ओडिशा में 50 हजार करोड़ रुपये निवेश कर स्टील कारखाना बनाएगी आर्सेलर मित्तल
आर्सेलर मित्तल ओडिशा के केंद्रपाड़ा में 50000 करोड़ रुपये की लागत वाली 12 मिलियन टन की क्षमता के स्टील प्लांट की स्थापना करेगी। लोकसेवा भवन के न्यू कन्वेशन सेंटर पर एमओयू पर हस्ताक्षर हुए। इस मौके पर सीएम नवीन पटनायक और एलएन मित्तल मौजूद थे।
भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। आर्सेलर मित्तल की निपोन कंपनी ओडिशा के केंद्रपाड़ा में स्टील प्लांट का निर्माण करेगी। इस संबंध में ओडिशा सरकार व आर्सेलर मित्तल कंपनी के बीच गुरुवार को एक करारनामा हस्ताक्षरित किया गया है। लोकसेवा भवन में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक तथा आर्सेलर मित्तल के मुख्य लक्ष्मी नारायण मित्तल की उपस्थिति में यह करारनामा हस्ताक्षरित हुआ है। इस स्टील प्लांट के लिए मित्तल की तरफ से ओडिशा में 50 हजार करोड़ रुपये की पूंजी निवेश की जाएगी। केंद्रपाड़ा में निर्मित होने जा रहे इस इस्पात कारखाना की वार्षिक क्षमता लगभग 12 मि टन होने की बात विश्वस्त सूत्रों से पता चली है।
इससे पहले नवीन निवास में मित्तल एवं मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के बीच इस प्रोजेक्ट को लेकर चर्चा हो चुकी थी।
गौरतलब है कि 2019 में आर्सेलर मित्तल निपोन ओडिशा के पारादीप में मौजूद एसआर स्टील के पेलेट, बेनिफिसियेशन प्रोजेक्ट तथा पाइपलाइन को खरीदा था। पिछले साल हुई खदान नीलामी में भी आर्सेलर मित्तल ने ठाकुरानी एवं साग शाही लौह अयस्क खदान को हासिल किया था। हालांकि वर्ष 2006 में मित्तल स्टील केन्दुझर में एक स्टील प्लांट करने को सरकार के साथ करारनामा किया था मगर बाद में उसे रद्द कर दिया था।
गौरतलब है कि स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड सेल मुख्यालय द्वारा सभी इकाई को दिए गए जनवरी के कैश कलेक्शन में बोकारो इस्पात संयंत्र अव्वल रहा। सेल मुख्यालय ने सभी इकाई को जनवरी में 77 सौ करोड़ का लक्ष्य दिया था, जिसे सभी इकाई ने बेहतर सामंजस्य स्थापित कर 61 सौ करोड़ रुपये नकद संग्रह के मद में बटोर लिया है। पिछले कई माह से कैश कलेक्शन में पहले पायदान पर रहने वाली सेल की महत्वपूर्ण इकाई भिलाई इस्पात संयंत्र इस माह बीएसएल से पिछड़ कर तीसरे स्थान पर चली गई है। बोकारो इस्पात संयंत्र अकेले जनवरी माह में उत्पादित सामग्री की खरीद-ब्रिकी कर 2,002.30 करोड़ रुपये हासिल की है।
कोरोना काल में धीमी गति से चल रही आर्थिक गतिविधियों का असर सेल के बाजार को भी प्रभावित की है। बावजूद इसके सेल अध्यक्ष सोमा मंडल इस चुनौती को स्वीकार कर विपणन विभाग की मॉनीटरिंग स्वयं कर रही है। इसका नतीजा भी सामने आ रहा है। कंपनी बेहतर उत्पादन कर तीसरे तिमाही में जहां कर पूर्व 3645 करोड़ का लाभ अर्जित की है। वहीं, नकद संग्रह में भी बीते तीन माह से अच्छा प्रदर्शन कर रही है। इससे यह स्पष्ट हो चुका है कि अब जैसे-जैसे देश की अर्थ व्यवस्था पटरी पर आ रही है, सेल का बाजार रफ्तार पकड़ने लगा है। सेल ने घरेलू बाजार में माल बेचकर 5,756.01 करोड़ रुपये तथा निर्यात कर 363.21 करोड़ रुपये संग्रह की है। जबकि कंपनी का कूल नकद संग्रह 6,110.22 करोड़ रुपये हुआ है।