Kartik Purnima: भुवनेश्वर में बोइत बंदाण उत्सव की धूम, दीप जलाकर बहाते हैं नाव
kartik Purnima भुवनेश्वर में धूमधाम से कार्तिक पूर्णिमा एवं बोइत बंदाण उत्सव मनाया गया इस अवसर पर यहां लोकगीतों की धुनों पर नाव पानी में बहायी जाती है।
भुवनेश्वर, जेएनएन। Kartik Purnima राजधानी भुवनेश्वर समेत पूरे राज्य में बड़े ही धूमधाम एवं उत्साह के साथ मंगलवार को कार्तिक पूर्णिमा एवं बोइत बंदाण उत्सव मनाया गया। राजधानी भुवनेश्वर में बड़े आकार में कुआखाई नदी तट, दयानदी, विंदुसागर में तो वहीं कटक महानदी में हजारों हजार संख्या में लोगों ने भाग लेकर दीप जलाकर नाव बहायी। आ का मा बोई, पान गुआ थोई.....। पान गोई तोर मास क धर्म मोर..... इस लोक गीत के साथ लोगों ने पानी में नाव बहायी। अर्थात इसी दिन ओडिशा के साधव व्यापारी बाली सुमित्रा आदि द्वीपों की यात्रा आरंभ करते थे, जिनको विदाई के तौर पर पान पत्ता, सुपारी आदि जहाज में रखकर जहाज को पानी में उतारा जाता था, उस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए सदियों से कार्तिक पूर्णिमा के दिन नाव बहायी जाती है जिसे बोइथ बंदाण त्योहर कहा जाता है।
राजधानी भुवनेश्वर में कुआखाई नदी तट पर सामाजिक अनुष्ठान साहारा जनमंच की तरफ से सामूहिक उत्सव आयोजित किया। इस उत्सव का उद्घाटन भुवनेश्वर की सांसद अपराजित षड़ंगी, राज्यसभा सांसद डा.रघुनाथ महापात्र, भाजपा के प्रवक्ता गोलक महापात्र ने किया। इस अवसर पर अन्यतम अतिथि के तौर पर ट्राफिक एसपी सागरिका नाथ, पाला ट्रस्ट के अध्यक्ष सुरेन्द्र नाथ छोटराय प्रमुख उपस्थित थे। अतिथियों ने इस अवसर पर बालुका शिल्पी यतीन दास के द्वारा निर्मित बालुका कला का उद्घाटन करने के साथ नाव बहाकर उत्सव का शुभारंभ किया।
जनमंच की तरफ से इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने के वाले 11 लोगों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर राज्य सरकार के संस्कृति विभाग के सहयोग से सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया। समारोह में संगठन के सचिव ज्ञानानंद सागर कुमार ने अतिथि परिचय दिया। सचवि एकादशी बेहेरा ने विवरण रखा जबकि कमलेश ने मंच संयोजना किया। अनुष्ठान के अध्यक्ष सहदेव तराई ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
समारोह में उपस्थित लोगों को कार्तिक पूर्णिमा का अभिनंदन देते हुए भुवनेश्वर की सांसद अपराजिता षडंगी ने कहा कि अपनी परंपरा को बचाए रखना बड़ी बात है। हमें अपनी परंपरा एवं संस्कृति बचाए रखना होगा और अपने बच्चों को इसके महत्व के बारे में समझाना होगा। अपने बच्चों को बताना होगा कि आखिर यह पर्व क्यों मनाया जाता है। सांसद ने इस अवसर पर अपनी तरफ से हर सम्भव मदद करने का आश्वासन भी संस्थान को दिया। कुआखाई नदी घाट पर उत्सव के दौरान प्रशासन की तरफ से व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की गई थी।
पर्व के दौरान नदी में डूबने से दो की मौत
रायगड़ा जिले से दो अलग-अलग जगह से हादसे की सूचना मिली है, जिसमें बंशधारा नदी एवं नागावली नदी में डूब जाने से दो युवकों की मौत हो गई है। गुमुड़ा के पास बंशधारा नदी में मरने वाले युवक का नाम संतोष जेना है। उसकी उम्र 16 साल है। उसी तरह से नागावली नदी में डूबकर मरने वाले युवक का नाम सुमन बेहेरा और उसकी उम्र 22 साल बतायी गई है।