DRDO को बड़ी सफलता, भारत ने स्वदेशी एयर डिफेंस सिस्टम का किया परीक्षण; अब दुश्मनों की खैर नहीं
बालेश्वर में भारतीय डीआरडीओ ने ओडिशा तट से एकीकृत हवाई रक्षा हथियार प्रणाली (IADWS) का पहला उड़ान परीक्षण किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ और सशस्त्र बलों को बधाई दी। यह परीक्षण ऑपरेशन सिंदूर के बाद हुआ। IADWS एक बहु-स्तरीय प्रणाली है जिसमें स्वदेशी मिसाइलें और लेजर हथियार शामिल हैं जो दुश्मन के हवाई खतरों से रक्षा करेगी।
लावा पांडे, बालेश्वर। भारतीय डीआरडीओ यानी की रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने ओडिशा के तट से एकीकृत हवाई रक्षा हथियार प्रणाली (IADWS) का पहला उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक किया है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उड़ान परीक्षणों के लिए (IADWS) को विकसित करने वाली रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन और सशस्त्र बलों से जुड़े समस्त टीमों को बधाई दिया है।
प्राप्त खबर के अनुसार स्वदेशी हवाई रक्षा प्रणाली का बीते कल यानी कि शनिवार आधी रात के बाद ओडिशा तट से पहला उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक किया गया। नई हवाई रक्षा प्रणाली का उड़ान परीक्षण ऑपरेशन सिंदूर के साढ़े तीन महीने बाद हुआ है।
(IADWS) एक बहु स्तरीय हवाई रक्षा प्रणाली है। जिसमें त्वरित प्रतिक्रिया वाली सतह से हवा में मार करने वाली तथा सभी स्वदेशी मिसाइल, बहुत कम दूरी की हवाई रक्षा प्रणाली (VSHORADS) मिसाइल और उच्च शक्ति वाली लेजर आधारित निर्देशित ऊर्जा हथियार (DEW) प्रणाली शामिल है।
भारतीय सशस्त्र बलों और उद्योग जगत को बधाई देते हुए रक्षा मंत्री ने सभी का इस मौके पर आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा है कि इस अद्वितीय उड़ान परीक्षण ने हमारे देश की बहुत स्तरीय हवाई रक्षा क्षमता को स्थापित किया है और यह दुश्मन के हवाई खतरों के खिलाफ रक्षा प्रणाली को और मजबूत बनाएगा।
यहां उल्लेखनीय है कि भारत कब अपने किस मिसाइल का परीक्षण करेगा इस बात को काफी गुप्त रखा जा रहा है। जिसके चलते विश्व के किसी भी देश को तभी पता चलता है जब भारत का डीआरडीओ अपने द्वारा किए गए मिसाइल के परीक्षण की जानकारी देता है।
सूत्र बताते हैं कि आने वाले चंद दिनों में और कई अत्याधुनिक मिसाइल का परीक्षण के लिए भारत पूरी तरह से तैयार है।
इस मौके पर रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के अध्यक्ष डॉ. समीर भी कामत ने सफल परीक्षण के लिए डीआरडीओ से जुड़े समस्त अधिकारियों, वैज्ञानिकों को धन्यवाद दिया है।
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