स्वदेशी AI वाला ये रोबोट बोलता है: कीमत 80-90 हजार रुपये, राउरकेला में NIT का इनोवेशन
राउरकेला के राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) के शोधकर्ताओं ने एक स्वदेशी एआई रोबोट विकसित किया है, जो मनुष्यों की तरह संवाद कर सकता है। यह रोबो ...और पढ़ें

स्वदेशी AI वाला रोबोट
कमल विश्वास, राउरकेला। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) राउरकेला के शोधकर्ताओं ने एक महत्वपूर्ण तकनीकी उपलब्धि हासिल करते हुए ऐसा स्वदेशी एआई रोबोट विकसित किया है जो मनुष्यों की तरह संवाद करने में सक्षम है। इस अभिनव प्रणाली को पेटेंट (पेटेंट नंबर 574589, आवेदन संख्या 202531022107) प्राप्त हुआ है।
एनआईटी के इस रोबोटिक सिस्टम की खासियत यह है कि यह रोजमर्रा की भाषा समझता है, बोले गए आदेशों का पालन करता है, सवालों के जवाब देता है और पहले से तय प्रतिक्रियाओं तक सीमित न रहते हुए वास्तविक समय में बातचीत कर सकता है।
80,000 से 90,000 की लागत से विकसित
इतना ही नहीं, यह उपयोगकर्ता के चेहरे के हावभाव देखकर उनकी भावनाओं जैसे खुशी, सामान्य या उदासी को भी पहचान लेता है और उसी अनुरूप जवाब देता है। लगभग 80,000 से 90,000 की लागत से विकसित यह प्रणाली विदेशी तकनीकों की तुलना में किफायती और भारतीय परिस्थितियों के अनुरूप है।

इसमें रैस्पबेरी पाई सिस्टम, गूगल टेक्स्ट-टू-स्पीच मॉड्यूल और लार्ज लैंग्वेज मॉडल (एलएलएम) को जोड़ा गया है, जिससे यह सवालों के संदर्भ को समझकर इंसान की तरह उत्तर देने में सक्षम बनती है।
बुजुर्गों की सहायता में उपयोगी
यह एआई रोबोट घरों में बुजुर्गों की सहायता, विद्यालयों में संवाद आधारित शिक्षण, अस्पतालों में सहायक सेवाओं और विभिन्न सामुदायिक स्थानों पर जानकारी देने या दिशा-निर्देश प्रदान करने में उपयोगी साबित हो सकता है।

एनआईटी की शोध टीम अब इस प्रणाली को बड़े स्तर पर परीक्षणों के लिए तैयार कर रही है। अगले चरण में इसे स्कूलों, अस्पतालों तथा सामाजिक स्थलों पर प्रयोगात्मक तौर पर लगाया जाएगा। साथ ही, रोबोट के प्रदर्शन में सुधार और व्यावसायिक सहयोग के अवसरों की तलाश भी की जा रही है।
टीम में शामिल शोधकर्ता
इस परियोजना से जुड़े अन्य शोधकर्ताओं में प्रोफेसर डॉ. अनूप नंदी (कंप्यूटर साइंस विभाग), डॉ. असीम कुमार नस्कर (इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग), शोधार्थी सौगतमोय बिस्वास और एम.टेक स्नातक राहुल साव शामिल हैं।
उनका शोध प्रतिष्ठित जर्नल कंप्यूटर एंड ईलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग (एल्सेवियर) में प्रकाशित हुआ है। रोबोट के डिजाइन में आसान मूवमेंट के लिए व्हील बेस्ड प्लेटफॉर्म और डिस्टेंस सेंसिंग सिस्टम लगाया गया है, जिससे यह भीड़भाड़ वाले इलाकों में बाधाओं से बचते हुए सहजता से चल सकता है।
यह स्वदेशी रोबोट 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' के प्रयासों को मजबूती देगा। उन्होंने कहा, एनआईटी राउरकेला का यह इंटीग्रेटेड फ्रेमवर्क भारतीय उपयोगकर्ताओं की जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। इसमें इमोशन, जेस्चर, स्पीच और भाषा संवाद की तकनीकों का संयोजन किया गया है।- प्रोफेसर डॉ. अनूप नंदी, कंप्यूटर साइंस विभाग, एनआइटी, राउरकेला

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