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    फर्जी प्रमाणपत्र देकर डाक विभाग में नौकरी पाने से हलचल, कोरापुट में 4 गिरफ्तार ,संबलपुर में छह के खिलाफ FIR

    By Jagran NewsEdited By: Arijita Sen
    Updated: Sat, 08 Apr 2023 01:33 PM (IST)

    पूरे राज्य में जब फर्जी प्रमाणपत्रों को लेकर उथल-पुथल मची हुई है। फर्जी प्रमाणपत्र देकर डाक विभाग में नौकरी पाने के मामले में कोरापुट में चार गिरफ्तार संबलपुर में छह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

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    ओडिशा के बलांगीर में रिलायंस एजुकेशन इंस्टीट्यूट पर छापा

    संतोष कुमार पांडेय, अनुगुल। जयपुर पुलिस ने कोरापुट पोस्टल सर्कल में नौकरी पाने के लिए फर्जी मैट्रिक प्रमाणपत्र जमा करने के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार कर आदालत भेजा है। जानकारी के अनुसार, शाखा पोस्टमास्टर और उप शाखा पोस्टमास्टर के पद पर नियुक्ति के लिए कुल 32 उम्मीदवारों का चयन किया गया था।हालांकि, जांच के दौरान 23 प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए। इसके बाद डाक विभाग की ओर से जयपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी।

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    फर्जी प्रमाण पत्र मामले में चार गिरफ्तार

    शिकायत पर कार्रवाई करते हुए जयपुर पुलिस की एक टीम ने जांच की और चार लोगों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने कहा, जांच अभी जारी है। संबलपुर डाक विभाग के अधीक्षक द्वारा फर्जी प्रमाण पत्र मामले की शिकायत पर संबलपुर टाउन पुलिस ने छह नौकरी के इच्छुक लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

    उम्मीदवारों ने प्रमाण पत्र में की गड़बड़ी

    सूत्रों के अनुसार, संबलपुर डाक विभाग में 96 रिक्तियों के लिए आवेदन करने वाले कई उम्मीदवारों में से छह उम्मीदवार, जिन्होंने विभिन्न जिलों से आवेदन किया था, उत्तर प्रदेश में हिंदी बोर्ड में पढ़े हुए पाए गए। हालांकि, उन्होंने अपने प्रमाणपत्र में ओडिया को एक विषय के रूप में उल्लेख किया है। इससे प्रमाण पत्र में गड़बड़ी का संदेह पैदा हुआ इसलिए संबलपुर डाक विभाग ने उन नौकरी के इच्छुक लोगों के खिलाफ नगर थाने में शिकायत दर्ज की।

    मुख्य आरोपी मनोज मिश्रा की संपत्ति जब्त

    उधर, क्राइम ब्रांच ने बलांगीर फर्जी सर्टिफिकेट मामले के मुख्य आरोपी मनोज मिश्रा की संपत्ति जब्त कर ली है। करीब डेढ़ करोड़ की संपत्ति समेत चार बेशकीमती जमीनें जब्त की गई हैं। क्राइम ब्रांच ने 17 लाख रुपये नकद बरामद किए हैं और मनोज और उसकी पत्नी के बैंक खातों को सीज कर दिया गया है।

    क्राइम ब्रांच इस बात की जांच कर रही है कि काला धन कहां जमा किया गया है। फर्जी सर्टिफिकेट मामले के मास्टरमाइंड मनोज मिश्रा, अल्यक उद्गाता, त्रिबिहारी पंडा और पारस बुडेक को रिमांड पर लिया गया है।

    मामले की जांच में जुटी क्राइम ब्रांच

    चार आरोपियों की तीन दिन की रिमांड अवधि समाप्त हो चुकी है। यह पता नहीं है कि उन्हें फिर से रिमांड पर लिया जाएगा या नहीं। बलांगीर में एक सप्ताह से अधिक समय से क्राइम ब्रांच जांच कर रही है। बलांगीर पुलिस ने इस घटना में 19 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। फर्जी शैक्षिक प्रमाण पत्र के साथ डाक विभाग में नौकरी के लिए आवेदन करने के बाद घटना का पता चला।