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    ओडिशा आत्मदाह मामला: फकीर मोहन महाविद्यालय में पहुंची क्राइम ब्रांच की टीम, सस्पेंड प्राचार्य से की पूछताछ

    Updated: Mon, 14 Jul 2025 03:55 PM (IST)

    बालेश्वर में एक कॉलेज छात्रा ने मानसिक उत्पीड़न से तंग आकर आत्महत्या का प्रयास किया जिससे राज्य भर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। पीड़िता ने प्रोफेसर पर आरोप लगाया था और मुख्यमंत्री समेत कई नेताओं से न्याय की गुहार लगाई थी लेकिन उसकी सुनवाई नहीं हुई। उच्च शिक्षा विभाग और क्राइम ब्रांच मामले की जांच कर रहे हैं।

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    फकीर मोहन महाविद्यालय में जांच करते क्राइम ब्रांच के अधिकारी। (जागरण)

    लावा पांडे, बालेश्वर। विगत तीन दिनों से पूरे राज्य के साथ-साथ पूरे देश को झकझोर कर रख देने वाली वारदात मानो अब थमने का नाम नहीं ले रही है। राजधानी भुवनेश्वर से लेकर राज्य के विभिन्न जिलों में बीजू जनता दल और छात्र कांग्रेस की ओर से जोरदार विरोध जारी है।

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    कहीं मुख्यमंत्री का आवास तो कहीं उच्च शिक्षा मंत्री का आवास, अब छात्र युवा संगठन से जुड़े नेता और कार्यकर्ता घेरने लगे हैं।

    दो दिन पहले बालेश्वर के फकीर मोहन स्वयं शासित महाविद्यालय में पढ़ने वाली एक छात्रा ने महाविद्यालय से जुड़े एक वरिष्ठ अध्यापक द्वारा मानसिक उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था।

    ऐसा नहीं है कि यह छात्रा केवल महाविद्यालय के प्राचार्य को लिखित शिकायत सौंपी थी बल्कि, इसके साथ-साथ पीड़िता ने ट्विटर और सोशल मीडिया के जरिए अपनी बात राज्य के मुख्यमंत्री से लेकर केंद्रीय शिक्षा मंत्री, ओडिशा के उच्च शिक्षा मंत्री, बालेश्वर के जिलाधीश, बालेश्वर के एसपी, बालेश्वर के सांसद और बालेश्वर के विधायक समेत कई राजनेताओं से भी विनती की थी कि मेरे साथ होने वाले अन्याय में आप मेरा साथ दें , मुझे न्याय प्रदान करें।

    लेकिन सबसे दुखद बात यह है कि आज जब पीड़िता भुवनेश्वर के एम्स चिकित्सालय में जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रही है तब पुलिस के एस्कॉर्ट गाड़ियों के साथ बड़े-बड़े नेताओं और अधिकारियों का मानो हुजूम टूट पड़ा है।

    आखिर विगत 6 महीने से मानसिक उत्पीड़न का शिकार होने वाली इस छात्रा की आवाज को क्यों नहीं सुना गया, क्यों उसकी आवाज को दबाने की कोशिश की गई। इसी महीने के 1 तारीख को उक्त पीड़िता ने लिखित शिकायत महाविद्यालय जांच कमेटी को भी सौंपी थी लेकिन लिखित शिकायत देने के बाद उक्त पीड़िता पर ही ऊपर से दबाव डाला गया की लिखित शिकायत वापस ले ले नहीं तो उसे 6 साल के लिए परीक्षा देने नहीं दिया जाएगा।

    इसी तरह और कई अन्य बातें कह कर उसे डराया और धमकाया जाता था। आखिरकार पीड़िता ने घटना वाले दिन महाविद्यालय के प्राचार्य के कक्ष में गई और उनसे यह जानना चाहा आखिर आरोपी अध्यापक के विरुद्ध क्या कार्रवाई हुई, आखिर कब मिलेगा मुझे न्याय। जब उचित जवाब उसे ना मिला बल्कि पीड़िता पर ही उल्टा आरोप लगाया जाने लगा ।

    आखिरकार वह अपना जीवन लीला समाप्त करना ही उचित समझी और अपने आप को आग के हवाले कर दिया।

    बीते कल उच्च शिक्षा विभाग से जुड़े तीन सदस्यों का दल महाविद्यालय परिसर में पहुंचे थे तथा करीब चार घंटे तक महाविद्यालय के निलंबित प्राचार्य समेत जांच कमेटी के सदस्य और अन्य लोगों से बारीकी से पूछताछ किए थे।

    उच्च शिक्षा विभाग से जुड़े तीन सदस्य जांच कमेटी के चार घंटे के पूछताछ के बाद ही क्राइम ब्रांच ( क्राइम अगेंस्ट वूमेन एंड चाइल्ड विंग) का दो सदस्य दल महाविद्यालय परिसर में पहुंचा था तथा 4 घंटे से ज्यादा समय तक महाविद्यालय के निलंबित प्राचार्य से लेकर अन्य अध्यापक और अध्यापिकाओं से बारीकी से पूछताछ किए थे।

    क्राइम ब्रांच (क्राइम अगेंस्ट वूमेन एंड चाइल्ड विंग) से जुड़े एडिशनल एसपी राजलक्ष्मी नायक तथा डीएसपी ईमान कल्याण इस दल में शामिल थे। जांच करने के बाद वे सीधा प्राचार्य के कक्ष से निकले थे और अपनी गाड़ी में बैठकर चले गए थे।

    क्राइम ब्रांच से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा था कि हमारा मीडिया सेल भुवनेश्वर में है जो कहना होगा हम वहीं कहेंगे, अभी जांच चल रही है इसलिए कुछ भी कहना जांच में बड़ी बाधा हो सकती है।