Move to Jagran APP

Odisha: ओडिशा में डूबने से सबसे अधिक मौत, सात साल में करीब दस हजार लोगों की चली गई जान

Odisha news किसी भी अन्य प्राकृतिक आपदा या राज्य विशिष्ट आपदाओं की तुलना में डूबने से पिछले साल अधिक लोगों की जान गई। वहीं सात साल में करीब 10 हजार लोग डूब गए। ओडिशा सरकार ने इसे देखते हुए राज्य विशिष्ट आपदा घोषित कर दिया है।

By Jagran NewsEdited By: Roma RaginiPublished: Sat, 18 Mar 2023 01:10 PM (IST)Updated: Sat, 18 Mar 2023 01:10 PM (IST)
Odisha: ओडिशा में डूबने से सबसे अधिक मौत, सात साल में करीब दस हजार लोगों की चली गई जान
ओडिशा में डूबने से सात साल में दस हजार लोगों की मौत

संतोष कुमार पांडेय, अनुगुल। पिछले सात साल में राज्य में डूबने के कारण करीब दस हजार लोगों की जान चली गई। ओडिशा में डूबने से पिछले साल सबसे अधिक मौतें हुई हैं।

loksabha election banner

राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग की स्थायी समिति की रिपोर्ट के अनुसार, किसी भी अन्य प्राकृतिक आपदा या राज्य विशिष्ट आपदाओं की तुलना में डूबने से पिछले साल अधिक लोगों की जान गई। 2022 में राज्य में 1 हजार 476 व्यक्ति डूब गए। वहीं, 2016 से 2022 के आंकड़ों पर नजर डालें तो डूबने से कुल 9 हजार 982 मौतें हुई।

ओडिशा सरकार ने डूबने से होने वाली मौतों की संख्या देखते हुए इसे राज्य विशिष्ट आपदा घोषित कर दिया है। जिसके अनुसार, मृतक के परिवार को 4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाती है।

वहीं, सरकारी आंकड़े बताते हैं कि 2022 में डूबने के मामले पिछले दो साल की तुलना में कम है क्योंकि राज्य में 2021 में 1 हजार 805 और 2020 में 1 हजार 840 मौतें डूबने से दर्ज की गई थीं।

राज्य में 2016 में 935, 2017 में 1,079, 2018 में 1,406 और 2019 में 1,441 डूबने के मामले सामने आए। स्थायी समिति ने अपनी रिपोर्ट में उल्लेख किया है कि उचित सत्यापन के बाद राज्य आपदा राहत कोष (एसडीआरएफ) से अनुग्रह राशि प्रदान की जा रही है।

अधिकारियों ने कहा कि ज्यादातर मामले उन क्षेत्रों से सामने आ रहे हैं, जहां लोग नदी, नाले या जलाशयों पर निर्भर हैं। नहाने के दौरान लापरवाही ऐसी मौतों के प्रमुख कारणों में से एक है।

दूसरी ओर, हर साल इतनी बड़ी संख्या में मामले सामने आने के बावजूद, ओडिशा में डूबने की घटनाओं को रोकने के लिए अभी तक पर्याप्त उपाय नहीं किए गए हैं।

एसआरसी कार्यालय के एक अधिकारी ने स्वीकार किया कि ओडिशा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ओएसडीएमए) ने अपने सर्पदंश कमी कार्यक्रम के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए एक प्रबंधन समिति गठित की है, लेकिन डूबने के लिए ऐसी समिति का गठन किया जाना बाकी है।

उन्होंने कहा कि डूबने के संबंध में लोगों को जागरूक करने और प्रशिक्षण देने के लिए एक कार्यक्रम की योजना बनाई गई है और निकट भविष्य में इसे शुरू किए जाने की संभावना है।

सांप काटने से 917 लोगों की मौत

दूसरी ओर, स्थायी समिति की रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि डूबने के अलावा, ओडिशा में 917 लोगों की मौत सांप के काटने से भी हुई, जबकि पिछले साल नाव पलटने से एक व्यक्ति की मौत हुई थी।

बिजली गिरने से कम से कम 159 लोगों की मौत हो गई, जबकि अन्य 13 लोगों की आग लगने से मौत हो गई। लू ने भी 14 लोगों की जान ले ली, जबकि बाढ़ और भारी बारिश के कारण 13 लोगों की भी मौत हो गई, जिससे 14,235 घर प्रभावित हुए।

2022 में 1.24 हेक्टेयर भूमि पर फसलों को नुकसान पहुंचा। राहत संबंधित व्यय, रिपोर्ट से पता चला है कि राज्य सरकार ने जनवरी 2023 तक विभिन्न विभागों और जिलों को 672 करोड़ रुपये प्रदान किए हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.