DRDO ने किया 'प्रलय' मिसाइल का सफल परीक्षण, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दी बधाई
प्रलय मिसाइल का डीआरडीओ द्वारा 28 और 29 जुलाई को सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया गया। मिसाइलों ने सटीक रूप से अपने प्रक्षेप पथ का अनुसरण किया और सभी उद्देश्यों को पूरा करते हुए लक्ष्य को भेदा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ सशस्त्र बलों और उद्योग जगत को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह मिसाइल हमारे सशस्त्र बलों को तकनीकी रूप से और मजबूत करेगी।

लावा पांडे, बालेश्वर। डीआरडीओ ने 28 और 29 जुलाई को 'प्रलय' मिसाइल के दो सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किए। मिसाइलों ने सटीक रूप से अपने प्रक्षेप पथ का अनुसरण किया और सभी उद्देश्यों को पूरा करते हुए लक्ष्य को भेदा। उड़ान-परीक्षण डीआरडीओ के वरिष्ठ वैज्ञानिकों, भारतीय वायु सेना और भारतीय सेना के उपयोगकर्ताओं के प्रतिनिधियों के साथ-साथ उद्योग के प्रतिनिधियों ने भी देखा।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस मिसाइल का परीक्षण सोमवार और मंगलवार को ओडिशा तट के पास एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से किया गया। बता दें कि प्रलय एक कम दूरी की सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है जिसकी पेलोड क्षमता 500-1,000 किलोग्राम है।
कन्वेंशनल वारहेड ले जाने में सक्षम इस मिसाइल की मारक क्षमता 150 से 500 किलोमीटर है। इसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित किया गया है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रलय मिसाइल प्रणाली के सफल उड़ान परीक्षणों के लिए डीआरडीओ, सशस्त्र बलों और उद्योग जगत को बधाई दी। उन्होंने कहा कि आधुनिक तकनीकों से लैस यह मिसाइल खतरों के विरुद्ध हमारे सशस्त्र बलों को और अधिक तकनीकी बढ़ावा देगी।
Two consecutive flight trials of ‘PRALAY’ missile was successfully carried out on 28th and 29th July 2025 as a part of User Evaluation Trials to validate the maximum and minimum range capability of the missile system. The missiles precisely followed the intended trajectory and… pic.twitter.com/jhr0fTMZuF
— DRDO (@DRDO_India) July 29, 2025
वहीं, रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी कामत ने टीमों को बधाई देते हुए कहा कि इस चरण-1 उड़ान परीक्षणों के सफल समापन से निकट भविष्य में सशस्त्र बलों में प्रणाली को शामिल करने का मार्ग प्रशस्त होता है।
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