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    मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने जगन्नाथ मंदिर परिक्रमा प्रोजेक्ट के विकास कार्य का लिया जायजा, पहले चरण में खर्च होंगे 331.28 करोड़

    By Vijay KumarEdited By:
    Updated: Fri, 01 Jul 2022 10:21 PM (IST)

    Jagannath Temple Parikrama Project ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने आज एक तरफ जहां विश्व प्रसिद्ध रथायात्रा में शामिल होकर महाप्रभु का दर्शन किए तो वहीं दूसरी तरफ अपने पुरी दौरे के दौरान पुरी जगन्नाथ मंदिर परिक्रमा प्रोजेक्ट का भी जायजा लिया है।

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    पुरी जगन्नाथ मंदिर परिक्रमा प्रोजेक्ट का जायजा लेते ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक

    भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने आज एक तरफ जहां विश्व प्रसिद्ध रथायात्रा में शामिल होकर महाप्रभु का दर्शन किए तो वहीं दूसरी तरफ अपने पुरी दौरे के दौरान पुरी जगन्नाथ मंदिर परिक्रमा प्रोजेक्ट का भी जायजा लिया है। मंदिर परिक्रमा प्रोजेक्ट का कार्य कितना प्रतिशत खत्म हुआ है, परिक्रमा प्रोजेक्ट मैप देख कर निर्माण कार्य के अग्रगति के बारे में जानकारी ली।

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    उत्कलीय ढांचा में खंडोलाइट पथर में काम हुआ है। जो कि अत्यन्त ही सुन्दर एवं आकर्षणीय है। दक्षिण द्वार के पास 90 प्रतिशत काम खत्म हुआ है। उसी तरह से सेल्टर पावेलियन को भी नवीन पटनायक ने घूमकर देखा और करीबन 15 मिनट तक निर्माण कार्यों की समीक्षा की।

    यहां उल्लेखनीय है कि नवीन पटनायक ने श्रीक्षेत्र नवकलेवर के लिए जो सपना देखा था वह अब धीरे धीरे वास्तविक रूप ले रहा है। परिक्रमा प्रोजेक्ट क्षेत्र को रंग बिरंगे पौधे से सजाया संवारा गया है। आलोकीकरण किया गया है। अभी प्रोजेक्ट का काम चल रहा है, मगर अभी से यह अत्यन्त ही आकर्षण दिख रहा है। प्रोजेक्ट कार्य पूरा हो जाएगा तो और आकर्षणीय लगेगा।

    यहां उल्लेखनीय है कि परिक्रमा प्रोजेक्ट का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। 9 महीने में काम खत्म करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐतिहासिक प्रोजेक्ट कार्य खत्म होने पर जगन्नाथ के साथ जुड़ी तमाम रीति नीति एवं अन्य पर्व को आसानी से मनाया जा सकेगा। प्रोजेक्ट को पांच जोन में विभक्त किया गया है। प्रवेश निषेध जोन, भीतर प्रदक्षिण जोन, श्रीमंदिर परिसर, बाहर प्रदक्षिण जोन, श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए एक जोन बनाया गया है। भीतर परिक्रमा पथ पारंपरिक रीति नीति, देव देवियों की शोभायात्रा एवं श्रद्धालुओं के मंदिर परिक्रमा के लिए प्रयोग किया जाएगा। हरित क्षेत्र में कलाकृति की सुन्दरता देखने को मिलेगी तथा जगन्नाथ की संस्कृति दिखाई देगी। पहले चरण में 331.28 करोड़ रुपया इस प्रोजेक्ट के लिए खर्च किया गया है।