ओडिशा में एक सप्ताह में मिलेगा जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, लागू हुई नई व्यवस्था
ओडिशा में एक जनवरी से ऑनलाइन व्यवस्था लागू की गई है 21 दिन में पंजीकरण करने वाले को कोई चार्ज नहीं देना होगा। बाद में पंजीकरण करने पर जुर्माने के साथ अनुमति मिलेगी। आवेदनकारी ऑनलाइन से प्रमाण पत्र डाउनलोड कर सकते हैं।
भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए अब पंजीकरण काउंटर के सामने घंटों तक खड़ा नहीं होना पड़ेगा और ना ही बारंबार कार्यालय का चक्कर काटना होगा। घर बैठकर ऑनलाइन पंजीकरण एवं जरूरी कागजात अपलोड हो रहा है। सभी कागजात ठीक होने पर 1 सप्ताह के अंदर प्रमाण पत्र ऑनलाइन ही भेज दिया जा रहा है। लोगों को जल्द से जल्द जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र देने के लिए राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की तरफ से ऑनलाइन व्यवस्था की गई है। 1 जनवरी से राज्य के सभी शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में जन्म मृत्यु पंजीकरण केंद्र में ऑनलाइन व्यवस्था कार्यकारी कर प्रमाण पत्र दिए जा रहे हैं। 1 से 21 दिन के भीतर ऑनलाइन में पंजीकरण करने पर बिना किसी शुल्क के प्रमाण पत्र मिल रहा है।
1 जनवरी से ऑनलाइन व्यवस्था कार्यकारी
राज्य के सभी 114 एलटी एवं ग्रामीण जन्म-मृत्यु पंजीकरण केंद्र में 1 जनवरी से ऑनलाइन व्यवस्था को कार्यकारी किया गया है। जन्म एवं मृत्यु के 21 दिन के अंदर शहरी क्षेत्र में वेबसाइट www.ulbodisha.gov.in तथा ग्रामीण क्षेत्र में जन्म मृत्यु पंजीकरण केंद्र वेबसाइट www.birthdeath.odisha.gov.in में लॉगइन कर आवेदन किया जा सकता है। पंजीकरण के समय में कार्यालय की तरफ से मांगे जाने वाले जरूरी कागज पत्र भी ऑनलाइन में ही अपलोड करना होगा। सभी कागजात ठीक होने पर 1 सप्ताह के अंदर कार्यालय की तरफ से ऑनलाइन में प्रमाण पत्र अपलोड कर दिए जा रहे हैं। इसके बाद आवेदनकारी ऑनलाइन से प्रमाण पत्र डाउनलोड कर सकते हैं।
पंजीकरण अधिकारी से लेनी होगी अनुमति
जन्म-मृत्यु के 21 से 30 दिन के बीच पंजीकरण करने पर पहले पंजीकरण अधिकारी से अनुमति लेनी होगी। अनुमति मिलने के बाद 2 रुपए जुर्माना देकर पंजीकरण केंद्र में कागज पत्र दाखिल करना होगा। सभी कागजात ठीक होने पर 1 सप्ताह में प्रमाण पत्र दिया जा रहा है। इसके साथ ही प्रमाण पत्र लाने के समय सात रुपया देय के तौर पर भी भुगतान करना होगा। 30 दिन से 1 साल के बीच जन्म मृत्यु पंजीकरण करने वालों को पहले जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी के पास से अनुमति लेनी होगी। इसके साथ ही हलफनामा दाखिल करना होगा। 1 साल से अधिक होने पर 10 रुपए जुर्माना के साथ एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट के पास से अनुमति लेनी होगी।