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    Jagannath Puri Rath Yatra 2021: विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा 12 जुलाई को, चंदन यात्रा के अंतिम दिन रथों में लगे अख

    Jagannath Puri Rath Yatra 2021 विश्व प्रसिद्ध पुरी जगन्नाथ महाप्रभु की रथयात्रा आगामी 12 जुलाई को निकाली जाएगी। ऐसे में महाप्रभु जगन्नाथ जी की विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा से पहले गुरुवार को चंदन यात्रा (Chandan Yatra) के अंतिम दिन तीनों रथों के चक (चक्का) में अख (धुरी) लगाया गया है।

    By Babita KashyapEdited By: Updated: Fri, 04 Jun 2021 11:25 AM (IST)
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    पुरी जगन्नाथ महाप्रभु की विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा आगामी 12 जुलाई को

    पुरी, जागरण संवाददाता। जगन्नाथ धाम पुरी में इस साल 12 जुलाई से महाप्रभु जगन्नाथ जी की विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा निकाली जाएगी। रथयात्रा के चलते जगन्नाथ मंदिर खाली हो जाता है। ऐसे में इस समय के दौरानजगन्नाथ मंदिर के मरम्मत को लेकर योजना तैयार की गई है। योजना के अनुसार रथयात्रा में महाप्रभु अपने भाई बलभद्र एवं बहन सुभद्रा के साथ मौसी के घर चले जाते हैं और रत्न सिंहासन खाली हो जाता है। ऐसे में इसी समय के दौरान सभी मरम्मत कार्य सम्पन्न करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके साथ ही पार्श्व देवी देवता के मंदिरों के मरम्मत के लिए 5 वर्षीय कार्य योजना तैयार करने का निर्णय लिया गया है। जगन्नाथ मंदिर प्रशासन, भारतीय पुरात्व विभाग के वरिष्ठ अधिकारी तथा तकनीकी कोर कमेटी के सदस्यों को लेकर इस संदर्भ में गुरुवार को हुई महत्वपूर्ण बैठक में उपरोक्त निर्णय लिया गया है।

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    जगन्नाथ मंदिर के मुख्य प्रशासक डा. किशन कुमार की अध्यक्षता में आयोजित इस वर्चुअल बैठक में भारतीय पुरातत्व विभाग के अतिरिक्त महानिदेशक जान्हवीज शर्मा, वैज्ञानिक संरक्षण विभाग के निदेशक डा. रामजी निगम ने प्रतिनिधित्व किया था। प्रख्यात विशेषज्ञ तथा खड़गपुर स्थित भारतीय प्राद्यौगिकी प्रतिष्ठान के पूर्व प्रोफेसर तथा पुरी जगन्नाथ मंदिर कोर कमेटी के मुख्य डा.ए.पी.गुप्ता, एन.सी.पाल, डीपी.मिश्र, विंदेश्वर पात्र एवं वी.के.रथ प्रमुख इस बैठक में उपस्थित थे। बैठक में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण संस्था, कोर कमेटी सदस्य, राज्य पूर्त (वर्क्स) एवं निर्माण विभाग तथा जगन्नाथ मंदिर प्रशासन के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।

    व्यापक पंचवर्षीय योजना तैयार जगन्नाथ मंदिर गर्भगृह तथा अन्य स्थानों पर होने वाला वार्षिक मरम्मत एवं पुनर्वास कार्य कोविड नियम का अनुपालन करते हुए सम्पन्न करने का निर्णय लिया गया है। जगन्नाथ मंदिर प्रशासन एवं भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण संस्था के संयुक्त सहयोग से एक योजना बनाने के लिए बैठक में निर्णय लिया गया है। जगन्नाथ मंदिर के पार्श्व देवी देवताओं के रखरखाव के लिए एक व्यापक पंचवर्षीय योजना तैयार करने को बैठक में निर्णय लिया गया है।

    विश्व प्रसिद्ध रथायात्रा के लिए तीनों रथों में लगाया गया अख

    पुरी जगन्नाथ महाप्रभु की विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा आगामी 12 जुलाई को निकाली जाएगी। ऐसे में महाप्रभु जगन्नाथ जी की विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा से पहले गुरुवार को चंदन यात्रा के अंतिम दिन तीनों रथों के चक (चक्का) में अख (धुरी) लगाया गया है। जगन्नाथ मंदिर में सुबह भोग ख़त्म होने के बाद तीनों पूजा पंडा सेवकों के द्वारा श्री जगन्नाथ महाप्रभु, बड़े भाई बलभद्र, देवी सुभद्रा के प्रसाद माला जगन्नाथ मंदिर से आने के बाद रथखला यानी जगन्नाथ मंदिर कार्यालय में तैयार हो रही तीनो रथों में प्रसाद माला अर्पण किया गया है।

    गौरतलब है कि कोरोना महामारी के कारण पिछले साल की तरह इस साल भी बिना भक्तों के ही महाप्रभु जगन्नाथ जी की रथयात्रा से जुड़ी तमाम रीति नीति का अनुपालन किया जा रहा है। जगन्नाथ मंदिर के बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। भक्तों के मंदिर प्रवेश पर प्रतिबंध है। ऐसे में गुरूवार को प्रसाद माला अर्पण के दौरान जगन्नाथ मंदिर के बाहर भक्तों की चहलकदमी नहीं थी।

    महाप्रभु जगन्नाथ जी की विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा के लिए आज चंदन यात्रा के अंतिम दिन तीनों रथों के चक (चक्का) में अख (धुरी) लगाया गया है। आज जगन्नाथ मंदिर में सुबह भोग ख़त्म होने के बाद तीनों पूजा पांडा सेवकों के द्वारा श्री जगन्नाथ महाप्रभु, बड़े भाई बलभद्र, देवी सुभद्रा के प्रसाद माला जगन्नाथ मंदिर से आने के बाद रथखला यानी जगन्नाथ मंदिर कार्यालय में तैयार हो रही तीनो रथों में प्रसाद माला अर्पण किया गया है।  गौरतलब है कि 12 जुलाई को महाप्रभु जगन्नाथ जी की विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा निकाली जाएगी।