Balasore Train Tragedy: सीबीआई ने गिरफ्तार तीनों आरोपियों को कोर्ट में किया पेश, 5 दिन की मांगी रिमांड
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 2 जून को हुई घातक बालेश्वर ट्रेन दुर्घटना के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए तीनों रेलकर्मियों को 7 जुलाई शुक्रवार की शाम को विशेष अदालत में पेश किया। आरोपियों से पूछताछ करने के लिए 5 दिन की रिमांड पर लेने के लिए भी आवेदन किया। तीनों को आईपीसी की धारा 304 और 201 के तहत गिरफ्तार किया गया है।
जागरण संवाददाता, अनुगुल/भुवनेश्वर। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 2 जून को हुई घातक बालेश्वर ट्रेन दुर्घटना के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए तीनों रेलकर्मियों को 7 जुलाई शुक्रवार की शाम को विशेष अदालत में पेश किया।
जांच एजेंसी ने आरोपी व्यक्तियों - वरिष्ठ सेक्शन इंजीनियर अरुण कुमार मोहंता, सेक्शन इंजीनियर मोहम्मद आमीर खान और तकनीशियन पप्पू कुमार को दुखद दुर्घटना पर पूछताछ करने के लिए 5 दिन की रिमांड पर लेने के लिए भी आवेदन किया।
बता दें कि तीनों को आईपीसी की धारा 304 और 201 के तहत गिरफ्तार किया गया है। पकड़े गए रेलकर्मियों पर आपराधिक मामलों में लिप्त और सबूत छिपाने का आरोप है।
क्यों CBI ने किया गिरफ्तार
सीबीआई इस बात की जांच कर रही है कि क्या बाहानगा हादसे के पीछे कोई साजिश थी या नहीं। वहीं दूसरी तरफ रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) भी मामले की जांच कर रहे थे।
सीआरएस ने पिछले सप्ताह अपनी रिपोर्ट दी थी। आयुक्त ने दुर्घटना के लिए सिग्नलिंग विभाग के कर्मचारियों को दोषी ठहराया था। सीआरएस ने बताया था कि दुर्घटना किसी तकनीकी खराबी या मशीन की खराबी के कारण नहीं हुई थी।
सीआरएस ने भी इस बात से इनकार किया था कि इसके पीछे कोई साजिश है। सीआरएस ने कहा कि यह दुर्घटना कुछ फील्ड स्टाफ की लापरवाही के कारण हुई है।
सीआरएस ने स्पष्ट रूप से कहा था कि सुरक्षा व्यवस्था की उस तरह से जांच नहीं की गई, जिस तरह से उन्हें करनी चाहिए थी।
2 जून की वह भयावह शाम
गौरतलब है कि यह भयावह हादसा बीते 2 जून को ओडिशा के बालासोर के पास बाहानगा स्टेशन के पास हुआ। इसमें तीन ट्रेनें शामिल थीं।
एक मालगाड़ी, जो कि लूप लाइन में खड़ी थी और दो सुपर फास्ट एक्सप्रेस ट्रेनें- शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल सुपर फास्ट एक्सप्रेस और सर एम. विश्वेश्वरैया टर्मिनल-हावड़ा सुपर फास्ट एक्सप्रेस, जिनके कुल 17 डिब्बे पटरी से उतर गए।
इस दौरान सबसे पहले कोरोमंंडल मालगाड़ी से जा टकराई, जिससे ट्रेन के 12 डिब्बे पटरी से उतर गए और कुछ बगल के ट्रैक पर चले गए, जिस पर बेंगलुरु से चली यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस गुजर रही थी। इन डिब्बों से यह ट्रेन जा टकराई और भीषण हादसा हो गया।
इस भयानक दुर्घटना में 200 से अधिक लोगों की मौत हुई है। इनमें से 288 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। शेष पांच ने कटक के एक बड़े अस्पताल में दम तोड़ दिया।
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