प्लास्टिक मुक्त है RSS कार्यकारिणी बैठक, लोगों को दिया जा रहा है ये खास संदेश
भुवनेश्वर में 16 अक्टूबर से चल रही कार्यकारिणी की बैठक में समाज के लोगों को कुछ खास संदेश देने का काम किया जा रहा है।
भुवनेश्वर, संजय कुमार। राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी की बैठक भुवनेश्वर के सोया यूनिवर्सिटी के कैंपस में 16 अक्टूबर से चल रही है। देश के अलग-अलग शहरों में वर्ष में एक बार होने वाली इस बैठक का संघ परिवार से जुड़े लोगों को इंतज़ार रहता है। इस बार यह जिम्मेदारी ओडिशा को मिली। इस बैठक में 400.के लगभग लोग बाहर से आए हैं। 250 से 300 स्वयंसेवक व्यवस्था में लगे हैं। प्रतिदिन एक बार में 1150 लोगों का भोजन बनता है। दो बार नाश्ता व दो बार भोजन की व्यवस्था है। साथ ही तीन से चार बार चाय भी। कैंपस में जगह- जगह बैनर भी लगाए गए हैं, लेकिन कहीं भी प्लास्टिक का उपयोग नहीं हो रहा है। कार्यक्रम को देखने आने वाले समाज के लोगों को यह संदेश देने का काम किया जा रहा है कि आप ठान लें तो कुछ भी संभव है और दूसरे को उपदेश देने से पहले स्वयं उसका पालन करें।
ओडिशा के प्रांत प्रचार प्रमुख रवि नारायण पंडा का कहना है कि संघ पर्यावरण संरक्षण को लेकर बहुत ही सजग है। इस बैठक में भी इस पर चर्चा हुई। संघ प्लास्टिक उन्मूलन के लिए लोगों को प्रेरित कर रहा है। फिर इतने बङे कार्यक्रम में किसी भी रूप में प्लास्टिक का उपयोग नहीं करके समाज को एक संदेश देने का प्रयास किया गया है कि आप भी ऐसा कर सकते हैं।
उन्होंने बताया की भोजन करने के लिए एक बार में 340 लोगों के बैठने की व्यवस्था है। 800 थाली, 1400.ग्लास, 1800 कटोरी, 1200 चम्मच की व्यवस्था है। 120 लोग भोजन परोसने में लगते है। चाय के लिए चीनी मिट्टी के 600 कप की व्यवस्था है। वैसे चाय के लिए कागज के ग्लास की भी व्यवस्था है। अधिकतर लोग खाने के बाद अपना भोजन करने का पात्र स्वयं धो लेते हैं। इस तरह भोजन स्थल पूरी तरह प्लास्टिक मुक्त है। दिन में भोजन परोसने के लिए समाज के अलग अलग वर्ग के लोग पहुंच रहे हैं।
इसी तरह कार्यक्रम स्थल पर जो बैनर लगाए गए हैं ओ पूरी तरह कैनवास पर बनाए गए हैं। प्रदर्शनी भी डिजिटल लगाई गई है।सभी अतिथियों एवं कार्यकर्ताओं के बैच भी पेपर पर बनाए गए हैं। इस तरह कार्यक्रम स्थल पर कहीं भी.प्लास्टिक का उपयोग नहीं किया गया है।
जल संरक्षण का भी दिया जा रहा संदेश
संघ के कार्यक्रम स्थल पर जल संरक्षण का भी संदेश दिया जा रहा है। भोजन कक्ष में सभी टेबुलों पर रेक्सीन बिछाया गया है। लोगों के भोजन करने के बाद उसे डस्टर से साफ कर दिया जाता है। पानी की जरूरत नहीं होती है। भोजन के वक्त सभी अतिथियों को एक बार में आधा ग्लास पानी ही दिया जाता है। इससे पानी की काफी बचत होती है।