनिधि के माध्यम से उपस्थित होकर अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
यह घटनाक्रम हाल ही में बलवंतराय द्वारा दिए गए सार्वजनिक बयानों के बाद सामने आया है, जिनमें उन्होंने उक्त फार्महाउस की जमीन पर स्वामित्व का दावा किया था। अब यही दावा राजस्व जांच का केंद्र बन गया है।
नोटिस जारी होने पर प्रतिक्रिया देते हुए वर्तमान धर्मशाला विधायक हिमांशु शेखर साहू ने कहा कि तहसील प्रशासन के पास जमीन की स्थिति और अतिक्रमण से संबंधित दस्तावेजी साक्ष्य मौजूद हैं। साहू ने कहा कि तहसीलदार, जो एक सरकारी अधिकारी हैं, ने लिखित नोटिस जारी किया है, जिसमें अतिक्रमित भूमि की सीमा स्पष्ट रूप से बताई गई है।
सभी विवरण तहसील रिकॉर्ड में उपलब्ध हैं।विधायक ने कहा कि आगे की जांच से और भी तथ्य सामने आ सकते हैं।उन्होंने कहा कि पूरी प्रक्रिया कानून के अनुसार सख्ती से अपनाई जा रही है।
कानून सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। लोग बनाए जा रहे झूठे नैरेटिव को समझने लगे हैं। राज्य सरकार की मौजूदा कार्रवाई भ्रष्टाचार के खिलाफ उसके घोषित रुख को दर्शाती है।
राजस्व अधिकारियों ने बताया कि यह नोटिस फील्ड स्तर पर की गई प्रारंभिक जांच के बाद जारी किया गया है।आरआई की रिपोर्ट में कथित तौर पर गडमधुपुर मौजा में फार्महाउस के लिए उपयोग की जा रही जमीन से सटी या उसका हिस्सा बनी सरकारी भूमि के अनधिकृत उपयोग को चिह्नित किया गया है।
राजस्व प्रक्रिया के तहत, नोटिस में नामित व्यक्ति को वैध कब्जे या स्वामित्व को साबित करने के लिए सहायक दस्तावेजों के साथ जवाब देना होता है। ऐसा न करने पर संबंधित भूमि और अतिक्रमण कानूनों के तहत आगे की कार्रवाई की जा सकती है।अधिकारियों ने कहा कि यह मामला फिलहाल जांच के दायरे में है और अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।
इस रिपोर्ट के दाखिल किए जाने तक, प्रणव बालाबंतराय ने न तो आरोपों पर और न ही तहसील कार्यालय द्वारा जारी नोटिस पर कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया दी है।मौजूदा विधायक और राजस्व अधिकारियों द्वारा किए गए दावों पर उनकी प्रतिक्रिया प्राप्त नहीं हो सकी।
गौरतलब है कि यह प्रशासनिक कार्रवाई जाजपुर जिले में हाल ही में जेनापुर में हुई हिंसक झड़पों के बाद बढ़े राजनीतिक तनाव के बीच सामने आई है, जिसके चलते जिले और भुवनेश्वर में बीजेडी और भाजपा समर्थकों द्वारा समानांतर प्रदर्शन किए गए थे।
हालांकि, विधायक साहू ने स्पष्ट किया कि भूमि संबंधी जांच पूरी तरह से आधिकारिक रिकॉर्ड और फील्ड सत्यापन के आधार पर स्वतंत्र रूप से की जा रही है।

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