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    New AI Model: अब कारें आपस में करेंगी बातचीत, NIT राउरकेला ने बनाया नया एआई मॉडल

    Updated: Tue, 30 Sep 2025 12:09 AM (IST)

    राउरकेला एनआईटी के शोधकर्ताओं ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित मॉडल बनाया है जो कारों के बीच संवाद से सड़क सुरक्षा बढ़ाएगा। वाहनों के एड-हॉक नेटवर्क (वीएएनईटीएस) तकनीक से इलेक्ट्रॉनिक ब्रेक लाइट ट्रैफिक अपडेट और आपातकालीन अलर्ट बेहतर होंगे। डॉ. अरुण कुमार प्रोफेसर बिभूदत्त साहू और डॉ. लोपामुद्रा होता ने मल्टी-एजेंट डीप रिइन्फोर्समेंट लर्निंग तकनीक का उपयोग किया।

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    NIT राउरकेला ने बनाया नया एआई मॉडल। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, राउरकेला। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान राउरकेला (एनआईटी राउरकेला) के शोधकर्ताओं ने एक नवीन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित मॉडल विकसित किया है, जो कार-से-कार संवाद के जरिए सड़क सुरक्षा को बेहतर बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम साबित हो सकता है।

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    इस मॉडल का पेटेंट एडेप्टिव कान्टेंशन विंडो आप्टिमाइजेशन इन वीएएनईटीएस यूजिंग मल्टी-एजेंट डीप रिइन्फोर्समेंट लर्निंग के नाम से कराया गया है। वीएएनईटीएस (वेहिकुलर एड-हॉक नेटवर्क्स) वाहनों को आपस में तात्कालिक और संपूर्ण संवाद की क्षमता प्रदान करता है।

    इस तकनीक के जरिए इलेक्ट्रॉनिक ब्रेक लाइट, प्लाटूनिंग, रीयल-टाइम ट्रैफिक अपडेट, आपातकालीन अलर्ट्स और स्मार्ट सिटी सेवाओं को बेहतर बनाया जा सकेगा। एनआईटी राउरकेला के डॉ. अरुण कुमार, प्रोफेसर बिभूदत्त साहू, और शोधार्थी डॉ. लोपामुद्रा होता ने इस शोध पर काम किया है।

    यह मॉडल मल्टी-एजेंट डीप रिइन्फोर्समेंट लर्निंग तकनीक पर आधारित है। जो प्रत्येक वाहन को संदेश भेजने के लिए सही समय का चुनाव करने में सक्षम बनाता है। इससे वाहन नेटवर्क में भीड़भाड़ कम हो जाती है और संदेश तुरंत और बिना बाधा के फैलते हैं।

    इस तकनीक के तहत यदि कोई वाहन अचानक ब्रेक लगाता है। तो उसका जानकारी-भरा संदेश तत्काल पीछे चल रहे वाहनों को भेजा जाता है। इसी तरह, सड़क पर ट्रैफिक जाम, दुर्घटना या अन्य बाधाओं की भी रियल-टाइम सूचनाएं चालक तक पहुंचती हैं।

    यह सूचना चालक को सुरक्षित ड्राइविंग निर्णय लेने और ट्रैफिक प्रवाह को सुगम बनाने में मदद करती है। यह शोध सड़क दुर्घटना को कम करने, ट्रैफिक को सुचारु बनाए रखने और स्मार्ट शहरों में स्मार्ट ट्रांसपोर्ट सेवाओं को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाएगा।

    2023 में भारत में लगभग 4,80,000 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें लगभग 1,72,000 लोगों की मौत हुई। इनमें से कई हादसों को आधुनिक तकनीकों के उपयोग से रोका जा सकता था। हमारा यह शोध सुरक्षित सड़क और आधुनिक स्मार्ट शहरों के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। -डॉ. अरुण कुमार, असिस्टेंट प्रोफेसर, एनआईटी राउरकेला

    यह शोध भारत की सड़कों पर वाहनों के बीच सुरक्षित संचार का एक व्यावहारिक मॉडल तैयार करता है। इसमें भीड़भाड़ की समस्या का समाधान किया गया है। जिससे ट्रैफिक प्रबंधन अधिक सुरक्षित और प्रभावी होगा। हम चाहते हैं कि अन्य संस्थानों के शोधकर्ता भी हमारे साथ जुड़ें। ताकि भविष्य में स्वचालित वाहनों का विकास किया जा सके। -प्रोफेसर बिभूदत्त साहू, कंप्यूटर साइंस एवं इंजीनियरिंग विभाग, एनआईटी राउरकेला