सोने के वेश में प्रभु के दर्शन करने उमड़ा जनसैलाब, टूटा कई वर्षों का रिकार्ड; दीदार के लिए बढ़ाई गई समयावधि
गुरुवार को आषाढ़ शुक्ल एकादशी के दिन भगवान के सोने के वेश में भक्तों ने दर्शन किए। मुख्य सचिव प्रदीप कुमरा जेना ने कहा है कि इस वर्ष प्रभु के सोने के वेश का दर्शन करने के लिए आने वाले भक्तों की संख्या ने पिछले तमाम वर्ष के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। शाम के समय भी भुवनेश्वर से लेकर पुरी तक भक्तों के वाहनों की लम्बी कतार लगी हैं।

जागरण संवाददात, पुरी। गुरुवार को आषाढ़ शुक्ल एकादशी के दिन भगवान के सोने के वेश में भक्तों ने दर्शन किए। मुख्य सचिव प्रदीप कुमरा जेना ने कहा है कि इस वर्ष प्रभु के सोने के वेश का दर्शन करने के लिए आने वाले भक्तों की संख्या ने पिछले तमाम वर्ष के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है।
प्रभु का दर्शन करने के लिए जहां बड़दांड पूरी तरह से लोकारण्य हो गया है, वहीं शाम के समय भी भुवनेश्वर से लेकर पुरी तक भक्तों के वाहनों की लम्बी कतार लगी हैं।
दर्शन करने की समयावधि बढ़ाई
ऐसे में भक्तों की भीड़ को देखते हुए भक्तों को प्रभु के इस अनुपम वेश के दर्शन करने की समयावधि को बढ़ा दिया गया है।
पहले रात 11 बजे तक सोना वेश दर्शन करने की भक्तों को अनुमति थी, मगर भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए दर्शन के समय को और एक घंटा रात 12 बजे बढ़ा दिया गया है।
अनुशासित ढंग से जारी है प्रभु का दीदार
उन्होंने कहा है कि इतनी संख्या में भक्तों की भीड़ के बावजूद सुव्यवस्थित सुरक्षा व्यवस्था के कारण भक्त अनुशासन ढंग से दर्शन कर रहे हैं। यह हम सबके लिए खुशी की बात है।
बता दें कि पवित्र एकादशी तिथि में आज चतुर्धा विग्रहों ने सोना वेश में भक्तों को दर्शन दिया है। इसके लिए चतुर्धा विग्रहों को नाना प्रकार के स्वर्ण आभुषणों से सजाया गया।
15 लाख श्रद्धालुओं का लगा जमावड़ा
महाप्रभु के इस अपूर्व रूप को देखने के लिए लगभग 15 लाख श्रद्धालुओं का जमावड़ा जगन्नाथ धाम में हुआ है। ऐसे में भक्तों के दर्शन एवं सोना वेश को ध्यान में रखते हुए जगन्नाथ धाम में सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किए गए।
वहीं दूसरी तरफ चांदी की परत से सुशज्जित सिंहद्वार को देखकर भी भक्त गदगद नजर आए। महाप्रभु के इस अपूर्व एवं अनुपम रूप का दर्शन भक्त आत्म विभोर हो गए।
पूरे शहर में सुरक्षा का तगड़ा इंतजाम
महाप्रभु के सोना वेश के लिए पुरी में भक्तों की भीड़ को ध्यान में रखते हुए पुलिस प्रशासन की तरफ से सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई थी। इस वर्ष ड्रोन के माध्यम से ट्राफिक संचालन किया गया।
सोना वेश में भीड़ को नियंत्रित करने एवं आ रहे श्रद्धालुओं को परेशानी ना हो इसके लिए 51 प्लाटुन पुलिस फोर्स तैनात की गई थी। इसके साथ ही बड़दांड को जोड़ने वाले 16 मार्ग को सील कर दिया गया था।
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