ओडिशा में अधिकारी से मारपीट मामले में BJP नेता जगन्नाथ प्रधान ने किया सरेंडर, समर्थकों ने किया हंगामा
भुवनेश्वर नगर निगम के अतिरिक्त आयुक्त रत्नाकर साहू पर हमले के मामले में भाजपा नेता जगन्नाथ प्रधान ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। इस घटना से आक्रोशित समर्थकों ने भुवनेश्वर में प्रदर्शन किया। जगन्नाथ ने हमले में शामिल होने से इनकार किया और इसे उन्हें और उनकी पार्टी को बदनाम करने की साजिश बताया।

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। भुवनेश्वर नगर निगम के अतिरिक्त आयुक्त रत्नाकर साहू पर हमले के मामले में भाजपा नेता जगन्नाथ प्रधान ने गुरुवार रात करीब 11 बजे पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।
इसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर कोर्ट भेज दिया। इससे जगन्नाथ के समर्थकों में आक्रोश हैं। उन्होंने भुवनेश्वर में जनपथ और राष्ट्रीय राजमार्गों को अवरुद्ध कर दिया।
राजधानी में जगह-जगह भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। उधर, जगन्नाथ की गिरफ्तारी के बाद ओएएस एसोसिएशन ने अपना आंदोलन वापस ले लिया है।
जगन्नाथ रात करीब साढ़े नौ बजे डीसीपी के दफ्तर पहुंचे। जब यह खबर सामने आई तो उनके सैकड़ों समर्थक वहां जमा हो गए थे। विधायक बाबू सिंह समेत भाजपा के कुछ वरिष्ठ नेता भी वहां पहुंचे।
हमले में मैं नहीं हूं शामिल
जगन्नाथ ने डीसीपी कार्यालय में प्रवेश करने से पहले संवाददाताओं से कहा कि अतिरिक्त आयुक्त पर हमले में मैं शामिल नहीं हूं। मैंने इस घटना की निंदा की है। लेकिन मुझे, मेरी पार्टी और सरकार को बदनाम करने की सुनियोजित कोशिश की गई।
ओएएस एसोसिएशन भी इस योजना का शिकार है और मेरी गिरफ्तारी की मांग को लेकर आंदोलन पर है। इसके परिणामस्वरूप बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य, क्षति आकलन और मुआवजा आवंटन प्रभावित हो सकता है।
बाहुडा यात्रा और भगवान का सोना वेश भी प्रभावित हो सकता है। अगर मेरी गिरफ्तारी इसे सुलझाने का तरीका है तो मैं सरकार के व्यापक हित और राज्य के व्यापक हित में जांच में शामिल होने आया हूं।
जनपथ पर समर्थकों ने जाम किया सड़क जाम
जगन्नाथ डीसीपी कार्यालय में थे जब उनके समर्थकों ने बाहर हंगामा किया। उन्होंने सड़क जाम कर अपनी नाराजगी जाहिर की। पुलिस और भाजपा के वरिष्ठ नेता समर्थकों को समझाते नजर आए।
पुलिस ने बताया कि जगन्नाथ को गिरफ्तार कर लिया गया है। गिरफ्तारी के बाद उन्हें मेडिकल जांच के लिए कैपिटल अस्पताल ले जाया गया। वहां से उन्हें कोर्ट भेज दिया गया, जबकि रात में उन्हें झारपाड़ा जेल भेज दिया गया।
जगन्नाथ की गिरफ्तारी के मद्देनजर डीसीपी कार्यालय, कैपिटल अस्पताल, भुवनेश्वर अदालत और झारपड़ा जेल के आसपास सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे।
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