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    बालेश्वर में दुर्गा विसर्जन के दौरान बिजली हो गई गुल, लोगों में दिखा आक्रोश!

    Updated: Sat, 04 Oct 2025 03:48 PM (IST)

    बालेश्वर में देवी दुर्गा का विसर्जन धूमधाम से हुआ। बारिश के बाद भी मोतीगंज और फांदी चौराहे पर भारी भीड़ उमड़ी। फांदी चौराहे पर विसर्जन के दौरान अचानक बिजली गुल होने से लोगों को परेशानी हुई और आक्रोश भी दिखा। विधायक गोविंद चंद्र दास ने अधिकारियों से बात की। पहले भी दशहरे पर बिजली गुल हुई थी जिससे व्यापारियों में नाराजगी थी।

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    विसर्जन के लिए जाती देवी दुर्गा की प्रतिमा। (फोटो जागरण)

    लावा पांडे, बालेश्वर। बालेश्वर में धूमधाम से संपन्न हो गया है देवी दुर्गा का विसर्जन यात्रा। शहर के मुख्यतः दो स्थानों में देवी दुर्गा को विसर्जित किया जाता है, पहला बलीघाट तथा दूसरा नुनिया जुड़ी नामक स्थान। इन दोनों स्थानों पर बूढ़ा ब्लाग नामक नदी का बहाव मौजूद है।

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    लगातार तीन दिनों तक मूसलाधार बारिश के चलते लोग अपने घरों से निकल नहीं पाए थे, तथा पूजा का आनंद नहीं उठा पाए थे, लेकिन शुक्रवार के दिन दोपहर एक बजे के बाद जैसे ही मौसम सामान्य हुआ शाम 6:00 बजते-बजते भारी तादाद में लोग घरों से निकले और शहर के मोतीगंज चौराहे और फांदी चौराहे पर हजारों की तादाद में लोग एकत्र होकर देवी दुर्गा के विसर्जन यात्रा देखने के लिए मौजूद हुए।

    लेकिन यहां सबसे चौंकाने वाली बात यह देखी गई कि शहर के फांदी चौराहे पर अचानक 6:30 बजे बिजली गुल हो गई, ऐसा नहीं है की मूर्तियों के विसर्जन के कारण बिजली काटा गया था।

    यदि बिजली काटा गया होता तो शाम से ही काट दिया गया होता, लेकिन आधा मूर्तियों के विसर्जन हो जाने के बाद अचानक बिजली गुल हो गई, जिसके कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा ,और अंधेरे में खड़े होकर लोग देवी दुर्गा को आखिरी विदाई देने को मजबूर हुए।

    बिजली गुल हो जाने से अंधेरे में डूबा पुलिस का अस्थाई कैंप।

    जिसके चलते लोगों में काफी आक्रोश देखा गया था। मौके पर रेमना के विधायक तथा उड़ीसा सरकार के उप सचेतक गोविंद चंद्र दास पहुंचे उन्होंने जिलाधीश से लेकर, बिजली विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को फोन किया।

    मौके पर टाटा पावर यानी की (टीपीएनओडीएल) के कर्मचारी भी पहुंचे, वे भी मरम्मत के कार्य में जुटे लेकिन तब तक 2 घंटे का समय बीत चुका था।

    चौराहे पर मौजूद पुलिस का अस्थाई कैंप भी पूरी तरह से अंधेरे में डूब गया था। लोग समझ नहीं पा रहे थे कि आखिर अचानक इतने घंटों तक बिजली क्यों गुल हो गई है।

    ठीक इसी तरह दशहरा के दिन भी स्थानीय फांदी चौराहे पर रात 9: 05 बजे से लेकर रात 9:45 बजे तक अचानक बिजली गुल हो गई थी। जिसके चलते व्यापारियों में काफी रोस और क्रोध देखा गया था ।

    शांति कमेटी की बैठक में जिलाधीश, उप जिलाधीश, डीआईजी समेत जिले के सभी वरिष्ठ अधिकारी तथा विभिन्न पूजा पंडालों के मुखिया और शांति कमेटी के सदस्य मौजूद थे। टीपीएनओडीएल यानी कि टाटा पावर वालों ने आश्वासन दिया था की दुर्गा पूजा के दौरान 1 मिनट भी बिजली नहीं काटी जाएगी, लेकिन दशहरे के दिन भी स्थानीय फांदी चौराहे पर रात 9:05 से 9:45 तक अचानक बिजली गुल हो गई थी, तथा विसर्जन के दिन भी 2 घंटे बिजली गुल हो गई थी।

    इस दौरान किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना हो सकती थी, लेकिन किसी भी प्रकार की कोई अप्रिय घटना नहीं घटी। लोगों में विसर्जन के दौरान 2 घंटे तक बिजली गुल को लेकर काफी असंतोष और आक्रोश देखा गया।

    लोगों का कहना था कि यदि एक महीने का बिजली का बिल बकाया रहता है तो टाटा पावर वाले हमारे घर के बिजली का कनेक्शन काट देते हैं, लेकिन आज 1 साल के बाद देवी दुर्गा का विसर्जन हमें देखने को मौका मिला इस दौरान 2 घंटे तक अंधेरे में हमें अपने घर के महिला सदस्यों के साथ चौराहे पर खड़ा होना पड़ा, यह लिए शर्म और बड़े दुख की बात है।

    इस मामले को लेकर हमने (टीपीएनओडीएल) यानी कि टाटा पावर के सीईओ गजानन काले से बार-बार फोन करके उनकी प्रतिक्रिया जानना चाहा लेकिन उन्होंने फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा था।