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    Earthquake in Odisha: ओडिशा में सुबह-सुबह भूकंप के झटके, भुवनेश्वर और पुरी समेत इन जिलों में दिखा असर

    Updated: Tue, 25 Feb 2025 08:18 AM (IST)

    ओडिशा में आज सुबह 6 बजकर 10 मिनट पर कुछ स्थानों पर भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। लोग घर से बाहर निकलने पर मजबूर हो गए। नुकसान की फिलहाल कोई खबर नहीं है। भूकंप के झटके विशेष रूप से राज्य की राजधानी भुवनेश्वर पुरी पारादीप बारीपदा संबलपुर अनुगुल केंद्रापड़ा जगतसिंहपुर और बालेश्वर में महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता 5.1 थी।

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    ओडिशा में भूकंप से झटके से हिली धरती (जागरण)

    जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। ओडिशा में आज सुबह 6 बजकर 10 मिनट पर कुछ स्थानों पर भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। भूकंप का प्रभाव समुद्र के अंदर था जिसकी वजह से जमीनी सतह पर इसका प्रभाव कम देखा गया है। हालांकि, समुद्र के अंदर भूकंप का झटका आने से समुद्र के किनारे रहने वाले लोगों में भय का माहौल बन गया है। नुकसान की फिलहाल कोई खबर नहीं है।

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    इन जिलों में दिखा असर

    भूकंप के झटके विशेष रूप से राज्य की राजधानी भुवनेश्वर, पुरी, पारादीप, बारीपदा, संबलपुर, अनुगुल, केंद्रापड़ा, जगतसिंहपुर और बालेश्वर में महसूस किए गए।

    5.1 रही तीव्रता

    रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.1 मैग्नेट थी।भूकंप का केंद्र बंगाल की खाड़ी में है। भूकंप के झटके भारत समेत बांग्लादेश के कई हिस्सों में महसूस किए गए। ओडिशा में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। भूकंप का केंद्र पुरी से 286 किमी और बरहमपुर से 394 किमी दूर है।

    इसी तरह भुवनेश्वर से दूरी 297 किलोमीटर है। आईएमडी के अधिकारी ने बताया कि भूकंप का केंद्र अक्षांश 19.52 उत्तर और 88.55 पूर्वी देशांतर पर महसूस किया गया।

    भूकंप के कारण

    • पृथ्वी की पपड़ी कई बड़ी और छोटी प्लेटों से बनी है, जो लगातार गति में रहती हैं। जब ये प्लेटें आपस में टकराती हैं या अलग होती हैं, तो इससे तनाव और दबाव उत्पन्न होता है, जो भूकंप का कारण बनता है।
    • ज्वालामुखी विस्फोटों के दौरान, पृथ्वी की पपड़ी में तनाव और दबाव उत्पन्न होता है, जो भूकंप का कारण बनता है।
    • पृथ्वी की पपड़ी में दरारें और फॉल्ट लाइनें होती हैं, जो तनाव और दबाव के कारण उत्पन्न होती हैं। जब ये दरारें और फॉल्ट लाइनें टूटती हैं, तो इससे भूकंप आता है।
    • मानव गतिविधियों, जैसे कि खनन, निर्माण, और जल संचयन, से भी पृथ्वी की पपड़ी में तनाव और दबाव उत्पन्न हो सकता है, जो भूकंप का कारण बनता है।

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