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    Kendrapara: नदी का पानी पीने से 73 भैंसों की मौत, गांव के युवकों पर लगा जहर डालने का आरोप; हरकत में आया प्रशासन

    Updated: Mon, 18 Aug 2025 05:00 PM (IST)

    केंद्रपाड़ा जिले में एक दर्दनाक घटना घटी जहाँ ब्राह्मणी नदी में पानी पीने से 73 भैंसों की मौत हो गई। ग्रामीणों का आरोप है कि झींगा पकड़ने के लिए नदी में ज़हर डाला गया था। इस घटना से तीन किसानों को भारी नुकसान हुआ है जिनकी आजीविका पूरी तरह से नष्ट हो गई है।

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    नदी का जहरीला पानी पीने से 73 भैंसों की मौत

    जागरण संवाददाता, केंद्रापड़ा। ज़िले के आली क्षेत्र में रविवार दोपहर के समय ऐसा हादसा हुआ, जिसने पूरे इलाके को दहला दिया। ब्राह्मणी नदी की शाखा ‘गालिया’ में पानी पीने के बाद एक झुंड की 73 भैंसें देखते-ही-देखते मर गईं। घटना के बाद गांव में कोहराम मच गया और तीन किसान पूरी तरह बर्बादी के कगार पर पहुंच गए।

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    सूत्रों के मुताबिक, एकमानिया गांव के पास 88 भैंसों का झुंड चर रहा था। जैसे ही वे घास चरते-चरते नदी में उतरीं और पानी पिया, थोड़ी देर बाद ही उनकी तबीयत बिगड़ गई।

    नदी गहरी और असमतल होने के कारण झुंड बाहर निकलने में असमर्थ रहा। नतीजतन, एक-एक कर भैंसें नदी में डूबकर मर गईं और सतह पर तैरने लगीं।

    तीन किसान हुए बर्बाद

    इस हादसे में किसान गणेश दास की 40, जगन्नाथ दास की 17 और पागला विश्वाल की 16 भैंसों की मौत हो गई। सबसे ज्यादा नुकसान गणेश दास को हुआ है, उनकी 15 से अधिक भैंसें दूध देती थीं, जिनसे पूरे परिवार का खर्च चलता था। अब तीनों किसान टूटे दिल से यही सवाल कर रहे हैं कि परिवार का भरण-पोषण कैसे करेंगे।

    जहरीला पानी बना मौत का कारण

    ग्रामीणों का आरोप है कि शनिवार को भाटा (ज्वार उतरने) के समय कुछ असामाजिक तत्वों ने नदी में बागदा झींगा पकड़ने के लिए ज़हर डाला था। ज्वार के साथ आए झींगे ज़हर से मरकर किनारे लगते हैं, जिन्हें छांटकर उठा लिया जाता है, लेकिन उसी जहरीले पानी को पीने से भैंसों की मौत हो गई।

    गांव में पसरा मातम, किसान कर रहे गुहार

    गांव में अचानक इतने बड़े झुंड के खत्म हो जाने से मातमी सन्नाटा छा गया है। मृत भैंसों को नदी से बाहर निकाला गया है। ग्रामीण प्रशासन से पीड़ित किसानों को तुरंत मुआवज़ा देने की मांग किया है।

    गांव के बुजुर्ग नाथू प्रधान ने कहा है कि ऐसा हादसा हमने कभी नहीं देखा। एक ही दिन में गांव की तीन परिवारों की रोज़ी-रोटी छिन गई। पीड़ित किसान गणेश दास ने रोते हुए कहा कि मेरे लिए ये भैंसें सिर्फ जानवर नहीं थीं, बल्कि मेरा परिवार थीं। अब बच्चों का पेट कैसे पालूंगा, समझ नहीं आ रहा।

    प्रशासन की प्रतिक्रिया

    घटना की जानकारी मिलते ही पशुपालन विभाग और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने मृत भैंसों का पोस्टमार्टम कराने के निर्देश दिए हैं। केंद्रापड़ा जिला कलेक्टर ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।

    कलेक्टर ने कहा है कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। प्रभावित किसानों को आपदा राहत कोष से उचित मुआवज़ा दिलाने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। साथ ही, ज़हर डालने के आरोप की जांच पुलिस करेगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।