ओडिशा में विधायकों की वेतन वृद्धि पर बीजेडी का यू-टर्न, आक्रोश बढ़ने पर पुनर्विचार की मांग
ओडिशा में विधायकों के वेतन में वृद्धि के मामले पर बीजेडी ने यू-टर्न ले लिया है। बढ़ते आक्रोश को देखते हुए पार्टी ने इस फैसले पर पुनर्विचार करने की मां ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। बीजू जनता दल (बीजेडी) ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी से विधायकों (एमएलए) के वेतन, भत्तों और पेंशन में बढ़ोत्तरी से जुड़े उस विधेयक पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया, जिसे हाल ही में ओडिशा विधानसभा में पारित किया गया है।
हालांकि विधेयक के पारित होने के दौरान बीजेडी ने इसका समर्थन किया था, लेकिन पार्टी ने कहा कि जनता में बढ़ते असंतोष को देखते हुए अब इस फैसले की समीक्षा जरूरी हो गई है। इस विधेयक में विधायकों के वेतन, भत्तों और पेंशन में बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव है। विधानसभा में पारित होने के बाद से ही इस फैसले को लेकर व्यापक जन आलोचना हो रही है। कई लोग इसके समय और औचित्य पर सवाल उठा रहे हैं।
जनभावनाओं को स्वीकार करते हुए बीजेडी ने कहा कि जनता के व्यापक हित में इस मामले पर दोबारा विचार किया जाना चाहिए। पार्टी नेताओं ने कहा कि भले ही शुरुआत में उन्होंने विधेयक का समर्थन किया हो, लेकिन वह जनता की राय का सम्मान करती है और राज्यभर में उठ रही चिंताओं को नजरअंदाज नहीं कर सकती।
बीजेडी नेता प्रमिला मल्लिक ने कहा कि ओडिशा की जनता इस विधेयक के खिलाफ है। हमारे सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक भी कभी अपना वेतन नहीं लेते। इसलिए हम मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी से लोगों की भावना का सम्मान करते हुए इस वेतन वृद्धि पर पुनर्विचार करने का अनुरोध करते हैं।
इससे पहले भाजपा के विधायकों ने भी मुख्यमंत्री से वेतन वृद्धि के फैसले की समीक्षा करने की मांग की थी।वहीं, नेता प्रतिपक्ष और बीजेडी सुप्रीमो नवीन पटनायक ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा था कि जनता के विरोध को देखते हुए वह बढ़ा हुआ वेतन स्वीकार नहीं करेंगे। अब सभी की नजरें राज्य सरकार के अगले कदम पर टिकी हैं और यह देखना होगा कि क्या इसकी समीक्षा की प्रक्रिया शुरू की जाती है या नहीं।
गौरतलब है कि हाल ही में सम्पन्न हुए विधानसभा में विधायकों के वेतन में लगभग ढाई गुना की बढ़ोत्तरी की थी। सरकार के इस निर्णय का आम लोगों से तीखी प्रतिक्रिया सामने आने के बाद पहले भाजपा एवं अब बीजद के नेताओं ने वेतन वृद्धि निर्णय को वापस लेने की मांग किए हैं।

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