22 नवंबर को बंगाल की खाड़ी में बनेगा निम्न दबाव का क्षेत्र, ओडिशा पर कितना पड़ेगा प्रभाव अभी स्पष्ट नहीं
मौसम विभाग के अनुसार, 22 नवंबर को बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की आशंका है। ओडिशा पर इसका प्रभाव अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन तटीय क्षेत्रों में बारिश की संभावना है। सरकार ने अलर्ट जारी कर दिया है और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा है।

बंगाल की खाड़ी में बनेगा निम्न दबाव
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा है कि 22 नवंबर को दक्षिण–पूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक नया निम्न दबाव क्षेत्र विकसित हो सकता है। प्रारंभिक आकलनों से पता चलता है कि यह प्रणाली समुद्र के ऊपर आगे बढ़ते हुए तीव्र हो सकती है।
हालांकि, मौसम विभाग ने अभी तक यह अनुमान जारी नहीं किया है कि यह तंत्र चक्रवात में बदलेगा या किन तटीय क्षेत्रों पर अधिक प्रभाव पड़ेगा।
ओडिशा में ठंड से आंशिक राहत
इस बीच, इस सप्ताह की शुरुआत में ओडिशा में बढ़ी ठंड में थोड़ी कमी आई है।मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों में अधिकांश जिलों में न्यूनतम तापमान में 2 से 3 डिसे तक वृद्धि का पूर्वानुमान व्यक्त किया है।
निम्न दबाव के डिप्रेशन में बदलने की संभावना
प्रारंभिक प्रक्षेपणों के अनुसार, निम्न दबाव क्षेत्र बनने के बाद इसके पश्चिम–उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ने और धीरे-धीरे मजबूत होने की संभावना है।24 नवंबर तक यह प्रणाली दक्षिण मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक डिप्रेशन (दबाव क्षेत्र) में परिवर्तित हो सकती है।
आईएमडी का अनुमान है कि अगले 48 घंटों में यह तंत्र और अधिक मजबूत हो सकता है, क्योंकि यह समुद्र के दक्षिण–पश्चिमी गहरे क्षेत्रों की ओर बढ़ेगा। हालांकि फिलहाल हवा की गति या संभावित वर्षा क्षेत्रों को लेकर कोई सलाह जारी नहीं की गई है।
वर्तमान स्थिति के अनुसार, आईएमडी ने इसकी अंतिम तीव्रता या इसके चक्रवात में बदलने की संभावना पर कोई आधिकारिक अनुमान जारी नहीं किया है, जबकि कुछ वैश्विक मॉडल इसके मजबूत होने के संकेत दे रहे हैं।
ओडिशा में ठंड के हालात में बदलाव
पिछले दो दिनों में झारसुगुड़ा में सुबह 5:30 बजे तापमान 11डिसे. दर्ज हुआ, जबकि कंधमाल के जी. उदयगिरी में यह 5.4 डिसे. तक गिर गया, जो इस मौसम का राज्य में सबसे कम तापमानों में से एक है।
सप्ताह की शुरुआत में छह शहरों में तापमान 10 डिसे से नीचे दर्ज किया गया था, जो ठंड की तीव्रता को दर्शाता है।कई क्षेत्रों में घने कोहरे की स्थिति बनी हुई है, जिससे सुबह यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
आईएमडी के अनुसार, जब निम्न दबाव क्षेत्र समुद्र के ऊपर विकसित हो जाएगा और इसका मार्ग स्पष्ट होगा, तभी इसकी विस्तृत जानकारी दी जा सकेगी।आगामी 72–96 घंटे यह निर्धारित करेंगे कि यह प्रणाली किसी महत्वपूर्ण मौसम तंत्र में बदलती है या समुद्र तक ही सीमित रहती है।

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