बंगाल की खाड़ी में एक और चक्रवात का खतरा, तटीय इलाकों में अलर्ट
बंगाल की खाड़ी में एक और चक्रवात का खतरा मंडरा रहा है, जिसके आंध्र प्रदेश से टकराने की आशंका है। मौसम विभाग स्थिति पर कड़ी नजर रख रहा है और तटीय इलाकों में अलर्ट जारी किया गया है। आने वाले दिनों में चक्रवात की तीव्रता और मार्ग के बारे में विस्तृत जानकारी मिलने की संभावना है।

भारत में एक और चक्रवात की संभावना। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। बंगाल की खाड़ी में एक और चक्रवात बनने की संभावना जताई जा रही है। यह कब और कहां लैंडफॉल करेगा, इस बारे में फिलहाल कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पाई है। हालांकि अनुमान है कि यह उत्तरी आंध्रप्रदेश से लेकर म्यांमार के बीच कहीं तट से टकरा सकता है।
भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, मलक्का जलडमरूमध्य और उससे सटे दक्षिण अंडमान सागर के ऊपर बना स्पष्ट चिह्नित निम्न दबाव क्षेत्र अभी भी सक्रिय है। इससे जुड़ा परिसंचरण तंत्र समुद्र तल से लगभग 7.6 किलोमीटर ऊंचाई तक फैला हुआ है।
यह सिस्टम पश्चिम-उत्तरपश्चिम दिशा में बढ़ते हुए सोमवार को दक्षिण–पूर्व बंगाल की खाड़ी और उससे जुड़े दक्षिण अंडमान सागर के ऊपर एक अवदाब (डिप्रेशन) में परिवर्तित हो गया है। इसके बाद अगले 48 घंटों में, यानी 26 तारीख की शाम तक इसके एक चक्रवात में बदलने की संभावना है।
कल से बढ़ेगा चक्रवात का प्रभाव
25 तारीख की शाम से समुद्र में इसका प्रभाव बढ़ने लगेगा। दक्षिण–पूर्व बंगाल की खाड़ी में हवा की गति 50 से 70 किमी प्रति घंटे तक रहेगी।
26 तारीख की सुबह हवा की रफ्तार 60 से 70 किमी प्रति घंटे और कुछ स्थानों पर 80 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती है। 27 तारीख की सुबह यह गति बढ़कर 100 किमी प्रति घंटे तक जा सकती है।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, दक्षिण अंडमान सागर पर बना यह निम्न दबाव क्षेत्र दक्षिण–पूर्व अरब सागर और कोमोरिन क्षेत्र में मौजूद दो सक्रिय परिसंचरण तंत्रों तथा विषुवत रेखा के पास बनने वाले समुद्री–वायुमंडलीय तरंगों से प्रभावित हो रहा है।
इन सभी के बीच जटिल परस्पर क्रिया के कारण सिस्टम की गति बहुत धीमी हो गई है। इसके अतिरिक्त, कोमोरिन क्षेत्र और श्रीलंका के पास भी एक नया निम्न दबाव बनने की संभावना दिखाई दे रही है।
अगले 7 दिनों में तापमान में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा। विशेषज्ञ प्रो. सुरेंद्रनाथ पशुपालक ने अनुमान लगाया है कि 27 तारीख से राज्य में ठंडी उत्तरिया हवा चलेगी, जिससे तापमान में गिरावट शुरू होगी। कई जगह न्यूनतम तापमान 15°C से नीचे जा सकता है।
बंगाल की खाड़ी के तापमान में कमी के कारण ओडिशा तटवर्ती इलाकों में हवा शुष्क होगी, जिससे संभावित चक्रवात का ओडिशा तट पर पहुंचने की संभावना कम हो जाएगी। चक्रवात कहां लैंडफॉल करेगा, यह 27 तारीख की शाम तक स्पष्ट होगा।

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