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    CBSE Board: सीबीएसई की बोर्ड परीक्षा में बैठने के लिए 75% अटेंडेंस जरूरी, बोर्ड ने जारी की सख्त चेतावनी

    Updated: Thu, 07 Aug 2025 11:37 AM (IST)

    सीबीएसई के तहत 10वीं और 12वीं के छात्रों के लिए 75% उपस्थिति अनिवार्य है। अन्यथा वे वार्षिक परीक्षा में नहीं बैठ पाएंगे। कम उपस्थिति वाले छात्रों को अगले पांच महीनों में इसे पूरा करना होगा। बोर्ड ने धोखाधड़ी पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है। आपातकालीन चिकित्सा या खेल में भागीदारी के लिए दस्तावेज जमा करने पर 25% तक छूट मिल सकती है।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)

    जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। अगर कक्षा में 75 प्रतिशत उपस्थिति नहीं रही, तो केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के तहत संचालित स्कूलों के 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्र-छात्राएं वार्षिक परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएंगे।

    जिन छात्रों की उपस्थिति कम है,उन्हें अगले पांच महीनों में इसे पूरा करना होगा। नियमित रूप से कक्षा में उपस्थित होकर लक्ष्य को हासिल करने का अवसर उपलब्ध है।

    बोर्ड ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि उपस्थिति में किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यदि किसी स्कूल या छात्र द्वारा धोखाधड़ी किए जाने की बात सामने आती है, तो उनके खिलाफ कानून के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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    परीक्षा से पहले कड़ी चेतावनी

    सीबीएसई के स्कूलों के 10वीं और 12वीं के छात्रों को यह कड़ी चेतावनी परीक्षा से पहले दी गई है।सीबीएसई की ओर से यह भी स्पष्ट किया गया है कि बोर्ड परीक्षा में बैठने के लिए छात्रों की न्यूनतम 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य है।

    हालांकि, आपातकालीन चिकित्सा उपचार, राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलों में भागीदारी, अथवा अन्य गंभीर कारणों के लिए यदि छात्र आवश्यक दस्तावेज (जैसे मेडिकल सर्टिफिकेट, प्रेस्क्रिप्शन आदि) जमा करते हैं, तो 25 प्रतिशत तक उपस्थिति में छूट दी जा सकती है।

    परीक्षा में अब लगभग ढाई महीने ही बचे हैं, ऐसे में छात्र-छात्राओं और अभिभावकों को इस उपस्थिति संबंधी नियम को लेकर विशेष रूप से जागरूक रहना आवश्यक है।

    अगर किसी छात्र की उपस्थिति कम है और उन्होंने उचित प्रमाण पत्र नहीं जमा किया है, तो उन्हें परीक्षा में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

    स्कूलों को निर्देशित किया गया है कि वे नियमित रूप से छात्रों की उपस्थिति की जांच करें और उसमें कक्षा शिक्षकों के हस्ताक्षर अनिवार्य रूप से करवाएं। यदि कोई छात्र लगातार स्कूल नहीं आ रहा है, तो स्कूल को उनके अभिभावकों को लिखित रूप में सूचित करना होगा।

    अचानक की जा सकती है जांच

    सीबीएसई बोर्ड की ओर से यह भी कहा गया है कि परीक्षा से पहले किसी भी स्कूल में अचानक निरीक्षण कर उपस्थिति की जांच की जा सकती है। यदि उपस्थिति रिकॉर्ड में कोई त्रुटि, अपूर्ण जानकारी या गड़बड़ी पाई जाती है, तो उस स्कूल के विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी।

    एक बार स्कूल द्वारा उपस्थिति का विवरण बोर्ड को सौंप देने के बाद, उसमें किसी प्रकार का परिवर्तन संभव नहीं होगा। इस संबंध में बोर्ड की ओर से नियमावली भी जारी कर दी गई है।