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    सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी पर उठाए थे सवाल, कांग्रेस ने पूर्व विधायक मोहम्मद मोकिम को बाहर निकाला

    By SHESH NATH RAIEdited By: Krishna Bahadur Singh Parihar
    Updated: Mon, 15 Dec 2025 08:58 AM (IST)

    कांग्रेस ने ओडिशा के पूर्व विधायक मोहम्मद मोकिम को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। मोकिम ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी के कामकाज पर सवाल उठाए थ ...और पढ़ें

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    कांग्रेस विधायक मोहम्मद मोक़िम। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। ओडिशा की राजनीति में बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। बारबाटी–कटक से पूर्व कांग्रेस विधायक मोहम्मद मोक़िम को पार्टी-विरोधी गतिविधियों के आरोप में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से निष्कासित कर दिया गया है। इस फैसले के साथ ही उनकी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता भी समाप्त कर दी गई है।

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    यह कार्रवाई ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) अध्यक्ष भक्त चरण दास के प्रस्ताव पर की गई, जिसे अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) ने मंजूरी दी। पार्टी नेतृत्व का मानना है कि मोक़िम का हालिया रवैया संगठनात्मक अनुशासन के खिलाफ था।

    बताया जा रहा है कि मोहम्मद मोक़िम ने पार्टी नेतृत्व को चुनौती देते हुए कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी को पत्र लिखा था। साथ ही उन्होंने पीसीसी अध्यक्ष भक्त दास के नेतृत्व पर सवाल उठाए थे।

    पार्टी ने इसे अनुशासनहीनता और पार्टी-विरोधी आचरण करार दिया।कांग्रेस नेतृत्व ने स्पष्ट किया कि संगठन की एकता और अनुशासन बनाए रखने के लिए यह कठोर निर्णय लिया गया है। पार्टी का कहना है कि अनुशासन से समझौता किसी भी स्तर पर स्वीकार नहीं किया जाएगा।

    कांग्रेस की विचारधारा से अलग नहीं किया जा सकता: मोकिम

    वहीं पार्टी से निष्काषित किए जाने के बाद मोहम्मद मोकिम की भी प्रतिक्रिया सामने आयी है। मोकिम ने कहा है कि हमने कोई गलत काम नहीं किया है, बल्कि पार्टी के भीतर जो गलतियां थीं, उन्हें उजागर किया है। पूर्व कांग्रेस विधायक मोक़िम ने कहा कि भले ही पार्टी ने उन्हें प्राथमिक सदस्यता से हटा दिया हो, लेकिन कांग्रेस की विचारधारा से उन्हें अलग नहीं किया जा सकता।

    उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें अपने निष्कासन की जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स के जरिए मिली। मोक़िम ने स्पष्ट किया कि पार्टी नेतृत्व को लिखा गया उनका पत्र सुधार की मंशा से था, न कि पार्टी को नुकसान पहुंचाने के लिए।

    मोक़िम ने कहा कि उनका उद्देश्य नेतृत्व का अपमान करना नहीं था। मैंने पार्टी को आईना दिखाया है। मुझे विश्वास था कि कांग्रेस में सुधार होंगे।उन्होंने दोहराया कि उन्होंने कोई अनुशासनहीनता नहीं की है और आगे भी सक्रिय राजनीति में बने रहेंगे।

    पूर्व विधायक ने पार्टी हाईकमान को पत्र लिखने के अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा कि आंतरिक फीडबैक को अनुशासनहीनता नहीं माना जाना चाहिए। मुझे उम्मीद थी कि कांग्रेस पार्टी आंतरिक अव्यवस्थाओं पर कार्रवाई करेगी, लेकिन यह नहीं सोचा था कि मुझे इसके लिए पार्टी से निकाल दिया जाएगा।

    राहुल गांधी पर साधा निशाना

    राहुल गांधी का उल्लेख करते हुए उन्होंने उन्हें पार्टी के सबसे प्रतिष्ठित नेताओं में से एक बताया, लेकिन साथ ही कहा कि कार्यकर्ताओं को गलतियों की ओर इशारा करने का अधिकार है। राहुल गांधी पार्टी के सबसे प्रतिष्ठित नेताओं में से एक हैं। लेकिन अगर उनसे भी कोई गलती होती है, तो हमें उसे कहने का अधिकार है।

    ऐसे में हमने जो पत्र लिखा है, उस पर कोई पछतावा नहीं है। मोकिम ने कहा कि कांग्रेस ने उन्हें संगठनात्मक रूप से भले ही बाहर कर दिया हो, लेकिन मेरी वैचारिक पहचान को खत्म नहीं किया जा सकता।

    किसी अन्य राजनीतिक दल में शामिल होने या नया मंच बनाने के सवाल पर मोकिम ने कहा कि उन्होंने अभी कोई फैसला नहीं लिया है।मुझे अपने निष्कासन की जानकारी तक नहीं थी। मैं अपने समर्थकों और अपने करीबी लोगों से सलाह करूंगा और आगे के कदमों की जानकारी मीडिया को दूंगा।