Odisha: अपनी जन्मभूमि पहुंचीं द्रौपदी मुर्मु, नहीं भूलीं परंपरा; रिश्तेदारों के लिए लेकर आईं मिठाई और साड़ी
Droupadi Murmu Odisha Visit राष्ट्रपति अपने गृह जिले मयूरभंज पहुंचीं। यहां उन्होंने अपने रिश्तेदारों को उपहार दिया। उनके रिश्तेदारों ने कहा कि वे देश के सर्वोच्च पद पर हैं फिर भी हमें नहीं भूली हैं। वे उपहार लेकर आईं ये हमारे लिए गर्व की बात है।

शेषनाथ राय, भुवनेश्वर। राष्ट्रपति बनने के बाद द्रौपदी मुर्मु गुरुवार को पहली बार ओडिशा पहुंचीं। राष्ट्रपति अपने तीन दिवसीय दौरे पर अपने गृह जिले मयूरभंज आईं हैं। परंपरा का निर्वहन करते हुए राष्ट्रपति अपने रिश्तेदारों के लिए दिल्ली से मिठाई और उपहार लेकर आईं।
बताया जा रहा है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु दिल्ली से अपने 50 से 60 रिश्तेदारों के लिए मिठाई, साड़ी और अन्य सामग्री लेकर आईं और उन्हें उपहार दिया। राष्ट्रपति ने अपने एक-एक रिश्तेदारों ख्याल रखा और सबके लिए अलग-अलग पैकेट बनाकर तोहफा लेकर आईं। उनका भेंट पाकर रिश्तेदार भावुक हो गए।
उनके रिश्तेदारों ने कहा है कि इतने बड़े पद पर होने के बाद भी वे हम लोगों को नहीं भूली हैं, हम सबके लिए मिठाई और उपहार लेकर आई, यह सबके लिए गर्व की बात है। हमारे यहां परंपरा रही है कि जब हम किसी रिश्तेदार से मिलने जाते हैं तो उसके लिए मिठाई या उपहार लेकर जाते हैं। राष्ट्रपति होने के बावजूद उन्होंने इस परंपरा का निर्वहन किया है।
(राष्ट्रपति का स्वागत करते राज्यपाल और केंद्रीय मंत्री)
बता दें कि वे सुबह करीब 10 बजकर 20 मिनट पर वायुसेना के विशेष हेलीकॉप्टर से रायरंगपुर के बादामपहाड़ स्थित अस्थायी हेलीपैड पर पहुंचीं। राज्यपाल गणेशी लाल, केंद्रीय मंत्री विश्वेश्वर टुडू, सरसकना के विधायक बुधन मुर्मू और रायरंगपुर के विधायक नव चरण माझी ने राष्ट्रपति की अगवानी की।
लोगों का उत्साह देख खुद को नहीं रोक पाईं महामहिम
इधर, द्रौपदी मुर्मु 10 महीने बाद अपने गांव आई हैं, इससे पूरे गांव में उत्सव का माहौल है। बदामपहाड़ में राष्ट्रपति को देखने के लिए लोगों में काफी उत्साह देखने को मिला। इसी तरह राष्ट्रपतिभी लोगों का उत्साह देखकर खुद को रोक नहीं पाईं। उन्होंने हेलीपैड से उतरकर उपस्थित लोगों का हाथ हिलाकर अभिवादन किया। बाद में, वह हेलीपैड से बाहर आई और लोगों से पूछा कि क्या वे ठीक हैं।
यहां से राष्ट्रपति का काफिला पहाड़पुर के लिए रवाना हो गया। पहाड़पुर में राष्ट्रपति श्याम-लिपुन-सिपुन या एसएलएस स्कूल का दौरा किया, जिसे उन्होंने स्थापित किया है। यहां उन्होंने पति स्व. श्याम चरण मुर्मु की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।
महामहिम पहाड़पुर में पूजा स्थल गोसानी पहुंचीं। यहां उन्होंने आदिवासी रीति-रिवाज से पूजा किया। इसके बाद वे दोपहर करीब एक बजे पहाड़पुर से वाहन से सीधे सतपुतिया पहुंची, जहां उन्होंने ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित नशा मुक्त ओडिशा कार्यक्रम में भाग लिया और नशा मुक्त ओडिशा अभियान का शुभारंभ किया।
ये है राष्ट्रपति का तीन दिवसीय कार्यक्रम
द्रौपदी मुर्मू महुलडीह स्थित पीडब्ल्यूडी बंगले में रात्रि विश्राम करेंगी। 5 मई को सुबह 7:55 बजे बंगला से राष्ट्रपति का काफिला निकलेगा और 8 बजे रायरंगपुर हॉलीडे होम पहुंचेगा। 20 मिनट तक हॉडे होम का परिदर्शन करने के बाद 8:40 बजे उनका काफिला दंडबोस पहुंचेगा। इसके बाद पंडित रघुनाथ मुर्मु के स्टेचू का अनावरण करेंगी और फिर दंडबोस रवाना हो जाएंगी।
यहां से वह वायुसेना के विशेष विमान से शिमिलीपाल अभयारण्य पहुंचेगी। शिमिलीपाल अभ्यारण्य घुमने के बाद वह बारीपदा पहुंचेगी। बारीपदा गेस्ट हाउस में कुछ लोगों से मुलाकात करेंगी और यहीं पर राष्ट्रपति के डिनर की व्यवस्था की गई है। राष्ट्रपति यहीं पर रात्रि विश्राम करेंगी।
6 मई को गेस्ट हाउस से राष्ट्रपति का काफिला महाराजा श्रीरामचन्द्र भंज देव विश्व विद्यालय पहुंचेगा। यहां विश्व विद्यालय के 12वें दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति मुख्य अतिथि के तौर पर भाग लेंगी। यहां कार्यक्रम संपन्न होने के बाद राष्ट्रपति का काफिला पुन: बारीपदा हेलीपैड पहुंचेगा, जहां से वह पश्चिम बंगाल के कलेईकुंडा एयरपोर्ट पर पहुंचेगी। यहां से वे दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगी।
(मयूरभंज जिले के पहाड़पुर में नाबार्ड प्रायोजित जनजातीय विकास परियोजनाओं का शुभारंभ करती राष्ट्रपति)
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