Odisha: महिला की मौत पर चार घंटे तक विलाप करता रहा लंगूर, अर्थी ले जाने के समय रास्ते में लेटा; लोग हैरान
Odisha 46 साल की मंजू दास की गुरुवार सुबह मौत हो गई। जब मंजू के अंतिम संस्कार की तैयारी हो रही थी तभी एक लंगूर आ गया। लंगूर ने शव से कपड़ा हटा दिया और विलाप करने लगा। उसके बाद वह अंतिम संस्कार में भी शामिल हुआ।
संतोष कुमार पांडेय, अनुगुल। मनुष्य और पशुओं के बीच अनोखा रिश्ता होता है। पालतू पशुओं का मनुष्यों के प्रति प्रेम के कई किस्से सामने आए हैं लेकिन ओडिशा में जंगली लंगूर का एक महिला की मौत पर शोक व्यक्त करने के मामले ने सभी को हैरान कर दिया है।
जानवर और मनुष्य प्रेम के कई किस्से हैं। एक कुत्ते का किस्सा सामने आया था, जो अपने मालिक की मौत के बाद उसकी कब्र पर दिन रात भौंकता रहता था। एक गाय ने बच्चे के लिए अपनी जान दे दी थी। हालांकि, पालतू जानवर के इंसान के प्रति प्रेम के किस्से सुनने को मिले हैं लेकिन एक किसी अनजान इंसान और एक जंगली जानवर के बीच अद्भुत बंधन देखना दुर्लभ है।
सुनने में यह वाक्या हैरान करता है लेकिन ऐसी ही एक घटना ओडिशा के जगतसिंहपुर जिला में इरसामा के नुआगांव से सामने आई है, जहां जंगल के एक लंगूर ने इंसान की मौत पर मातम मनाया और घंटों आंसू बहाए।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, 46 साल की मंजू दास की गुरुवार सुबह मौत हो गई। जब मंजू के पड़ोसी उसके अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे थे और चिता बांध रहे थे, तब एक लंगूर शव के पास आ गया गया। पहले तो वह मंजू के शव के पास बैठ गया।
इसके अलावा, लंगूर का शारीरिक हाव-भाव परिवार के शोक संतप्त सदस्य की तरह थी। वह लंबे समय तक शरीर के पास बैठा रहा। कभी-कभी वह मंजू के पैर सहलाता और सिर झुका लेता था।
मृतका के चेहरे से हटाया कपड़ा
मंजू के बेटे ने कहा कि मेरी मां का लंगूर से कोई संबंध नहीं था। यह जंगल से आया था लेकिन, जिस तरह से उसने मां की मौत पर शोक व्यक्त किया। ऐसा लग रहा था कि वे किसी तरह एक दूसरे से भावनात्मक रूप जुड़े हुए थे। चूंकि, लंगूर ने उसके चेहरे से कपड़ा हटा दिया और शरीर के पास विलाप करने लगा।
श्मशान घाट तक गया साथ
बेटे ने आगे बताया कि जब हम उसके शव को अर्थी पर लाने गए तो लंगूर ने सोकर रास्ता हमारा रास्ता रोक लिया, बाद में जब हम श्मशान घाट गए तो यह हमारे पीछे-पीछे आया।
मंजू से नहीं था कोई नाता
एक पड़ोसी ने बताया कि लंगूर शरीर के पास बैठ गया और लगभग चार घंटे तक उसे नहीं छोड़ा, जानवर की अभिव्यक्ति ऐसी थी जैसे उसने अपने परिवार के प्रिय सदस्य को खो दिया हो। जानवर के इस तरह के व्यवहार ने सभी को स्तब्ध कर दिया क्योंकि लंगूर का मंजू से दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं था।