ओडिशा पर चक्रवात मोंथा का असर: अब तक 61 ट्रेन रद, उफान पर आई चंपावती; भूस्खलन के साथ बिजली सेवा भी ठप
चक्रवात 'मोंथा' का ओडिशा पर सीधा असर नहीं हुआ, पर अवशेषों से भारी वर्षा और भूस्खलन हुआ। गंजाम में समुद्र ने घरों को डुबोया, कोरापुट में चंपावती नदी उफान पर है, जिससे यातायात बाधित है। भूस्खलन से कई गांव अलग-थलग पड़ गए हैं। रेलवे ने 61 ट्रेनें रद की हैं। आंध्र-ओडिशा संपर्क भी बाधित हुआ है, जिससे लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

गजपति जिले में भूस्खलन से आवागमन बाधित। फोटो जागरण
शेषनाथ राय, भुवनेश्वर। चक्रवात मोंथा का सीधा असर तो ओडिशा पर नहीं पड़ा है परन्तु उसके अवशेष के प्रभाव में हुई भारी वर्षा एवं तेज हवा के कारण दक्षिण ओडिशा में कही जगहों से भूस्खलन से सड़क अवरुद्ध होने, बिजली के तार टूट कर गिरने की सूचना मिली है।
इतना ही चक्रवात के कारण अशांत समुंद्र गंजाम जिले में अपनी सीमा लांघते हुए तीन घर को अपने आगोश में ले लिया।भारी वर्षा से कोरापुट जिले में प्रवाहित होने वाली चंपावती नदी का जलस्तर बढ़ गया और बाढ़ का पानी पुल के ऊपर से प्रवाहित होने लगा, जिससे वाहनों और पैदल यात्रियों की आवाजाही रोक दी गई।
जानकारी के मुताबिक, कोरापुट जिले के नरायणपटना ब्लॉक के बोरिपुट गांव में मंगलवार शाम भारी वर्षा के कारण एक भूस्खलन हुआ, जिससे मुख्य संपर्क सड़क अवरुद्ध हो गई।
धांगड़िझोला के पास एक और भूस्खलन ने सड़क के कुछ हिस्सों को मलबे से ढक दिया, जिससे वाहनों की आवाजाही रुक गई। स्थानीय रिपोर्टों के मुताबिक, सड़क रातभर बंद रही, जिससे कम से कम दो पंचायतें बाकी ब्लॉक से कट गईं।
लगातार बारिश के कारण पहाड़ियों से पत्थर और मिट्टी फिसलकर नीचे आ गए, जिससे आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति ठप हो गई। तेज हवाओं के कारण कई पेड़ उखड़ गए और बिजली के तार टूट गए, जिससे आसपास के गांव अंधेरे में डूब गए।
इतना ही नहीं जिले के दक्षिणी हिस्से में चंपावती नदी का जलस्तर रात में तेजी से बढ़ गया, जिससे पुल के कुछ हिस्से डूब गए जो नरायणपटना को आंतरिक क्षेत्रों से जोड़ता है। स्थानीय लोगों ने बताया कि सुबह तक पानी पुल की सतह के ऊपर से बहने लगा, जिससे वाहनों और पैदल यात्रियों की आवाजाही रोक दी गई।
चक्रवात मोंथा से रेल सेवा भी प्रभावित
इसी तरह चक्रवात मोंथा के तट पर टकराने के बाद पूर्व तट रेलवे ने आंध्र प्रदेश, ओडिशा और तेलंगाना के बीच चलने वाली दो प्रमुख यात्री ट्रेनों को रद्द करने की घोषणा की है।रेलवे ने यह निर्णय रेक की अनुपलब्धता और तटीय क्षेत्रों में चल रही व्यवधानों के कारण लिया है। चक्रवात के असर के बाद अब तक 61 ट्रेनें रद्द हो चुकी हैं।
मछलीपट्टनम और कलिंगपट्टनम के बीच हुआ चक्रवात मोंथा का लैंडफॉल
गंभीर चक्रवात मोंथा ने मंगलवार देर रात आंध्र प्रदेश के तट पर नरसापुर के पास (काकीनाडा के दक्षिण में) मछलीपट्टनम और कलिंगपट्टनम के बीच लैंडफॉल किया।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, लैंडफॉल की प्रक्रिया रात 11:30 बजे शुरू हुई और सुबह 4:30 बजे तक चली यानी लगभग पांच घंटे तक।
लैंडफॉल के दौरान हवाओं की रफ्तार 90 से 100 किलोमीटर प्रति घंटा रही, जबकि कुछ झटका पवन की गति 110 किलोमीटर प्रति घंटा तक दर्ज की गई।
तेज हवाओं के साथ भारी बारिश ने कई तटीय क्षेत्रों जैसे मछलीपट्टनम, काकीनाडा, राजमुंदरी, बापटल, कवाली, उलवापाडु और नेल्लोर को प्रभावित किया।समुद्र में ऊंची लहरें उठीं और कई जगहों पर पानी तट से आगे बढ़ गया।
ये जिले हुए ज्यादा प्रभावित
चक्रवात मोंथा के कारण वैसे पूरे प्रदेश में तेज हवा के साथ वर्षा जारी है, परन्तु मालकानगिरी, कोरापुट, नवरंगपुर, कालाहांडी, गजपति, गंजाम, रायगढ़ा, सुंदरगढ़, केंदुझर, मयूरभंज, बालेश्वर और भद्रक ज्यादा प्रभावित हुए हैं। इसमें सबसे ज्यादा गंजाम, गजपति, कालाहांडी, कोरापुट जिला शामिल हैं जहां से वर्षा व हवा के साथ भूस्खलन की सूचना है।

आंध्र-ओडिशा संपर्क बाधित
दक्षिण ओडिशा के पास आंध्र प्रदेश के अराकू क्षेत्र में चक्रवात ‘मोंथा’ का प्रभाव देखने को मिल रहा है।लगातार भारी बारिश के कारण कोरापुट–कोटवालसा रेल लाइन बह गई है। चमीटीपाली के पास रेल पटरियों पर पानी बहने से ट्रैक क्षतिग्रस्त हो गया है।
इसके परिणामस्वरूप कोरापुट–कोटवालसा मार्ग पर चलने वाली सभी यात्री और एक्सप्रेस ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं।इसी तरह अराकू घाटी सड़क मार्ग भी जलमग्न हो गया है।
पहाड़ों से पानी बहकर आने के कारण राज्य राजमार्ग की अराकू घाटी सड़क पर कई जगहों पर ऊंचाई तक पानी बह रहा है।इससे आंध्र-ओडिशा का सड़क संपर्क पूरी तरह बाधित हो गया है।सुरक्षा के दृष्टिकोण से आंध्र प्रशासन ने लम्तापुट–अराकू–विशाखापत्तनम मार्ग को बंद कर दिया है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।