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    Odisha News: माझी सरकार का यू टर्न! नहीं बदला जाएगा खेल पुरस्कार का नाम; मुख्यमंत्री ने खुद दिया रिएक्शन

    Updated: Sun, 21 Jul 2024 03:18 PM (IST)

    Odisha Politics ओडिशा में बीजू पटनायक खेल पुरस्कार का नाम नहीं बदला जाएगा। इसकी घोषणा खुद मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने की है। रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इसे लेकर बताया कि बीजू पटनायक खेल पुरस्कार का नाम बदलने की हमें कोई जानकारी नहीं थी। यह सूचना मुझे मीडिया के माध्यम से मिली है। दरअसल खेल पुरस्कार का नाम बदलने पर बीजद नेता ने निशाना साधा था।

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    ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी और पूर्व सीएम नवीन पटनायक। फोटो- जागरण

    जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। Odisha Politics मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि बीजू पटनायक खेल पुरस्कार का नाम नहीं बदला जाएगा। दरअसल, शनिवार को राज्य खेल और युवा सेवा विभाग द्वारा बीजू पटनायक खेल पुरस्कार का नाम बदलकर 'ओडिशा राज्य क्रीड़ा सम्मान' कर दिया गया है।

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    सीएम ने आगे कहा कि बीजू पटनायक का नाम खेल पुरस्कार से हटाने की जानकारी मुझे नहीं थी। यह जानकारी आज मुझे मीडिया से मिली है। देश और राज्य के लिए बीजू बाबू के योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।

    उन्होंने कहा कि इस पुरस्कार के संदर्भ में विधिवत निर्णय नहीं लिया गया है और ना ही इसके बारे में मेरे पास कोई खबर है। किसी प्रकार के बदलाव करने की कोई योजना नहीं है। मेरी सरकार ओडिशा के महान सपूतों का सम्मान करती है और बीजू बाबू भी उनमें से एक हैं।

    खेल पुरस्कार की कब हुई स्थापना

    बीजू पटनायक खेल पुरस्कार की स्थापना 2001-2002 में पूर्व मुख्यमंत्री बीजू पटनायक की विरासत का सम्मान करने के लिए की गई थी। इसका उद्देश्य खेल के क्षेत्र में उनके असाधारण योगदान को मान्यता देना था। यह पुरस्कार 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर चार अलग-अलग श्रेणियों में प्रदान किया जाता है।

    किसे मिलता है यह सम्मान

    यह पुरस्कार आजीवन उपलब्धि, खेल और खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन, कोचिंग में उत्कृष्टता, खेल पत्रकारिता में उत्कृष्टता और खेलों को बढ़ावा देने में योगदान के लिए दिया जाता है।

    शनिवार को राज्य खेल और युवा सेवा विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देश में कहा गया था कि अब इन पांच श्रेणियों में वर्ष के सर्वश्रेष्ठ पैरा खिलाड़ी, वर्ष के सर्वश्रेष्ठ एथलीट (जूनियर वर्ग) और वर्ष के सर्वश्रेष्ठ खेल तकनीकी अधिकारी/सहायक स्टाफ को जोड़ दिया गया है।

    तीनों नव निर्मित श्रेणियों की पुरस्कार राशि 1-1 लाख रुपये रखी गई है। हालांकि, अब मुख्यमंत्री ने खुद कहा कि उनकी सरकार द्वारा इस तरह का कोई भी आदेश नहीं दिया गया है।

    नाम बदलने पर बीजद ने दी थी प्रतिक्रिया

    यहां उल्लेखनीय है कि राज्य खेल और युवा सेवा विभाग द्वारा जारी विज्ञप्ति से यह चर्चा उठी थी। इस विज्ञप्ति में बीजू पटनायक खेल पुरस्कार की जगह ओडिशा राज्य खेल पुरस्कार लिखा गया था। इसके बाद से प्रदेश में राजनीति गरमा गई थी।

    खेल पुरस्कार का नाम बदलने पर बीजद की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया आई। बीजद नेता और राज्यसभा सदस्य मुन्ना खां ने कहा कि नाम बदलने या रंग बदलने से कुछ नहीं होगा। उन्हें काम करना चाहिए। अगर आप बीजू बाबू के खिलाफ काम करेंगे तो लोग असंतुष्ट होंगे और यह खतरनाक होगा। बीजू बाबू के चाहने वाले इसे कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे।

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