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Naxalites Surrender: ओडिशा के मलकानगिरी में 700 सक्रिय नक्सलियों व समर्थकों ने किया आत्मसमर्पण

Naxalites Surrender ओडिशा के मलकानगिरी में शनिवार को 700 से अधिक सक्रिय नक्सलियों व समर्थकों ने पुलिस और बीएसएफ के सामने आंध्राल बीएसएफ शिविर में आत्मसमर्पण कर दिया है। ये नक्सल समर्थक हिंसक गतिविधियों में मदद करते थे और सुरक्षाबलों व नागरिकों की हत्या में शामिल थे।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sat, 17 Sep 2022 09:47 PM (IST)Updated: Sun, 18 Sep 2022 01:40 AM (IST)
Naxalites Surrender: ओडिशा के मलकानगिरी में 700 सक्रिय नक्सलियों व समर्थकों ने किया आत्मसमर्पण
ओडिशा के मलकानगिरी में 700 से ज्यादा सक्रिय नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण। फाइल फोटो

जासं, भुवनेश्वर: ओडिशा के मलकानगिरी में शनिवार को 700 से अधिक सक्रिय नक्सलियों व उनके समर्थकों ने पुलिस और बीएसएफ के सामने बीएसएफ शिविर में आत्मसमर्पण कर दिया। इनमें से अधिकतर मिलिशिया समुदाय से हैं। इस दौरान कोरापुट के डीआइजी राजेश पंडित, मलकानगिरी के एसपी नीतीश वाधवाने और बीएसएफ अधिकारी मौजूद थे। इन नक्सलियों के गांव ओडिशा और आंध्र प्रदेश सीमा पर स्थित हैं। पहले ये गांव नक्सलियों के गढ़ कहे जाते थे। ये नक्सल समर्थक हिंसक गतिविधियों में मदद करते थे और इनमें से कई सुरक्षाबलों व नागरिकों की हत्या में भी शामिल थे। नक्सलियों को जरूरी सामान की आपूर्ति करने के साथ पुलिस की गतिविधियों की सूचना भी पहुंचाते थे।

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कोरापुट के डीआइजी राजेश पंडित ने कहा कि नक्सलियों ने राज्य सरकार के विकासोन्मुखी कार्य को देखकर माओवादी संगठन को छोड़ने का निर्णय लिया और आखिरकार संगठन को छोड़कर मुख्य धारा में शामिल हो गए। डीआइजी ने कहा कि मलकानगिरी जिले के कुछ और सुदूर इलाकों में बीएसएफ के कैंप लगाए जाएंगे। ताकि जो नक्सली हथियार छोड़कर मुख्य धारा में शामिल होना चाहते हैं उन्हें शामिल करवाया जा सके। उन्होंने कहा कि सभी नक्सली मुख्य धारा में शामिल हो जाएं। सरकार की तरफ से उनके पुनर्वास के लिए उचित व्यवस्था की जाएगी।

नक्सलवाद के खिलाफ लगाए नारे, पोशाक भी जलाए

आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली व उनके समर्थकों ने नक्सलियों की पोशाक, सामग्री को जलाकर नक्सली विचारधारा के प्रति अपना विरोध जताया। आत्मसमर्पण करने से पहले इन्होंने नक्सलवाद के खिलाफ और सरकार के पक्ष में नारे भी लगाए।

इसलिए मुख्यधारा में हुए शामिल

समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक, पुलिस ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले ओडिशा और आंध्र प्रदेश के समर्थकों ने माओवादियों की पोशाक सामग्री और पुतलों को जलाकर माओवादी विचारधारा के प्रति अपना विरोध जताया। आत्मसमर्पण करने से पहले इन्होंने माओवाद के खिलाफ और सरकार के हक में नारे लगाए। राज्य सरकार की विकासात्मक पहलों के साथ सुरक्षा बलों की रणनीतिक तैनाती ने इन्हें मुख्यधारा में शामिल होने के लिए प्रेरित किया।

इनकी मौजूदगी में किया सरेंडर

नई सड़कों, पुलों, चिकित्सा सुविधाओं के निर्माण, मोबाइल टावरों की स्थापना, और क्षेत्र के सभी घरों में पेयजल और बिजली की आपूर्ति के लिए एक परियोजना जैसे विकास कार्यों की एक श्रृंखला ने इन्हें मुख्यधारा में शामिल होने के लिए प्रेरित किया। राजेश पंडित, आईपीएस, डीआईजी, एसडब्ल्यूआर, कोरापुट, नितेश वाधवानी, आईपीएस, एसपी, मलकानगिरी और मदन लाल, डीआईजी, बीएसएफ, कोरापुट, जगदीश दलाई, 2 आईसी की उपस्थिति में आंध्राल बीएसएफ कैंप में मलकानगिरी पुलिस और बीएसएफ के समक्ष इन नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। 

जानिए, नक्सलियों ने कब और कहां किया आत्मसर्मपण

  • दो जून को 50 सक्रिय कट्टर नक्सल समर्थकों ने डीजीपी, ओडिशा के सामने आत्मसमर्पण किया था।
  • 11 जून, 2022 को 347 माओवादी समर्थकों ने जंत्री बीएसएफ कैंप में मलकानगिरी पुलिस और बीएसएफ के सामने आत्मसमर्पण किया था।
  • 22 अगस्त, 2022 को 550 समर्थकों ने जनबाई बीएसएफ कैंप में मलकानगिरी पुलिस और बीएसएफ के सामने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में शामिल हो गए थे।


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