Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ओडिशा में साल का सबसे बड़ा सामूहिक सरेंडर, 22 माओवादियों ने छोड़ा हिंसा का रास्ता

    By SANTOSH KUMAREdited By: Krishna Bahadur Singh Parihar
    Updated: Tue, 23 Dec 2025 03:40 PM (IST)

    ओडिशा में मलकानगिरी पुलिस के समक्ष 22 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया, जिसे इस वर्ष का पहला बड़ा आत्मसमर्पण माना जा रहा है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, ...और पढ़ें

    Hero Image

    सरेंडर करते हुए माओवादी। फाइल फोटो

    संतोष कुमार पांडेय, अनुगुल। ओडिशा के माओवाद प्रभावित मलकानगिरी जिले में मंगलवार को पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। जिले में सक्रिय रहे 22 माओवादियों ने एक साथ आत्मसमर्पण कर हिंसा का रास्ता छोड़ दिया।

    यह ओडिशा में वर्ष 2025 का अब तक का सबसे बड़ा सामूहिक माओवादी आत्मसमर्पण माना जा रहा है। आत्मसमर्पण करने वालों में एक डिवीजनल कमेटी मेंबर, छह एरिया कमेटी मेंबर और 15 साधारण पार्टी सदस्य शामिल हैं।

    मलकानगिरी जिला पुलिस कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम के दौरान माओवादियों ने AK–47, आईएनएसएएस, एसएलआर और 303 के तीन राइफल समेत कुल नौ हथियार, भारी मात्रा में गोलाबारूद और विस्फोटक सामग्री पुलिस के हवाले की।

    बरामद सामग्री में 150 राउंड गोलियां, 13 टिफिन बम, करीब 20 किलो विस्फोटक, जिलेटिन स्टिक, कोडेक्स वायर और माओवादी साहित्य शामिल है।

    आत्मसमर्पण कार्यक्रम में ओडिशा पुलिस महानिदेशक योगेश बहादुर खुरानिया स्वयं उपस्थित रहे। उन्होंने इसे सुरक्षा बलों की सतत कार्रवाई, सरकार की विकास योजनाओं और पुनर्वास नीति का परिणाम बताया।

    डीजीपी खुरानिया ने कहा कि सरकार समाज की मुख्यधारा में लौटने वाले सभी माओवादियों का स्वागत करती है और अन्य भूमिगत माओवादियों से भी हिंसा छोड़कर आत्मसमर्पण करने की अपील की।

    बताया गया कि आत्मसमर्पण करने वाले अधिकांश माओवादी आंध्र प्रदेश–ओडिशा सीमा क्षेत्र और दंडकारण्य विशेष जोन में सक्रिय थे। इन पर पहले से पुलिस की ओर से इनाम घोषित था।

    सरकार और पुलिस द्वारा जिले भर में लगाए गए आठ करोड़ रुपये से अधिक के इनामी पोस्टरों और लगातार दबाव का भी इस सामूहिक आत्मसमर्पण पर असर पड़ा है।

    पुनर्वास और प्रोत्साहन पैकेज

    राज्य सरकार की माओवादी आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत पद के अनुसार आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसके तहत—
    डिवीजनल कमेटी सचिव या मिलिट्री प्लाटून कमांडर को 27 लाख 50 हजार रुपये, डिवीजनल कमेटी मेंबर को 22 लाख रुपये, एरिया कमेटी मेंबर को 5 लाख 50 हजार रुपये, साधारण पार्टी सदस्य को 1 लाख 65 हजार रुपये की सहायता मिलेगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इसके अलावा हथियारों के सरेंडर पर अलग–अलग प्रोत्साहन राशि तय है। ए के–47 के लिए 3 लाख 30 हजार रुपये और आईएनएसएएस राइफल के लिए 1 लाख 65 हजार रुपये तक की अतिरिक्त राशि दी जाएगी।

    सभी आत्मसमर्पण करने वालों को तत्काल राहत के रूप में 25 हजार रुपये नकद भी प्रदान किए गए हैं। कुल मिलाकर आत्मसमर्पण पैकेज की राशि करीब 1 करोड़ 84 लाख रुपये आंकी गई है।

    सरकार की ओर से आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों को आवास योजना, कौशल प्रशिक्षण, स्वास्थ्य कार्ड, मुफ्त राशन और सामाजिक पुनर्वास से जोड़ने की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी, ताकि वे समाज की मुख्यधारा में लौटकर सम्मानजनक जीवन जी सकें।

    पुलिस अधिकारियों के अनुसार इस सामूहिक आत्मसमर्पण से मलकानगिरी और आसपास के माओवादी प्रभावित इलाकों में संगठन की गतिविधियों को बड़ा झटका लगेगा और क्षेत्र में शांति व विकास की रफ्तार और तेज होगी।