भुवनेश्वर में अवैध शराब कारोबार बेखौफ, आसानी से हो रही उपलब्ध पुलिस-आबकारी विभाग की कार्यशैली पर उठे सवाल
भुवनेश्वर में अवैध शराब का कारोबार खुलेआम चल रहा है, जिससे पुलिस और आबकारी विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। शहर में अवैध शराब की बिक्री बिना किस ...और पढ़ें

सांकेतिक तस्वीर
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। राजधानी भुवनेश्वर समेत पूरे प्रदेश में अवैध शराब कारोबार पर रोक लगाने को लेकर सरकार की सख्त हिदायतों के बावजूद जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है।
शहर के विभिन्न इलाकों में अवैध नशा कारोबारी बेखौफ होकर अपना धंधा चला रहे हैं। हालात ऐसे हैं कि राजधानी में 24×7 ब्लैक में शराब आसानी से उपलब्ध हो जा रही है, जिससे आमजन में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह कोई छिपी हुई बात नहीं है। अवैध शराब की बिक्री के ठिकाने मोहल्लों और बस्तियों में खुलेआम सक्रिय हैं। इसके बावजूद पुलिस और आबकारी विभाग की ओर से प्रभावी कार्रवाई नहीं होने पर सवाल खड़े हो रहे हैं। लोगों का आरोप है कि विभागों की ओर से की जाने वाली छापेमारी महज औपचारिकता बनकर रह गई है, जिसका जमीनी स्तर पर कोई ठोस असर नहीं दिखता।
शहर के कई वार्डों में देर रात तक अवैध शराब की बिक्री जारी रहती है। अह्सामाजिक तत्व के साथ-साथ युवा वर्ग भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। इससे चोरी, मारपीट और घरेलू हिंसा जैसी घटनाओं में भी बढ़ोतरी देखी जा रही है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि बार-बार शिकायतों के बावजूद कार्रवाई सीमित दायरे तक ही सिमट जाती है।
आरोप यह भी है कि पुलिस और आबकारी विभाग के कुछ कर्मियों की मिलीभगत के बिना इतना बड़ा नेटवर्क चल पाना संभव नहीं है। छापेमारी की सूचना पहले ही लीक हो जाने से कारोबारी सतर्क हो जाते हैं और कार्रवाई निष्फल साबित होती है। वहीं, छोटे-मोटे मामलों में कार्रवाई दिखाकर बड़े कारोबारियों को खुली छूट मिलने का आरोप भी लगाया जा रहा है।
सरकार ने अवैध शराब पर सख्ती के निर्देश दिए हैं, लेकिन राजधानी में हालात उन निर्देशों को मुंह चिढ़ाते नजर आ रहे हैं। लोगों की मांग है कि दिखावटी कार्रवाई के बजाय ठोस और निरंतर अभियान चलाया जाए, दोषी अधिकारियों पर भी कार्रवाई हो और अवैध शराब कारोबार की जड़ों पर सीधा प्रहार किया जाए, ताकि राजधानी को नशे के इस जाल से मुक्त कराया जा सके।

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