भुवनेश्वर एयरपोर्ट पर बढ़ा बर्ड स्ट्राइक का खतरा, अवैध स्लॉटर हाउस और कचरा डंपिंग सबसे बड़ी समस्या
भुवनेश्वर हवाई अड्डे पर लगातार बर्ड स्ट्राइक की घटनाओं पर डीजीसीए ने चिंता जताई है। राज्य सरकार को हवाई अड्डे के 10 किलोमीटर के दायरे में अवैध बूचड़खानों और कचरा डंप को हटाने के निर्देश दिए गए हैं। बीपीआईए में पूर्वी भारत में सबसे अधिक बर्ड स्ट्राइक के मामले दर्ज किए गए हैं जिससे हवाई सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं।

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर स्थित बीजू पटनायक अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बार-बार हो रहे बर्ड स्ट्राइक हादसों को लेकर विमानन नियामक महानिदेशालय नागरिक उड्डयन ने चिंता जताई है। डीजीसीए ने ओडिशा के मुख्य सचिव मनोज आहूजा को पत्र लिखकर हवाई सुरक्षा नियमों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
डीजीसीए ने विमान अधिनियम 1937 के नियम 91 का हवाला दिया है, जिसके अनुसार किसी भी हवाई अड्डे से 10 किलोमीटर के दायरे में स्लॉटर हाउस या पक्षियों को आकर्षित करने वाली गतिविधियां प्रतिबंधित हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, भुवनेश्वर एयरपोर्ट के आसपास अवैध बूचड़खाने, सड़क किनारे मांस-मछली की दुकानें और खुले कचरा डंप लगातार पक्षियों को आकर्षित कर रहे हैं, जिससे विमानों की सुरक्षा पर खतरा मंडरा रहा है।
तत्काल मैपिंग और शिफ्टिंग के निर्देश
डीजीसीए ने राज्य सरकार से कहा है कि ऐसे सभी अवैध प्रतिष्ठानों का तत्काल सर्वे कर उनकी पहचान की जाए और उन्हें बंद या अन्यत्र स्थानांतरित किया जाए। साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया है कि 10 किलोमीटर का दायरा हवाई दूरी के आधार पर तय किया जाना चाहिए।
बीएमसी और जिलाधिकारियों को मिले आदेश
परिवहन विभाग ने इसके बाद भुवनेश्वर नगर निगम आयुक्त और झारसुगुड़ा, गंजाम, कालाहांडी, कोरापुट और सुंदरगढ़ के जिलाधिकारियों को डीजीसीए की सिफारिशों को लागू करने के आदेश दिए हैं।
पूर्वी भारत में सबसे ज्यादा बर्ड हिट केस
गौरतलब है कि बार-बार चेतावनियों के बावजूद बीपीआईए में हर महीने तीन से चार बर्ड स्ट्राइक दर्ज हो रहे हैं। वर्ष 2024 में यहां औसतन छह घटनाएं प्रति माह दर्ज हुई थी, जो पूर्वी भारत के सभी हवाई अड्डों में सबसे ज्यादा है।
विस्तार योजनाओं के बीच सुरक्षा चुनौती
यह चेतावनी उस समय आई है जब नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने बढ़ते यात्री दबाव को देखते हुए बीपीआईए में तीसरे टर्मिनल के निर्माण की घोषणा की है। प्रस्तावित टर्मिनल में ओडिशा की कला, संस्कृति और विरासत को प्रदर्शित किया जाएगा। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि टर्मिनल विस्तार के साथ-साथ बर्ड स्ट्राइक जैसी समस्याओं से निपटना सुरक्षित और कुशल उड़ानों के लिए बेहद जरूरी है।
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