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    Odisha News: गंजाम में दिखने लगा चक्रवात 'मोंथा' का प्रभाव, 3 मकान क्षतिग्रस्त; ODRAF टीम तैनात

    Updated: Tue, 28 Oct 2025 09:47 PM (IST)

    चक्रवात 'मोंथा' के कारण गंजाम जिले के तटीय इलाकों में असर दिख रहा है, जिससे समुद्र में उफान है और 3 घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। प्रशासन ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है और मछुआरों को बचाया है। सबसे अधिक बारिश पात्रपुर ब्लॉक में दर्ज की गई है। पर्यटकों को सुरक्षित आश्रय दिया गया है और लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई है।

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    गंजाम में दिखने लगा चक्रवात 'मोंथा' का प्रभाव, 3 मकान क्षतिग्रस्त; ODRAF टीम तैनात

    जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। चक्रवात ‘मोंथा’ गोपालपुर से लगभग 480 किलोमीटर दूर रहने के बावजूद इसका प्रभाव गंजाम जिले के तटीय इलाकों में दिखाई दे रहा है। चक्रवात के असर से समुद्र उफान पर है और लहरें काफी ऊंची हो गई हैं। गंजाम ब्लॉक अंतर्गत पोडमपेटा गांव के पास समुद्र जो पहले गांव से लगभग 10 मीटर दूर था, अब गांव की ओर बढ़ आया है जिससे 3 मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं।

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    हालांकि, वहां फिलहाल कोई जनवास नहीं है क्योंकि लोगों को पहले ही सुरक्षित स्थानों पर बने ओडीआरपी आवासों में स्थानांतरित किया गया है। स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं, ऐसा गंजाम जिलाधिकारी ने बताया।

    इसी बीच, आंध्र प्रदेश के 48 मछली पकड़ने वाले ट्रॉलर और नौकाओं को गंजाम प्रशासन द्वारा सुरक्षित रूप से बचा लिया गया है। सभी मछुआरों के लिए भोजन और पेयजल की व्यवस्था की गई है। अब तक गंजाम के पात्रपुर ब्लॉक में सर्वाधिक 117.6 मिमी वर्षा दर्ज की गई है, जबकि पूरे जिले में औसतन 44.62 मिमी बारिश हुई है।

    आसिका-जगदलपुर के बहुउद्देशीय चक्रवात शरणस्थलों में लोगों को स्थानांतरित किया गया है।110 चक्रवात शरणस्थल और 1029 राहत केंद्र चिह्नित किए गए हैं।अब तक 2451 लोगों को स्थानांतरित किया गया है, जबकि 6500 लोगों की पहचान की जा चुकी है जिन्हें जरूरत पड़ने पर सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जाएगा। 970 गर्भवती महिलाओं को पहले ही सुरक्षित जगह भेज दिया गया है। तीन ओडीआरएएफ (ODRAF) टीमों को तैनात किया गया है।

    दूसरी ओर, महाराष्ट्र के नागपुर क्षेत्र से आए 50 से अधिक पर्यटकों को खलिकोट के पास स्थानीय प्रशासन ने रोक लिया है और उन्हें चक्रवात शरणस्थलों में ठहराने की व्यवस्था की गई है। विभिन्न जलाशयों की स्थिति को देखते हुए घोड़ाहाड़, बाघलटी और डह बांध के गेट खोलकर पानी छोड़ा गया है। संभावित चक्रवात से निपटने के लिए सभी कर्मचारियों को सतर्क रहने के निर्देश जिलाधिकारी ने दिए हैं। हालांकि, कुछ कर्मचारियों की लापरवाही सामने आई है, जिस पर कार्रवाई की गई है।

    28 अक्टूबर को ब्लॉक नियंत्रण कक्ष में अनुपस्थित रहने के कारण आसिका के अतिरिक्त समूह विकास अधिकारी सुसांत बेहेरा को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इसी तरह शेरगढ़ ब्लॉक के एसआरई सदानंद नेहरा को ड्यूटी में लापरवाही बरतने पर निलंबित कर दिया गया है।

    पात्रपुर ब्लॉक की आंकुली पंचायत के पहाड़ी क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है। इसी तरह लुहासिंगी, एलोगोल और सिरिसिगंडा गांवों के करीब 124 लोगों को ताड़कासाही स्थित राजीव गांधी सेवा केंद्र में रखा गया है। चिकिटी विधायक मनोरंजन दास सामंतराय स्वयं वहां पहुंचे और लोगों से मिलकर सभी आवश्यक व्यवस्थाओं की समीक्षा की।

    इसी प्रकार गजपति जिले में पिछले 24 घंटों में गोशाणी ब्लॉक में सर्वाधिक 115 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि पूरे जिले में कुल 590 मिमी वर्षा हुई है। पहाड़ी और दुर्गम इलाकों से लोगों को पक्के सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है।