Maurya Express: हटिया से संबलपुर के बीच मौर्य एक्सप्रेस के ठहराव बढ़ाने की मांग, 316 किमी लंबे विस्तारित रूट पर कुल 3 स्टॉप
उद्भव के सचिव वेद प्रकाश तिवारी ने जीएम दपू रेलवे पूर्व उत्तर रेलवे पूर्व सेंट्रल रेलवे ईस्ट कोस्ट रेलवे पूर्व रेलवे एवं डीआरएम चक्रधरपुर से पत्र लिखकर हटिया से संबलपुर के बीच मौर्य एक्सप्रेस के ठहराव बठाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि पुरानी मांग और लंबी लड़ाई के बाद 10 मार्च से 15028/27 गोरखपुर हटिया मौर्या एक्सप्रेस ट्रेन का विस्तार संबलपुर तक हुआ।
जागरण संवाददाता, राउरकेला। Maurya Express Stoppages News: उद्भव के सचिव वेद प्रकाश तिवारी ने एक पत्र के माध्यम से जीएम दपू रेलवे, पूर्व उत्तर रेलवे, पूर्व सेंट्रल रेलवे, ईस्ट कोस्ट रेलवे, पूर्व रेलवे एवं डीआरएम चक्रधरपुर से मांग की है कि हटिया से संबलपुर तक के बीच मौर्य एक्सप्रेस का ठहराव बढ़ाया जाए।
उन्होंने कहा कि दशकों पुरानी मांग एवं एक लंबी लड़ाई के पश्चात विगत 10 मार्च से 15028/27 गोरखपुर हटिया मौर्या एक्सप्रेस ट्रेन का विस्तार संबलपुर तक हुआ।
यात्रियों को 300 किमी से ज्यादा विस्तार का नहीं मिल रहा लाभ
दशकों के इंतजार के पश्चात राउरकेला के लोगों एवं यात्रियों ने इस अभूतपूर्व पलों का भरपूर आनंद उठाया परंतु इलाके के अधिकतर लोग इस ट्रेन के लगभग 300 किमी से अधिक के विस्तार का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। गोरखपुर से हटिया की दूरी लगभग 849 किमी है।
जिनमे गोरखपुर एवं हटिया को छोड़कर 46 छोटे बड़े स्टेशन हैं। जहां यह ट्रेन रुकती है। वहीं हटिया से विस्तार लगभग 316 किमी का हुआ है। जिसके मध्य यह ट्रेन संबलपुर को छोड़कर मात्र तीन स्टेशनों पर ही रुकती है।
849 किमी के मध्य में 46 स्टेशन यानी औसतन प्रत्येक 18.5 किमी पर एक ठहराव तथा विस्तार के 316 किमी यानी लगभग प्रत्येक 105 किमी पर एक ठहराव यह आसमान अंतर रेलवे के ओडिशा वासियों के प्रति दोहरा मापदंड नहीं है तो क्या है?
यात्री रेलगाड़ी के विस्तार का नहीं उठा पा रहे लाभ
यहां तक की मार्ग में पड़ने वाले किऊल और लक्खीसराय के मध्य दूरी मात्र 2 किमी होने के बावजूद भी दोनों स्टेशनों पर मौर्य का ठहराव बना हुआ है। बानो, नुआगांव, राजगंगपुर, बामरा तथा अन्य कई स्टेशनों के निवासी इस ट्रेन के विस्तार का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं।
आखिर इन लोगों की क्या गलती है, इन्हें भी इस ट्रेन के विस्तार का लाभ लेने का हक है। तिवारी का कहना है इन्हीं कारणों से मौर्य की रफ्तार धीमी पड़ती जा रहीं है और इसकी औसत रफ्तार विस्तार से पूर्व में 25.25 किमी/घंटे थी। जो पैसेंजर की औसत से भी कम है
अब इसकी भरपाई अगर ओडिशा में ठहराव ना देकर की जा रही है, तो यह सही नहीं है। राजगंगपुर, बामरा, बानो, नुआगांव तथा अन्य आदिवासी बाहुल्य शहरों में रेलवे को इस ट्रेन का ठहराव सुनिश्चित करना चाहिए।
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