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    Cyclone: ओडिशा पर मंडरा रहा है चक्रवात का खतरा, अलर्ट जारी; जानिए इसको लेकर क्या कहते हैं मौसम वैज्ञानिक

    By Jagran NewsEdited By: Roma Ragini
    Updated: Wed, 03 May 2023 10:06 AM (IST)

    Cyclone in Odisha दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी पर 48 घंटे के अंदर कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। इसको लेकर मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने अधिकारियों को हर तरह से तैयार रहने को कहा है। मौसम वैज्ञानिकों ने कहा कि एक सप्ताह तक घबराने की कोई बात नहीं है।

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    ओडिशा पर आ सकता है चक्रवात अलर्ट जारी

    भुवनेश्वर, शेषनाथ राय। ओडिशा पर एक फिर चक्रवात का खतरा मंडराने लगा है। 6 मई के आसपास दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी पर चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बनने सकता है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने बैठक कर हरसंभव कदम बढ़ाने के निर्देश दिए।

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    भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी पर 48 घंटे के अंदर कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। विभाग ने अभी तक आकलन नहीं किया है कि यह कम दबाव का क्षेत्र चक्रवात में बदलेगा या नहीं।

    वहीं ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने एक दिन पहले ही संभावित चक्रवात को लेकर एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की और अधिकारियों को जीरो कैजुएल्टी पर फोकस करते हुए हर संभव कदम उठाने को निर्देश दिए हैं।

    इस बीच मौसम का पूर्वानुमान करने वाली संस्था विंडी के दो मॉडलों ने चक्रवात बनने की भविष्यवाणी की है। जीएफएस और ईसीएमडब्ल्यूएफ मॉडल ने 12 से 14 मई के बीच बंगाल की खाड़ी में चक्रवात बनने का अनुमान लगाया है।

    12 मई तक चक्रवात बनने की आशंका

    मौसम वैज्ञानिकों ने भविष्यवाणी की है कि 6 से 7 मई के बीच दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी पर एक चक्रवाती परिसंचरण बनेगा। 48 घंटों के दौरान सक्रिय होकर यह कम दबाव में तब्दील हो जाएगा। धीरे-धीरे डिप्रेशन और गहरे दबाव में बदलते हुए 12 तारीख तक बंगाल की खाड़ी में चक्रवात बनने की आशंका है। हालांकि, विंडी मॉडल ने संभावित चक्रवात का कोई विशिष्ट ट्रैक नहीं दिया।

    ओडिशा में चक्रवात पर क्या कहते हैं मौसम विज्ञानी

    यह भी स्पष्ट नहीं है कि अगर बंगाल की खाड़ी में चक्रवात बनता है तो चक्रवात किस तरफ गति करेगा। मौसम विज्ञानी प्रोफेसर सुरेंद्रनाथ पशुपालक ने कहा कि विभिन्न मॉडलों से पता चलता है कि सात मई को दक्षिण बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक चक्रवाती परिसंचरण बनने की संभावना है। 8 मई की रात और 9 मई की सुबह तक इसके दबाव के क्षेत्र में तब्दील होने की संभावना है, जो 10 तारीख को एक चक्रवाती रूप धारण कर सकता है।

    वहीं, चक्रवात के दक्षिण में भूमध्य रेखा (दक्षिण में) के नीचे एक और सिस्टम बनने से शुरुआती तीन दिनों यानी 9 मई तक चक्रवात के सिस्टम के मजबूत होने में देरी हो सकती है। संभावित चक्रवात के गठन के बाद इसके गतिपथ और तीव्रता के बारे में अधिक कहा जा सकता है। इसलिए एक सप्ताह तक प्रदेशवासियों को घबराने की कोई बात नहीं है। डॉ. पशुपालक ने कहा कि मानसून पूर्व अवधि के दौरान इतनी जल्दी चक्रवात का उचित आकलन करना संभव नहीं होता है।

    मौसम वैज्ञानिक शरत चंद्र साहू के अनुसार, विंडी मॉडल 6 मई के आसपास चक्रवात बनने को दर्शा रहे हैं। यह कितना शक्तिशाली होगा, इस पर अभी से कुछ नहीं कहा जा सकता है। 9 तारीख तक कम दबाव का क्षेत्र बनने की सम्भावना है। यह कम दबाव का क्षेत्र गहरे डिप्रेशन का रूप धारण कर सकता है। चक्रवात आएगा या नहीं, चक्रवात की रफ्तार कहां होगी, इसका अनुमान अभी से लगाना सही नहीं होगा।

    7 मई से बढे़गा ओडिशा का पारा

    ओडिशा के मौसम की बात करें तो राज्य का तापमान 7 मई से बढ़ेगा। कालबैसाखी की संभावना कम रहेगी और आसमान बादल रहित रहेगा। राज्य में अधिकतम तापमान पांच अगस्त तक 40 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है। 7 मई के बाद 42 डिग्री तक पारा चढ़ सकता है।

    क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, अगले पांच दिनों तक राज्य के विभिन्न हिस्सों में कालबैसाखी होने की संभावना है। मालकानगिरी, कोरापुट, रायगढ़, नबरंगपुर, नुआपड़ा, बलांगीर, गजपति, बालेश्वर, भद्रक, जाजपुर, मयूरभंज और केंदुझर जिले काल बैसाखी से प्रभावित होंगे।

    इसके अलावा, 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। 5, 6 और 7 मई को तटीय ओडिशा, गजपति, मयूरभंज और केंदुझर जिलों में कालबैसाखी होने की अधिक संभावना है। अगले चार से पांच दिनों में न्यूनतम तापमान में कोई बदलाव नहीं होगा।