Agni-Prime Missile का सफल परीक्षण, एक साथ दुश्मन के कई टारगेट को तबाह करने की है ताकत
भारतीय डीआरडीओ ने अपने मिसाइल परीक्षण कार्यक्रम के तहत बुधवार रात 740 बजे अब्दुल कलाम द्वीप से लंचिंग कंपलेक्स 4 से अग्नि प्राइम नामक मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। अत्याधुनिक साजो सामान से सुसज्जित यह मिसाइल अपने लक्ष्य को पूरी तरह से ध्वस्त करने में कामयाब रही है।

लावा पांडे, बालेश्वर: भारतीय डीआरडीओ ने अपने मिसाइल परीक्षण कार्यक्रम के तहत बुधवार रात, 7:40 बजे अब्दुल कलाम द्वीप से लंचिंग कंपलेक्स 4 से अग्नि प्राइम नामक मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है।
अत्याधुनिक साजो सामान से सुसज्जित यह मिसाइल अपने लक्ष्य या टारगेट को पूरी तरह से ध्वस्त करने में कामयाब रही है। यह मिसाइल अग्नि सीरीज की आधुनिक ,घातक, सटीक और मीडियम रेंज की परमाणु संपन्न बैलिस्टिक मिसाइल है।
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन में आज यानी कि 7 जून 2023 को रात के वक्त ,अग्नि प्राइम मीडियम रेंज परमाणु बैलेस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया , जो( अग्नि पी )के नाम से भी जाना जाता है।
क्या है मिसाइल की खासियत?
इस मिसाइल को चलाने का फैसला भारत की स्ट्रेटेजिक फोर्सेज कमांड लेती है। अग्नि प्राइम मिसाइल अग्नि सीरीज की ही नई जेनरेशन की मिसाइल है।
11000 किलोग्राम वजन की यह मिसाइल 2000 किलोमीटर की दूरी तक किसी भी लक्ष्य को टारगेट करने की क्षमता रखती है।
34.5 फिट लंबी मिसाइल पर एक या मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल रीएंट्री व्हीकल (MIRV) वारहेड यानी हथियार लगाए जा सकते हैं ।
परमाणु हथियार ले जाने में है सक्षम
इस मिसाइल से कई टारगेट पर हमला हो सकता है । यह उच्च तीव्रता वाले विस्फोटक थर्मोबेरिक या परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है ।
अग्नि प्राइम 2 स्टेज की मिसाइल है , इस पर 1500 किलोग्राम से 3000 किलोग्राम वजन के हथियार लगाए जा सकते हैं । यह 2 स्टेज के रॉकेट मोटर पर चलने वाली मिसाइल है।
तीसरा स्टेज ( MaRV ) है , यानी मैनुबरेबल रीएंट्री व्हीकल, यानी तीसरे स्टेज को दूर से नियंत्रित करके दुश्मन के टारगेट पर सटीक हमला किया जा सकता है । इसे बीईएमएल टेट्रा ट्रांसपोर्टर इरेक्टर लांचर से दागा जाता है ।
आज इस परीक्षण के मौके पर रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन तथा अंतरिम परीक्षण परिषद से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों और वैज्ञानिकों का दल मौके पर मौजूद था।
यह सूचित करना उचित होगा कि अग्नि सीरीज की सभी मिसाइलों का परीक्षण अब्दुल कलाम द्वीप से ही किया जाता है।
रात में भी होंगे मिसाइलों के परीक्षण
दूसरी बात सुबह के वक्त इन मिसाइलों का परीक्षण कर अपार सफलता पाने के बाद अब भारतीय वैज्ञानिक रात के वक्त अग्नि सीरीज की सभी बैलेस्टिक मिसाइलों का परीक्षण करने में लगे हैं।
सूत्रों की मानें तो आने वाले दिनों में और कई बैलेस्टिक सीरीज और क्रुज सीरीज मिसाइलों का परीक्षण रात के वक्त किए जाने की संभावना है ।
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